केरल में बीते दिनों एक शख्स के साथ साइबर फ्रॉड हुआ, फ्रॉड भी ऐसा जिसने सबको चौंका कर रख दिया. अब तक आपने साइबर फ्रॉड के अलग अलग तरीकों के बारे में सुना होगा लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते इस्तेमाल के साथ अब इसके मदद से साइबर फ्रॉड भी बढ़ने लगे हैं. ऐसा ही मामला ,केरल से सामने आया जहां एक शख्स को अपने परिचित का व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आया जिसमें नजर आ रहा शख्स उसका पुराना परिचित था और फिर उसने अपने अपनी परेशानी का हवाला देते हुए शख्स से रुपए मांगे. हालांकि बाद में जब इस मामले का खुलासा हुआ तब यह बात सामने आई कि वो कॉल साइबर फ्रॉड ने की थी और इस तरह के कॉल के लिए उन्होंने एआई का इस्तेमाल किया.
फेक वीडियो कॉल से होते हैं फ्रॉड
ऐसे में आपके मन में कई सवाल होंगे की आखिर एआई की मदद से कैसे फेक वीडियो कॉल होते है और किस तरह से ये लोगों को अपना शिकार बनाते है. इसे समझाते हुए साइबर एक्सपर्ट डॉक्टर पवन दुग्गल ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों तरीके से किया जाता है. साइबर फ्रॉड करने वालों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काफी मददगार भी साबित हो रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए पहले लोगों का भरोसा जीता जा रहा है, इस तरह के फेक वीडियो कॉल में आपको किसी अपने जान पहचान वाले की कॉल आती है और आप ध्यान से नहीं देखेंगे लेकिन या तो वीडियो डीप फेक होती है या मॉर्फ्ड होती है. एक बार आप उस कॉल पर विश्वास कर लेंगे और जैसे ही आपने पैसे भेज दिए या उस कॉल पर भरोसा कर लिया आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाएंगे. पूरी दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से होने वाले साइबर फ्रॉड ने तहलका मचा दिया है क्योंकि इसके इस्तेमाल से लोगों को ठगना काफी आसान हो गया है. इसलिए जरूरी है कि लोग अब सतर्क और सावधान रहे.
कैसे करें सही गलत की पहचान
ऐसे में दूसरा सवाल ये है की किस तरह से पहचान की जाए की जो कॉल आ रही है वो सही है या फेक है. इसका जवाब देते हुए डॉक्टर पवन दुग्गल बताते हैं कि अगर आपको किसी की भी कॉल आए तो सबसे पहले आपको यह सोचना चाहिए कि जिसने भी आपको वीडियो कॉल की है आपको उनकी अक्सर कॉल आती है या काफी दिनों बाद कॉल आई है. ऐसे में को शख्स आपको रोजमर्रा वीडियो कॉल नहीं करते हैं तो यह सबसे पहला संकेत है कि आप उस वीडियो कॉल को इग्नोर करें. अगर वीडियो कॉल किसी ऐसे शख्स की है जो आपका करीबी है तो आप उस कॉल को कट करने के बाद एक बार उन्हें फोन करके जरूर पुष्टि करें. वहीं अक्सर जो फेक वीडियो कॉल होते हैं उसमें लिप मूवमेंट काफी अहम होता है क्योंकि साइबर फ्रॉड करने वाले तस्वीरों पर किसी एप के जरिए ऑडियो फिट कर देते हैं जिससे आवाज तो आपके परिचित की आती है लेकिन लिफ्ट मूवमेंट काफी नकली होता है जिसे आसानी से पहचाना जा सकता है.
व्हाट्सएप का नया फीचर हो सकता है कारगर!
साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि व्हाट्सएप का एक नया फीचर है जिसमें आप अननोन कॉल को साइलेंट कर सकते हैं और इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए इस फीचर का इस्तेमाल किया जा सकता है.लेकिन ज्यादातर लोग आज भी व्हाट्सएप के सभी फीचर से परिचित नहीं है ऐसे में जरूरी है कि अगर वह नई तकनीक का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें नए फीचर्स को भी जानना और समझना चाहिए.
मौजूदा दौर में अधिकांश लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं ऐसे में जो वो देखते है उसे सच मान लेते हैं आजकल डीप फेक एक टेक्नोलॉजी है जिसकी मदद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए झूठे वीडियो कॉल किए जाते है, इसमें तस्वीरे और आवाज दोनो उसी शख्स की होती है. ऐसे में इसकी पहचान करना भी काफी मुश्किल हो जाता है, इसलिए हमे थोड़ा सर्तक रहने को जरूरत है, हर जानकारी के ऊपर शक होना चाहिए और जब तक किसी चीज को पुष्टि ना हो तब तक उसपर भरोसा न करें.