क्या है eDAR ऐप, जिसकी मदद से सड़क हादसे में होने वाली मौतों को कम करने के लिए काम कर रही है सरकार

सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए सरकार ने eDAR ऐप लॉन्च की है. इस प्लेटफॉर्म पर अब तक सात लाख से अधिक दुर्घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. सरकार को उम्मीद है कि यह मंच मृत्यु दर को कम करने में मदद करेगा और राज्यों और स्थानीय अधिकारी का मार्गदर्शन करेगा. 

Road Accident
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 1:45 AM IST

सरकार सड़क दुर्घटना और इससे होने वाले नुकसान से निपटने के लिए कई तरह के उपाय कर रही है. अब इसके लिए सरकार ने एक नया एपलिकेशन लॉन्च किया है. सड़क दुर्घटनाओं पर रियल टाइम डेटा एकत्र करने और इसमें शामिल व्यक्तियों और वाहनों के विवरण के साथ देश भर में 500 मीटर तक के छोटे हिस्सों पर लाइव कलर-कोडेड हीटमैप तैयार करने के लिए इसे लॉन्च किया गया है. सरकार को उम्मीद है कि यह मंच मृत्यु दर को कम करने में मदद करेगा और राज्यों और स्थानीय अधिकारी का मार्गदर्शन करेगा. 

क्या है eDAR ऐप
सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने सड़क दुर्घटनाओं को रिकॉर्ड करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिटेल्ड एक्सीडेंट रिपोर्ट (eDAR) एप्लिकेशन का उपयोग करना शुरू कर दिया है. इस प्लेटफॉर्म पर अब तक सात लाख से अधिक दुर्घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. साल 2021 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक 1.5 लाख मौतें हुईं, जो दुनिया भर में होने वाली सभी सड़क मौतों का 11% है. सरकार का लक्ष्य साल 2030 तक सड़क पर होने वाली सभी मौतों को आधा करने का है. 

गंभीरता दिखाने के लिए अलग-अलग रंगों का प्रयोग
रोड सेफ्टी और ट्रामा केयर पर एनसीआर योजना बोर्ड की हाल ही में आयोजित बैठक में, सड़क परिवहन मंत्रालय ने eDAR का विवरण दिया और बताया कि कैसे केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां ​​जैसे पुलिस, स्वास्थ्य, परिवहन और सड़क मालिक एजेंसियां ​​इसमें शामिल हुई हैं. डेटा को स्थानीयकृत करने के लिए, पूरे क्षेत्र को यूनीक ग्रिड आईडी के साथ 2 वर्ग किमी ग्रिड में विभाजित किया गया है और जीआईएस टूल की मदद से, प्रत्येक ग्रिड में क्रैश की संख्या का हिसाब लगाया जाता है. प्लेटफॉर्म पर, सड़कों को 500 मीटर के खंडों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक खंड में, दुर्घटनाओं का मिलान किया जाता है और दुर्घटनाओं की गंभीरता को दिखाने के लिए अलग-अलग रंगों का उपयोग किया जाता है. विश्लेषण मॉड्यूल कुल दुर्घटनाओं, शामिल व्यक्तियों और वाहनों और समय और दुर्घटना के कारणों जैसे तेज गति, नींद की वजह से दुर्घटना आदि जैसे विवरण भी प्रदान करता है.

किया जाता है सचेत
एक सूत्र ने कहा कि डेटा का संग्रह पुलिस के साइट पर पहुंचने और दुर्घटनास्थल से ही ऐप में सभी विवरण फीड करने के साथ शुरू होता है. फिर पुलिस अधिक जानकारी के लिए परिवहन और स्वास्थ्य विभाग और संबंधित सड़क मालिक एजेंसी को सचेत करती है. मंत्रालय ने बोर्ड को सूचित किया कि आईआईटी, मद्रास द्वारा एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग करके सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों के गहन विश्लेषण के लिए एक एप्लिकेशन भी विकसित किया जा रहा है. सड़क परिवहन मंत्रालय ने 2030 तक वाहनों में एडवांस्ड ड्राइवर असिस्ट सिस्टम और अल्कोहल इग्निशन इंटरलॉक डिवाइस जैसे अनिवार्य प्रावधानों के लिए समयसीमा भी तैयार की है.

2030 तक अन्य योजना 
1. एनएच नेटवर्क पर उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली
2. वाहन चलाते समय ड्राइवरों की सहायता के लिए वाहनों में अंतर्निहित इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी उन्नत ड्राइवर सहायता प्रणाली (ADAS)को अनिवार्य करना.
3. अल्कोहल इग्निशन इंटरलॉक डिवाइस. एक तरीके का यंत्र. ड्राइवर को डिवाइस के माउथपीस में फूंक मारने पड़ता है. अगर ड्राइवर ने ड्रिंक कर रखी होती है तो सांस में मौजूद अल्कोहल की मात्रा इंजन को चालू होने से रोकती है.

 

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