डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही टिकटॉक बैन पर 75 दिन की मोहलत दे दी. ट्रंप ने कहा कि अगर एलन मस्क चाहें तो इसे खरीद सकते हैं. मैं भी इसे खरीदना चाहूंगा, अगर इससे बैन नहीं हटा तो ये बेकार है, परमिशन मिली तो इसकी कीमत ट्रिलियन डॉलर के बराबर है.
जो बाइडेन के राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान सरकारी डिवाइसों पर टिकटॉक को इंस्टॉल करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. बाइडेन सरकार को ये डर था कि चीन का ये ऐप, अमेरिकियों की जासूसी करने या डेटा कलेक्शन और कंटेंट में हेरफेर कर सकता है. हालांकि ट्रंप ने इस सप्ताह की शुरुआत में संकेत दिया था कि ऐप दोबारा डाउनलोड करने के लिए तैयार है.
दरअसल ट्रंप का मानना है कि टिकटॉक ने यंग वोटर्स के साथ जुड़ने में उनकी बहुत मदद की और इस वजह से चुनाव में उनकी जीत संभव हो पाई. ऐसे में ट्रंप चाहते हैं कि टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क टिकटॉक को खरीद लें और इसे अमेरिकी सरकार के साथ पार्टनरशिप में चलाएं.
ट्रंप और एलन मस्क के अलावा लैरी एलिसन भी टिकटॉक को खरीदने में दिलचस्पी दिखा चुके हैं. इसके अलावा दुनिया के नंबर 1 यूट्यूबर मिस्टर बीस्ट भी टिकटॉक खरीदना चाहते हैं. टिकटॉक की मार्केट वैल्यू 150 से 300 बिलियन डॉलर है. अमेरिका में TikTok के करीब 17 करोड़ यूजर्स हैं.
भारत में क्यों बैन किया गया था टिकटॉक
अब सवाल ये उठता है कि इस डील के बाद भारत में भी शुरू होगा TikTok? 29 जून 2020 को भारत ने TikTok समेत 59 चाइनीज ऐप्स पर बैन लगा दिया था. भारत सरकार ने चीनी टेक दिग्गज बाइटडांस के स्वामित्व वाले टिकटॉक पर डेटा का दुरुपयोग करने और जासूसी के उपकरण के रूप में काम करने का आरोप लगाया. बारत सरकार का कहना था कि टिक टॉक के जरिए भारतीय यूजर का डेटा चोरी कर भारत से बाहर मौजूद सर्वर पर भेजा जा रहा है, जो दुश्मनों के पास पहुंच सकता है और इससे देश की सुरक्षा और संप्रभुता को खतरा है. भारत में जब ये ऐप बैन किया गया उस वक्त भारत में इसके 20 करोड़ यूजर्स थे.
क्या इंडिया में फिर शुरू हो सकता है टिकटॉक
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अगर मस्क TikTok को खरीदते हैं, तो यह भारत में दोबारा शुरू हो सकता है. जिन कारणों की वजह से इस ऐप पर बैन लगाया गया था, वो अमेरिका की ओनरशिप के बाद बदल जाएगा. भारतीय नागरिकों का डेटा अमेरिका के पास जाएगा, जिससे यह डेटा सुरक्षित रहने की उम्मीद है. अगर मस्क टिकटॉक खरीदते हैं तो वो ट्रंप सरकार भारत से इसे लेकर बातचीत कर सकती है.