Sim Swapping: अगर आपके फोन में अचानक चले जाएं नेटवर्क तो क्या हो सकता है उसका मतलब...सिम स्वैपिंग क्या है और खुदको इससे कैसे बचाएं

कई बार आपने देखा होगा कि आपके पास किसी तरह का कोई मैसेज आया हो और सामने से आपका दोस्त आपसे पैसों की मांग कर रहा हो. ये बात आपको थोड़ी अजीब लग सकती है, तो उसी समय पूरी जांच करें और पता लगा. आजकल एक नया स्कैम आया है, सिम स्वैपिंग.

Sim Swapping
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 1:01 PM IST

स्मार्टफोन हमारे रोजमर्रा के जीवन का अभिन्न अंग हैं और इसी तरह सिम कार्ड और मोबाइल नेटवर्क भी. बैंकिंग ऐप्स तक पहुंचने से लेकर, ईमेल की जांच करने तक यह सब मोबाइल नेटवर्क के जरिए ही हो पाता है.लेकिन इस फ्रीडम और सुविधा का फायदा कई सारे फ्रॉड उठा रहे हैं और लोगों को टारगेट करने के नए नए तरीके निकाल रहे हैं. हाल ही के दिनों में सिम स्वैपिंग के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं.

सिम स्वैपिंग क्या है?
जैसे कि नाम से पता चल रहा है सिम स्वैपिंग वो प्रोसेस है जहां स्कैमर्स आपके सिम कार्ड तक पहुंच बनाते हैं. आसान भाषा में इसे आपकी डिजिटल आइडेंटिटी की चोरी कहा जा सकता है. एक बार जैसे ही वो उस तक पहुंच हासिल कर लेते हैं, इसके जरिए वो आपके दोस्तों और परिवार तक पहुंच बनाते हैं और फिर उनको बेवकूफ बनाकर आपके नाम पर पैसे वसूलते हैं. इसके जरिए ऑनलाइन बैंकिंग तक पहुंच बनाते हैं और सोशल मीडिया प्रोफाइल पर कंट्रोल करते हैं.

इंटरनेट बैंकिंग सहित अन्य ऑनलाइन प्रोडक्ट्स और सर्विसेज के लिए ओटीपी-बेस्ड टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूरी हो गया है. इससे इंटरनेट बैंकिंग और सिम कार्ड तक अपराधियों की पहुंच जैसे नुकसान वाले कामों को रोका जा सके. यही कारण है कि आपको सतर्क रहना और इस प्रकार के साइबर अपराध से खुद को बचाना बेहद जरूरी है. जानिए सिम स्वैपिंग से बचने के कुछ आसान टिप्स...

पहचान पत्र ऑनलाइन न उपलब्ध हो
कुछ स्कैमर्स बहुत सारी जानकारी आपके आधार कार्ड से इकट्ठा कर लेते हैं. फिर वो डुप्लीकेट सिम कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं. सफल होने पर, वे आपके फोन नंबर तक पहुंच प्राप्त कर लेते हैं. इसलिए हमेशा सतर्क रहना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपके सिम में हमेशा नेटवर्क कवरेज हो.अगर आपका सिम कार्ड नेटवर्क कनेक्टिविटी खो देता है, तो संभावना है कि किसी और ने आपके फोन नंबर तक एक्सेस पा लिया है. अगर आप मैसेज नहीं भेज पा रहे हैं या फोन कॉल नहीं कर पा रहे हैं, तो हो सकता है आप सिम स्वैप के शिकार हो गए हों.

स्मिशिंग और फिशिंग से सावधान रहें
स्मिशिंग और फिशिंग दो सबसे आम हैकिंग तरीके हैं. इस तरह के फ्रॉड में ये स्कैमर्स लोगों को असली जैसे दिखने वाले फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और प्रॉम्प्ट भेजते हैं. इसके बाद आपको अपने पर्सनल डिटेल्स वाले फॉर्म को भरना होता है. कई बार ये आपको फोन में कुछ डाउनलोड करने का लालच देकर फंसा सकते हैं. अगर आपने एक बार फोन में ये ऐप्स डाउनलोड कर लिया तो ये हैकर्स को रिमोट लोकेशन से आपके फोन कै कंट्रोल दे देता है. इस तरह के फ्रॉड में स्कैमर्स बिना किसी फिजिकल सिम कार्ड एक्सेस के आपके फोन और सिम कार्ड का रिमोट एक्सेस पा सकते हैं.

सिम स्वैपिंग को कैसे रोकें?
अगर आपका फोन या सिम कार्ड खो जाता है, तो तुरंत अपने नेटवर्क प्रोवाइडर से संपर्क करके उसे ब्लॉक करा दें. इसके बाद डुप्लीकेट सिम कार्ड प्राप्त करें. एक ही नंबर वाले दो सिम कार्ड रखना गैरकानूनी है, इसलिए स्कैमर्स आपके सिम कार्ड का दुरुपयोग नहीं कर पाएंगे. अपने सिम कार्ड को लॉक करके आप खुद को सिम स्वैपिंग से बचा सकते हैं. सिम कार्ड के एक्सेस के लिए एक पासवर्ड की जरूरत होती है. यदि आप पासवर्ड भूल जाते हैं, तो आपको डुप्लिकेट सिम कार्ड के लिए अपने नेटवर्क प्रोवाइडर से संपर्क करना पड़ सकता है. जब एक सिम कार्ड को एक फोन से दूसरे फोन में ट्रांसफर किया जाता है तो सिम लॉकिंग शुरू हो जाती है और सही पासवर्ड के बिना नेटवर्क सर्विसेज का उपयोग नहीं किया जा सकता है.

eSIM का करें इस्तेमाल
यदि आपके पास एक फोन है जो eSIM को सपोर्ट करता है, तो आप फिजिकल सिम कार्ड को eSIM में कनवर्ट करा सकते हैं. यह सिम स्वैपिंग से बचाने का एक और तरीका है. डिवाइस को अनलॉक किए बिना eSIM ट्रांसफर करना लगभग असंभव है. अगर फोन चोरी भी हो जाता है तो यूजर ई-सिम कार्ड के साथ सिम-स्वैप फ्रॉड से बच सकते हैं. सोशल मीडिया हैक से बचने के लिए जरूरी है कि आप ओटीपी की जगह टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें.

 

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