लॉकडाउन, संसाधनों की कमी और कोविड-19 के डर ने हमारी दैनिक आवश्यकताओं को और भी दुर्गम बना दिया है. हालांकि, टेक्नोलॉजी ने हमारा वरदान की तरह साथ दिया. एक तरफ कोरोना वायरस महामारी ने जहां 2021 सभी के लिए मुश्किल भरा कर दिया वहीं कुछ एप्स ऐसे भी थे जिनकी वजह से जीवन थोड़ा आसान रहा. इन एप्स की मदद से सारी दिक्कतें तो नहीं लेकिन कई साड़ी चीज़ें आसान हो गईं. फिर चाहे वो खाने की डिलीवरी हो, सामान की हो, दवाइयों की हो, टैक्सी की हो या कोई और सुविधा हो.
हम आपके लिए लाए हैं 10 मोबाइल एप जिन्होंने कहीं न कहीं हमें इस महामारी से निजात दिलाने में मदद की है....
1. अमेज़न (Amazon)
ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर बुनियादी किराने का सामान ऑर्डर करने और मल्टीमीडिया स्ट्रीमिंग तक, अमेज़ॅन ऐसा एप था जिसके कारण नियमित और दैनिक काम बहुत आसान हो गए थे. अमेरिकी मल्टी-टेक कंपनी अमेज़न के पास ये सारी सुविधाएं थीं. चूंकि कोई भी बाहर निकलने में सक्षम नहीं था, डिलीवरी पार्टनर ने सुरक्षित रूप से सभी के दरवाजे तक सभी आवश्यक सामान पहुंचाया.
2. जोमैटो (Zomato)
जब 'वर्क फ्रॉम होम' (Work from home) काम करने वाले लोगों के लिए जरूरी कर दिया गया, तब जोमैटो ने सभी सावधानी बरतते हुए खाने की डिलीवरी की. जोमैटो ने सुनिश्चित किया कि जो भी भोजन लोगों को भेजा जाए वो सुरक्षा उपायों और स्वच्छता के साथ तैयार किया गया था. इसके अलावा, जिन लोगों का इलाज चला रहा या जो अस्पताल में थे में वे जोमैटो के उप-संगठन 'होमली' से खाना मंगवा रहे थे. उन सभी तक घर जैसा खाना पहुंचाया गया.
3. आरोग्य सेतु (Aarogya Setu)
लॉकडाउन के बाद, कोविड की घटनाओं पर नजर रखना जरूरी हो गया था ऐसे में आरोग्य सेतु एप ने सभी का साथ दिया. लॉकडाउन में ढील के रूप में वायरस के सुपर स्प्रेडर को रोकने के लिए इसे एप ने काफी मदद की. यह एप सरकार द्वारा पॉजिटिव टेस्ट किए गए सभी रोगियों को ट्रैक करने के लिए लॉन्च किया गया था ताकि अनावश्यक भीड़ और वायरस के सुपर स्प्रेडर को रोका जा सके और बीमारी को नियंत्रित किया जा सके.
4. जूम (Zoom)
सोशल डिस्टेंसिंग के दौर में इंसान से इंसान के जुड़ाव के महत्व को सभी ने महसूस किया. जरूरी मीटिंग्स से लेकर इवेंट्स तक, सेलिब्रेशन तक जूम एप बेहद मददगार रहा. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग स्कूल और यूनिवर्सिटी की क्लासेस से लेकर कॉर्पोरेट मीटिंग तक की दैनिक गतिविधि बन गई.
5. गूगल क्लासरूम (Google Classroom)
यह एप ऑनलाइन लाइब्रेरी और छात्रों के लिए प्रमुख अध्ययन का एक उपकरण बन गया है. भारत धीरे-धीरे सभी चीज़ों का डिजिटलीकरण कर रहा है. हालांकि, लॉकडाउन के कारण सभी को ऑनलाइन क्लासेस का रुख अपनाना पड़ा. एकेडमिक कम्युनिकेशन में मध्यस्थता करने के लिए गूगल क्लासरूम सबसे अधिक छात्र और शिक्षक-अनुकूल एप बन गया.
6. फेसबुक (Facebook)
फेसबुक जैसे सोशल मीडिया एप ने परिवार और दोस्तों के संपर्क में रहने के लिए अपना खुद का स्थान बनाया. इसके अलावा, यह उन लोगों के लिए एक सहायक मंच बन गया, जो दूसरी लहर के दौरान लीड और कोविड राहत संसाधनों की तलाश में थे, क्योंकि उस वक्त ये मंच उस सूचना के प्रसार का एक प्रमुख स्रोत था.
7. नेटफ्लिक्स (Netflix)
वायरस के कारण कई लोग अवसाद में चले गए. लेकिन मनोरंजन एक ऐसा माध्यम था जिसने लोगों को खुश रखने में मदद की. ऐसी में नेटफ्लिक्स उन एप्स में शामिल रहा जिसने लोगों को एक हद तक मनोरंजन का एक साधन दिया. नेटफ्लिक्स ने लोगों को जोड़े रखने और जब हर कोई सामाजिक रूप से दूर था और जब मूवी थिएटर सुलभ नहीं थे, सभी बंद थे ऐसे वक्त में नेटफ्लिक्स ने एक मिनी थिएटर का काम दिया.
8. स्पॉटिफाई (Spotify)
नेटफ्लिक्स की तरह, इस म्यूजिक एप ने लोगों को उनकी आशाओं पर टिके रहने में मदद की और यूज़र एक्सपीरियंस को वैयक्तिकृत करके उनकी म्यूजिकल जर्नी का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने में मदद की. इस म्यूजिक एप ने बेहद किफायती दरों पर फैमिली प्लान दिए.
9. लिंक्डइन (LinkedIn)
इस प्रोफाइल बिल्डिंग एप ने लोगों को अपने पेशेवर करियर को ऊपर उठाने और तेजी से ट्रैक करने में मदद की क्योंकि इन-पर्सन मीटअप संभव नहीं थी. इसलिए, इसने लोगों से संपर्क बनाने और काम और भर्ती प्रक्रियाओं को आसान बनाने में मदद की. लिंक्डइन ने अलग-अलग नौकरियों में वैकेंसी का पता लगाने में भी मदद की.
10. उबर (Uber)
हालांकि लॉकडाउन के बाद इस एप की भूमिका को कोई नहीं नकार सकता. सरकारी या सार्वजनिक परिवहन अभी भी बंद है, ऐसे में उबर ने लोगों के लिए दैनिक आवागमन को आसान बना दिया है.
ये भी पढ़ें