केंद्र सरकार ने पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल ( Personal Data Protection Bill 2021) वापस ले लिया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सरकार इसके बदले भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बिल का मसौदा तैयार कर सदन में लाएगी. इस बिल को दो साल पहले पेश किया गया था. इस बिल को लेकर विपक्ष ने आपत्ति जताई थी. उनका आरोप था कि इस बिल से सरकार किसी भी व्यक्ति की जासूसी आसानी से कर सकती है.
क्यों लाया गया था यह बिल
किसी के व्यक्तिगत डाटा का इस्तेमाल कंपनियां और सरकार किस तरह करें, इसे नियंत्रित करने के लिए इस बिल को लाया गया था. विधेयक को 2018 में जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति द्वारा तैयार किया गया था. केंद्र सरकार ने 2019 में इस बिल को पेश किया था, जिसे दिसंबर 2021 में संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था.
क्या है निजी डेटा संरक्षण विधेयक
देश के नागरिकों का निजी डेटा सुरक्षित रखने के लिए ये बिल लाया गया था. इस बिल को 11 दिसंबर 2019 को संसद में पेश किया था. इस बिल के अनुसार कोई भी निजी या सरकारी संस्था किसी व्यक्ति के डाटा का उसकी अनुमति के बिना इस्तेमाल नहीं कर सकता था. इसमें किसी भी व्यक्ति को उसके डाटा के संबंध में अहम अधिकार दिए गए थे. इस बिल में राष्ट्रीय सुरक्षा, कानूनी कार्यवाही के लिए इस डाटा का इस्तेमाल किया जाने के प्रावधान भी शामिल था. हालांकि सरकार ने कहा था कि डाटा का गलत इस्तेमाल करने पर दोषी व्यक्तियों को दंडित किया जाएगा. ये विधेयक उस व्यक्ति के निजी डाटा को उससे जुड़ी किसी भी जानकारी के रूप में परिभाषित करता था. यह विधेयक सरकार को विदेशों से व्यक्तिगत डेटा के हस्तांतरण को अधिकृत करने की शक्ति देता था. विधेयक में व्यक्तियों की डिजिटल गोपनीयता की सुरक्षा के लिए देश में एक डेटा संरक्षण प्राधिकरण स्थापित करने की मांग भी की गई थी.
सरकार ने इसे क्यों वापस लिया है?
केंद्र सरकार ने इस विधेयक को इसलिए वापस लिया है ताकि संसदीय समिति की सिफारिशों के आधार पर नया विधेयक तैयार कर उसे संसद में पेश किया जा सके. हालांकि जब ये बिल आया था तब भी जानकारों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि बिल के प्रावधानों में निजी डेटा को लेकर पर्याप्त सुरक्षा नहीं है. पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को लेकर संसद की संयुक्त समिति (JCP) ने इसमें 81 संशोधनों की सिफारिश की थी.