सड़क दुर्घटना में 4 सितंबर को बिजनेस मैन साइरस मिस्त्री की मौत के बाद से केंद्र सरकार ने चार पाहियां वाहनों में सीट बेल्ट को लेकर नियम काफी सख्त कर दिए हैं. यात्रियों की सुरक्षा को अहम मानते हुए इनका कड़ाई से पालन करने को कहा गया है. इसी के बाद से अब पीछे वाली सीट पर भी सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य हो गया है. सड़क सुरक्षा नियमों को तेज करने के लिए, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को पीछे की सीट बेल्ट का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया है. जो व्यक्ति ऐसा नहीं करेगा उसपर 1,000 रुपये का जुर्माना भी रखा गया है.
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री पिछली सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीटबेल्ट नहीं पहना हुआ था. इस वजह से उनकी तेज रफ्तार मर्सिडीज महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक डिवाइडर से टकरा गई थी, जिसमें उनकी मौत हो गई.
लगेगा 1 हजार का जुर्माना
विशेष अभियान के पहले दिन, पुलिस ने अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए मध्य दिल्ली में कनॉट प्लेस के पास बाराखंभा रोड पर चेकिंग की.पहले दिन दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने दोपहर में 17 चालान किए और उल्लंघन करने वालों पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ''मोटर वाहन अधिनियम की धारा 194 बी (सुरक्षा बेल्ट का उपयोग और बच्चों के बैठने) के तहत सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक ड्राइव के दौरान कुल 17 अदालती चालान जारी किए गए.''
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस पहले से ही सीट बेल्ट पहनने के महत्व को लेकर जन जागरूकता फैलाने के लिए एक अभियान चला रही है. पिछले हफ्ते, दिल्ली पुलिस ने नागरिकों से अधिक गति न करने और हमेशा सीट बेल्ट पहनने का आग्रह करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया था.
अलार्म लगाना जरूरी
हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हालांकि पिछली सीट के यात्रियों के लिए सीटबेल्ट पहनना अनिवार्य है, लेकिन लोग वास्तव में इसका पालन नहीं करते हैं. गडकरी ने कहा कि अपराधियों पर जुर्माना लगाया जाएगा क्योंकि "किसी भी कीमत पर, जान बचाई जानी है." उन्होंने खुलासा किया कि मंत्रालय वाहन निर्माताओं के लिए पिछली सीटों के लिए भी सीट बेल्ट अलार्म सिस्टम लगाना अनिवार्य करने की योजना बना रहा है.
1.2 करोड़ लोगों को जारी हुआ था नोटिस
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल दिल्ली में वाहन चालकों या यात्रियों की लापरवाही से हुई सड़क दुर्घटनाओं में 1,900 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने पिछले साल अपराधियों को सीट बेल्ट नहीं लगाने, अनुचित पार्किंग, लाल बत्ती कूदने और तेज गति से गाड़ी चलाने के लिए 1.2 करोड़ से अधिक नोटिस जारी किए थे.
इसके अलावा दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने टिंटेड खिड़कियों वाले वाहनों की जांच के लिए एक अलग से अभियान चलाया था. पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, "आज से, #DelhiTrafficPolice उन लोगों को दंडित करेगी, जिनके पास अनुमेय सीमा से अधिक टिंटेड ग्लास / ग्लास फिल्म है. साथ ही, हम बिना लाइसेंस के ड्राइविंग करने वाले नाबालिगों पर भी नजर रखेंगे और वाहन मालिकों को दंडित करेंगे."