आपकी सेल्फी का इस्तेमाल ठगी में कर रहे साइबर क्रिमिनल्स, सेल्फी फ्रॉड से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके

कई ऐप्स या वेबसाइट में पहचान साबित करने के लिए सेल्फी लेने के लिए कहा जाता है. इसे सेल्फी ऑथेंटिकेशन कहा जाता है. इस टेक्नोलॉजी के जरिए ये सुनिश्चित किया जाता है कि आप वही व्यक्ति हैं, जिसके होने का आप दावा कर रहे हैं.

Selfie Authentication Fraud
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST
  • सेल्फी फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें
  • अपने फोन में अच्छे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें.

आज के डिजिटल जमाने में सेल्फी लेना और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करना आम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी सेल्फी पर अब साइबर फ्रॉड्स की नजर पड़ गई है. जी हां, साइबर क्रिमिनल्स अब सेल्फी का इस्तेमाल कर आपकी पर्सनल से लेकर आपके बैंक अकाउंट तक की जानकारी निकाल सकते हैं. फिर आपका बैंक अकाउंट खाली भी कर सकते हैं. ये सब अंजाम दिया जा रहा है सेल्फी ऑथेंटिकेशन के जरिए.

सेल्फी ऑथेंटिकेशन है क्या?
कई ऐप्स या वेबसाइट में पहचान साबित करने के लिए सेल्फी लेने के लिए कहा जाता है. इसे सेल्फी ऑथेंटिकेशन कहा जाता है. इस टेक्नोलॉजी के जरिए ये सुनिश्चित किया जाता है कि आप वही व्यक्ति हैं, जिसके होने का आप दावा कर रहे हैं. ज्यादातर बैंक और फिनटेक कंपनियां सेल्फी के जरिए लोगों का वेरिफिकेशन करती हैं. अब इसी टेक्नोलॉजी का उपयोग कर साइबर अपराधी आपके साथ ठगी कर सकते हैं.

सेल्फी ऑथेंटिकेशन के जरिए फ्रॉड कैसे हो सकता है?
डीपफेक: साइबर क्रिमिनल्स आपके सोशल मीडिया प्रोफाइल से आपकी सेल्फी चुराकर इसका इस्तेमाल डीपफेक के लिए कर सकते हैं. ये AI का उपयोग करके, आपकी नकली सेल्फी बना सकते हैं जो आगे चलकर आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है.

सोशल इंजीनियरिंग: साइबर अपराधी आपको फिशिंग ईमेल या SMS भेजते हैं. इस  पर आपको क्लिक करने को कहा जाता है. जैसे ही आप इस पर क्लिक करते हैं, आप फर्जी बेवसाइट पर पहुंच जाते हैं. जहां आपको सेल्फी ले कर अपलोड करने को कहा जाता है.  इस तरह  साइबर अपराधी आपकी सेल्फी का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं.

अकाउंट टेकओवर: एक बार जब साइबर अपराधी के पास आपके चेहरे का डीपफेक हो जाता है. तो वो इसका इस्तेमाल करके आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं.

लोन लेना: साइबर क्रिमिनल्स आपकी सेल्फी का उपयोग करके आपके नाम पर लोन भी ले सकते हैं.

मैलवेयर: साइबर अपराधी आपके फोन में मैलवेयर इंस्टॉल कर, आपके फोन तक पहुंच जाते हैं. ऐसे में वो आपको बिना बताए आपकी सेल्फी ले सकते हैं और उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं.

सिम कार्ड क्लोन करना: आपकी सेल्फी का उपयोग कर साइबर अपराधी आपके सिम कार्ड को क्लोन कर सकते हैं. आपके मोबाइल नंबर पर आने वाले सभी ओटीटी रिसीव कर सकते हैं.

सेल्फी ऑथेंटिकेशन फ्रॉड से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखें?

फिशिंग से सावधान रहें: अनजान ईमेंल या SMS से सावधान रहें. इसके जरिए जो लिंक आया हो उसपर क्लिक न करें.

पासवर्ड मजबूत रखें: अपने बैंक अकांउट के लिए मजबूत पासवर्ड रखें. एक ही पासवर्ड का हर जगह यूज न करें.

Two factor authentication: साइबर अपराध से बचने के लिए Two factor authentication का यूज करें.

सोशल मीडिया पर सावधान रहें: अपनी निजी जानकारी को सोशल मीडिया पर शेयर करने से बचें. सोशल मीडिया पर आपके फोटो या पोस्ट को कौन देख सकता है इसकी लिमिट तय कर दें.

शक होने पर रिपोर्ट करें: अगर आपको शक है कि आपके साथ कोई साइबर फ्रॉड हुआ है तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें. 

एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का प्रयोग करें:  अपने फोन में अच्छे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें.

फोन के सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें: साइबर अपराध से बचने के लिए अपने फोन के सॉफ्टवेयर को समय-समय पर अपडेट करते रहें. हमेशा सावधान रहें अपनी पर्सनल जानकारी दूसरों को साझा करने से बचें.

यह स्टोरी नेहा मिश्रा ने लिखी है, नेहा GNTTV में बतौर इंटर् काम कर रही हैं.

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