दिन में कई बार हमें ऐसी कॉल आती हैं जो स्पैम होती हैं. हम इनसे परेशान हो जाते हैं. लेकिन अब जल्द ही इनसे छुटकारा मिल सकता है. सरकार ऐसी कॉल्स के लिए कुछ दिशानिर्देशों (Spam call Guidelines) जारी कर सकती है. इस गाइडलाइन को लेकर जो ड्राफ्ट तैयार करने वाले हैं उस समिति के गठन की घोषणा कर दी गई है.
ऐसी कॉल्स करती हैं हमारी प्राइवेसी का उल्लंघन
दरअसल, इसकी मदद से यूजर्स को आने वाली प्रमोशनल या अनचाही कॉलों (Unwanted Calls) की समस्या से निपटा जा सकेगा. ये कॉल्स उनके गोपनीयता अधिकारों (privacy rights) का उल्लंघन करती हैं. इससे पहले बुधवार (14 फरवरी) को उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया था, जिसमें इस तरह की कॉल से संबंधित चिंताओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था.
बता दें, यूजर्स की गोपनीयता पर हमला करने वाली इन अनचाही कॉल को लेकर लगातार चिंता बढ़ रही थी. इसी के जवाब में, सरकार ने ये निर्णय लिया है, जिससे लोगों को काफी फायदा होगा.
कौन-कौन हैं कमेटी में शामिल?
इस नई कमेटी में सेलुलर इंडस्ट्री, दूरसंचार विभाग (DoT) और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI), वित्तीय सेवा विभाग () जैसी दूसरी संबंधित संस्थाओं सहित अलग-अलग क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हैं. बैठक के दौरान उपभोक्ता की गोपनीयता और अधिकारों पर अनचाही कॉल्स के हानिकारक प्रभावों के बारे में भी चर्चा की गई. साथ ही यह समझा गया कि ये कॉल न केवल यूजर्स की गोपनीयता का उल्लंघन करती हैं बल्कि उपभोक्ता अधिकारों का भी उल्लंघन करती हैं. ऐसी कॉलों का एक बड़ा हिस्सा फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर से आता है, जिसके बाद रियल एस्टेट उद्योग आता है.
इंटरनेट-आधारित कॉल के साथ उभरती चुनौतियां
पारंपरिक तरीकों के अलावा, इंटरनेट-आधारित प्लेटफार्मों का उपयोग करने वाले स्पैम कॉलर्स को लेकर भी चिंता जताई गई है. व्हाट्सएप से कई बार लोग स्पैम कॉल्स करते हैं. ये स्पैम कॉल अक्सर व्यक्तियों को पोंजी स्कीम, क्रिप्टो निवेश और झूठी नौकरी की पेशकश जैसी धोखाधड़ी वाली योजनाओं में फंसाते हैं. जिससे रेगुलेटरी बॉडी के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो जाती हैं.
रेगुलेटरी बॉडी और TRAI की गाइडलाइन
दूरसंचार विभाग (DoT) और TRAI विशेष रूप से रजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स से आने वाले स्पैम मैसेज और परेशान करने वाली कॉल के खतरे से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. टेलीमार्केटर्स को अब अपनी व्यावसायिक संस्थाओं, सेन्डर आईडी और SMS टेम्पलेट्स को डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर करना जरूरी है.
TRAI ने बल्क एसएमएस सर्विस इंडस्ट्री के लिए नए दिशानिर्देशों की जरूरत इसलिए भी महसूस की ताकि लोगों को धोखधड़ी से बचाया जा सके. और उपभोक्ताओं को और भी सुरक्षा दी जा सके.
फोन नंबरों के पहले 140 जोड़ने की सलाह
बैठक में कहा गया कि बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं, रियल एस्टेट और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों सहित अलग-अलग क्षेत्रों के टेलीमार्केटर्स को उपभोक्ताओं को वैध कॉल करने वालों की पहचान करने में मदद करनी चाहिए. इसके लिए उन्हें अपने फोन नंबरों के पहले 140 नंबर सीरीज जोड़ने की सलाह दी गई है.