दिल्ली-NCR में एक नया फ्रॉड सामने आया है. इसे वॉयस क्लोनिंग फ्रॉड कहा जा रहा है. इसमें अपराधी आवाज को क्लोन करने के लिए एडवांस सॉफ्टवेयर का उपयोग करता है. साथ ही पीड़ितों को यह विश्वास दिलाता है कि वे मुश्किल में फंसे अपने बच्चों या परिवारवालों से बात कर रहे हैं. जिसके झांसे में आ कर लोग फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं.
नोएडा में आए हैं कई मामले सामने
ऐसा ही एक मामला नोएडा में सामने आया है. ये मामला सेक्टर 78 में महागुन मॉडर्न अपार्टमेंट के निवासी हिमांशु शेखर सिंह से जुड़ा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हिमांशु सिंह ने एक परेशान करने वाला अनुभव सुनाया, जहां उन्हें पुलिस इंस्पेक्टर होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति का फोन आया. फोन करने वाले ने आरोप लगाया कि सिंह का बेटा आपराधिक गतिविधियों में शामिल था और अपना नाम हटाने के लिए मोटी रकम की मांग की. हैरानी की बात यह है कि हिमांशु ने अपने बेटे की आवाज सुनी जो फोन पर मदद की गुहार लगा रहा था, जिससे बाद हिमांशु में सभी मांगे मान ली. संदेह के बावजूद, हिमांशु घोटाले का शिकार हो गए और बाद में उन्हें धोखे का एहसास हुआ.
इसी तरह, राजेश कुमार गर्ग को भी ऐसी ही परेशानी का सामना करना पड़ा. उन्हें एक कॉल आया जिसमें उनके बेटे को एक मनगढ़ंत आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी दी गई थी. संकट में फंसे अपने बेटे की ठोस आवाज से प्रभावित होकर, राजेश ने धोखेबाजों की मांगों के आगे घुटने टेक दिए. इस फ्रॉड में भी वॉयस क्लोनिंग का ही सहारा लिया गया.
सतर्कता और जागरूकता है जरूरी
वॉयस क्लोनिंग स्कैम से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि लोग सतर्कता रखें. साथ ही ऐसे स्कैम को लेकर जागरूक रहें. फ्रॉड करने वाले लोग प्रियजनों की आवाज से भावनात्मक कमजोरी का फायदा उठाते हैं,.
वॉयस क्लोनिंग धोखाधड़ी से खुद को बचाएं
जबकि वॉयस क्लोनिंग धोखाधड़ी एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करती है, ऐसे उपाय हैं जो व्यक्ति खुद को ऐसे घोटालों का शिकार होने से बचाने के लिए कर सकते हैं:
1. कॉलर वेरिफिकेशन: हमेशा जांच करने वाले प्रश्न पूछकर या उससे जुड़े किसी प्राधिकारी से संपर्क करके कॉल करने वाले की पहचान वेरीफाई करें. बिना कॉलर वेरिफिकेशन के कोई भी एक्शन लेने से बचें.
2. वित्तीय लेन-देन में सावधानी बरतें: वित्तीय लेन-देन करने या फोन पर संवेदनशील जानकारी शेयर करने से बचें.
3. सूचित रहें: आसपास जिस भी तरह के फ्रॉड चल रहे हैं उनके बारे में सूचित रहें और वॉयस क्लोनिंग धोखाधड़ी से जुड़े जोखिमों के बारे में खुद को और अपने प्रियजनों को शिक्षित करें.
4. संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें: किसी भी संदिग्ध कॉल या धोखाधड़ी वाली गतिविधियों की रिपोर्ट लोकल पुलिस स्टेशन में करें या साइबर क्राइम हेल्पलाइन जैसे संबंधित अधिकारियों से इस बार में बात करें, ताकि आगे इस फ्रॉड को रोका जा सके और जांच में सहायता मिल सके.
सतर्क रहकर और सक्रिय उपाय अपनाकर, व्यक्ति वॉयस क्लोनिंग फ्रॉड से बच सकता है. साथ ही खुद को और अपने प्रियजनों को इनका शिकार होने से बचा सकते हैं.