भारत में अब नहीं बिकेंगे बिना Type-C पोर्ट वाले डिवाइस, अलग-अलग चार्जर खरीदने का झंझट होगा खत्म

सभी कंपनियों और हित धारकों के बीच बनी इस सहमति के बाद बीएसआई ने टाइप सी चार्जर के लिए आदर्श मानक तैयार कर लिए हैं. सैमसंग, शाओमी, ओप्पो, वीवो और रियलमी, मोटोरोला ने टाइप C चार्जिंग पोर्ट वाले फोन पर स्विच कर लिया है.

Type-C charging port Type-C charging port
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:52 PM IST
  • टाइप C पोर्ट और चार्जर की कीमत की बात करें तो ये 100 से 150 रुपए से शुरू होते हैं.
  • Type C चार्जर यूज करते हैं ये ब्रांड

भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीएसआई ने मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के यूएसबी चार्जर के सी टाइप को लेकर मानक तय किए हैं. बीएसआई ने इस मुद्दे से जुड़े सभी हित धारकों यानी निर्माता कंपनियों और उपभोक्ताओं के साथ बैठक की. इसमें वैश्विक मानकों के मुताबिक चार्जिंग पोर्ट को लेकर बनी सहमति के बाद यह कदम उठाया गया. बता दें सैमसंग, शाओमी, ओप्पो, वीवो और रियलमी, मोटोरोला ने टाइप C चार्जिंग पोर्ट वाले फोन पर स्विच कर लिया है. टाइप C पोर्ट और चार्जर की कीमत की बात करें तो ये 100 से 150 रुपए से शुरू होते हैं.

सरकार चाहती है टाइप सी चार्जर

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह के मुताबिक पिछले महीनों हुई कई बैठकों के बाद 16 नवंबर को इसी मुद्दे पर निर्णायक बैठक हुई. इसमें स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप और मिनी कंप्यूटर आदि के लिए यूएसबी type-c को ही चार्जिंग पोर्ट के रूप में अपनाने की सहमति बनी. सभी कंपनियों और हित धारकों के बीच बनी इस सहमति के बाद बीएसआई ने टाइप सी चार्जर के लिए आदर्श मानक तैयार कर लिए हैं.

रोहित कुमार के मुताबिक कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पहनने के काम आते हैं जैसे स्मार्ट वॉच, मेडिकल बेल्ट, ब्रेसलेट आदि. इनके लिए आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की टीम सिंगल चार्जिंग पोर्ट तैयार करने के लिए अनुसंधान और अध्ययन कर रही है. उसकी रिपोर्ट मिलने के बाद इस उद्योग से जुड़े हित धारकों यानी कंपनियों और उपभोक्ताओं से चर्चा की जाएगी.

कॉमन चार्जिंग पोर्ट होंगे तैयार

कुमार के मुताबिक सरकार ने मोबाइल फोन, टैबलेट और लैपटॉप वगैरह के साथ साथ पहने जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए दो अलग सामान्य प्रकार के यानी कॉमन चार्जिंग पोर्ट तैयार करने की योजना बनाई है. क्योंकि मोबाइल और लैपटॉप निर्माताओं के पास वैश्विक सप्लाई चैन है. यूरोपीय संघ ने भी 2024 तक सभी फोन में और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में टाइप सी चार्जिंग पोर्ट देने का ही फैसला किया है. वैश्विक प्रतिस्पर्धा और मार्केट को देखते हुए भारत सरकार ने भी इसी के मद्देनजर यह कदम उठाया है ताकि हमारे व्यवसाई उद्यमी और उपभोक्ता दुनिया के साथ कदम मिलाते हुए उनसे आगे जा सकें.

 

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