Dhruvastra Missile: रात में भी सटीक निशाना लगाती है ध्रुवास्त्र मिसाइल, जानिए सेल्फ गाइडेड मिसाइल की खासियत

Anti-Tank Guided Missile: ध्रुवास्त्र मिसाइल ने सारे टेस्ट पास कर लिए हैं. अब इस मिसाइल को हेलिकॉप्टर और फाइटर जेट्स पर तैनात किया जाएगा. यह एक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है. ध्रुवास्त्र मिसाइल असल में नाग मिसाइल का ही आधुनिक संस्करण है.

नाग मिसाइल का आधुनिक संस्करण ध्रुवास्त्र मिसाइल की खासियत जानिए (Photo/Twitter)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

भारतीय सेना को ध्रुवास्त्र मिसाइल की ताकत मिलने जा रही है. बरसों तक चले कठिन परीक्षण के बाद ये मिसाइल सेना में शामिल होने के लिए तैयार हो गई है. इसे थल सेना और वायुसेना में तैनात किया जाएगा. बरसों तक चली कठिन परीक्षा पास करने के बाद ध्रुवास्त्र मिसाइल तैनाती के लिए तैयार है. इस मिसाइल ने सेना में शामिल होने के लिए तमाम परीक्षणों को कामयाबी से पूरा किया. अब देश के एक ताकतवर सिपहसालार के तौर पर इस मिसाइल को सेना के हेलिकॉप्टर, वायुसेना के हेलिकॉप्टर और फाइटर जेट्स पर तैनात किया जाएगा.
 
नाग मिसाइल का आधुनिक वर्जन है ध्रुवास्त्र-
ध्रुवास्त्र मिसाइल असल में नाग मिसाइल का ही आधुनिक संस्करण है. डीआरडीओ ने भविष्य की जरूरतों को भांपते हुए नाग मिसाइल के दो नए संस्करण बनाए हैं. इनमें से थल सेना में इस्तेमाल होने वाली मिसाइल को हेलिना और वायुसेना में तैनात होने वाली मिसाइल को ध्रुवास्त्र का नाम दिया गया है.

सेल्फ गाइडेड मिसाइल है ध्रुवास्त्र-
ध्रुवास्त्र एक सेल्फ गाइडेड मिसाइल है. यानी दुश्मन चाहे जहां भी छिपा हो, आंखों से भले ही न दिख रहा हो, लेकिन वो इस मिसाइल की नजरों से नहीं बच सकता. ये मिसाइल फायर एंड फॉरगेट की तर्ज पर काम करती है. यानी एक बार दुश्मन के टारगेट को लॉक कर दिया जाए तो ये उसे तबाह करके ही दम ले ती है. अगर टारगेट ने रास्ता बदल लिया तो ये रास्ता बदलकर उसका पीछा करती है. मिसाइल में लगी इंफ्रारेड इमेजिंग सीकर यानी IIR तकनीक इस काम में मिसाइल की मदद करती है.

मिसाइल में क्या है खास-
ध्रुवास्त्र मिसाइल में ऐसी कई खूबियां हैं, जो इसे युद्ध के मैदान का ऑलराउंडर बना देती हैं. चलिए आपको बताते हैं कि इसमें क्या खास है. 

  • ध्रुवास्त्र एक सेल्फ गाइडेड मिसाइल है.
  • मिसाइल की लंबाई 6.1 फीट है.
  • मिसाइल का वजन 45 किलोग्राम है.
  • इसमें 8 किलोग्राम विस्फोटक लगा होता है.
  • इसे हेलिकॉप्टर और फाइटर जेट्स से दागा किया जा सकता है.
  • ये 20 किलोमीटर दूर मौजूद दुश्मन के टैंक को ये तबाह कर सकती है.
  • ये मिसाइल 828 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हमला करती है.
  • ये मिसाइल हर मौसम में बेहद कारगर है.
  • दिन ही नहीं, रात में भी ये सटीक निशाना लगाती है.
  • ये दुनिया के अत्याधुनिक एंटी टैंक हथियारों में शामिल है.

तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक मिसाइल-
ध्रुवास्त्र तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक मिसाइल है. इसे एलसीएच या प्रचंड हेलिकॉप्टर पर भी तैनात किया जा सकता है. इसके साथ ही इसे ध्रुव हेलिकॉप्टर और एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर पर भी तैनात किया जा सकता है.
डीआरडीओ ने बरसों की मेहनत के बाद इस मिसाइल को सेना में शामिल होने के काबिल बनाया है. पिछले कई बरसों से इस मिसाइल का लगातार परीक्षण चल रहा था. हर परीक्षण में इस मिसाइल ने सटीक निशाना लगाकर अपनी काबिलियत साबित की है. डीआरडीओ ने इसे पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से तैयार किया है. इस मिसाइल की वजह से ही भारत ने हेलिकॉप्टर से फायर होने वाले मिसाइलों के आयात पर पाबंदी लगा दी है. यानी ध्रुवास्त्र मिसाइल देश की ताकत बढ़ाने के साथ साथ आत्मनिर्भर भारत की मिसाल भी बन गई है.

ये भी पढ़ें:

Read more!

RECOMMENDED