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Panch Kailash Yatra: हिमालय में है पंच कैलाश पर्वत, जानिए कैसे करें रोमांच से भरी ये यात्रा

ऋषभ देव
  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2024,
  • Updated 11:36 PM IST
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Panch Kailash Yatra: कहा जाता है कि हिमालय से विशाल कुछ भी नहीं है. हिमालय में आप जितना घूमें, हिमालय का आकर्षण उतना ही अपनी ओर खींचेगा. हिमालय में कैलाश पर्वत है. पौराणिक कथाओं की माने तो हिमालय में भगवा शिव रहते हैं.

आपको शायद ही ये जानते होंगे कि हिमालय में एक कैलाश नहीं बल्कि पांच कैलाश हैं. इन पांचों कैलाश को पंच कैलाश के नाम से जाना जाता है. पंच कैलाश यात्रा हिमालय की सबसे कठिन यात्राओं में से एक है. आइए आज आपको पंच कैलाश के बारे में बताते हैं. पंच कैलाश की यात्रा कैसे करें?

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1. कैलाश मानसरोवर
कैलाश मानसरोवर तिब्बत और चीन में स्थित है. भारत से बाहर होने के बावजूद बड़ी संख्या में भारतीय इस यात्रा को करते हैं. कैलाश मानसरोवर समुद्र तल से 6,338 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. कैलाश मानसरोवर हर धर्म के लिए एक पवित्र जगह है. 

कैसे करें यात्रा?
कैलाश मानसरोवर की यात्रा हर साल अप्रैल से अक्तूबर के बीच में होती है. कैलाश मानसरोवर की यात्रा को करने में लगभग 1 महीने का समय लगता है. कैलाश मानसरोवर को सबसे अच्छा रूट वाया रोड है. कैलाश मानसरोवर के लिए भारत, चीन और नेपाल से बसें चलती हैं. कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए परमिट बनवाना पड़ता है.

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2. किन्नर कैलाश
पंच कैलाश में किन्नर कैलाश भी आता है. किन्नर कैलाश हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में स्थित है. किन्नर कैलाश पर्वत को किन्नौर कैलाश के नाम से भी जाना जाता है. समुद्र तल से किन्नर कैलाश पर्वत की ऊंचाई 5,300 मीटर है.

किन्नर कैलाश में 79 फीट ऊंची शिवलिंग है. पास में पार्वती कुंड भी है. माना जाता है कि इस कुंड को पार्वती देवी ने खुदवाया था.

कैसे पहुंचे? 
किन्नर कैलाश की यात्रा हर साल कुछ महीने ही होती है. किन्नर कैलाश का ट्रेक भारत के सबसे कठिन ट्रेक में से एक है. किन्नर कैलाश ट्रेक की एक तरफ कुल दूरी लगभग 20 किमी. है. इस ट्रेक को पूरा करने में 4-5 दिन का समय लगता है. अगर आपको ट्रेकिंग करने का अनुभव है तभी किन्नर कैलाश यात्रा को करने के बारे में सोचें.

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3. आदि कैलाश
कैलाश पर्वत के बाद आदि कैलाश को सबसे पवित्र कैलाश माना जाता है. कैलाश मानसरोवर से आदि कैलाश की दूरी लगभग 50 किमी. है. आदि कैलाश उत्तराखंड के कुमाऊं में है.

आदि कैलाश की यात्रा के लिए 150 किमी. पैदल चलना होता है. आदि कैलाश में मानसरोवर की तरह ही एक पार्वती सरोवर है.  इस लेक के पास में शिव-पार्वती का ज्योतिलिंगकॉन्ग मंदिर है.

कैसे करें यात्रा?
आदि कैलाश को छोटा कैलाश के नाम से जाना जाता है. आदि कैलाश ट्रेक भारत के सबसे कठिन ट्रेक में से एक है. इस ट्रेक में 150 किमी. पैदल चलना होता है. आदि कैलाश तक पहुंचने में 15-20 दिन का समय लगता है. आदि कैलाश की यात्रा के लिए इनर लाइन परमिट लेना पड़ता है.

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4. मणिमहेश कैलाश
मणिमहेश कैलाश पंच कैलाश में से एक है. मणिमहेश कैलाश हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में है. मणिमहेश कैलाश को चंबा कैलाश के नाम से भी जाना जाता है. समुद्र तल से मणिमहेश कैलाश चोटी की ऊंचाई 5,653 मीटर है.

मणिमहेश कैलाश में मणिमहेश लेक में भी है. कहा जाता है कि भगवान शिव ने मणिमहेश में तपस्या की थी. कहा जाता है कि इस झील में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं.

कैसे पहुंचे?
मणिमहेश कैलाश पहुंचने के लिए चंबा से भरमौर पहुंचना होगा. चंबा से भरमौर के लिए बस मिल जाती है. भरमौर से मणिमहेश की यात्रा शुरू होती है. इसके लिए आपको 13 किमी. लंबा ट्रेक करना पड़ेगा. इसके अलावा हडसर से भी आप मणिमहेश पहुंच सकते हैं.

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5. श्रीखंड कैलाश
पंच कैलाश में से एक श्रीखंड कैलाश को शिखर कैलाश भी कहा जाता है. श्रीखंड कैलाश समुद्र तल से 5,227 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. श्रीखंड कैलाश हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में है.

कहा जाता है श्रीखंड कैलाश में ही भगवान विष्णु ने भस्मासुर को नाचने के लिए राजी किया था. यहीं पर भस्मासुर अपने सिर पर हाथ रखकर भस्म हो गया था. श्रीखंड कैलाश में 75 फीट ऊंची शिवलिंग है.

श्रीखंड कैलाश यात्रा
श्रीखंड कैलाश को श्रीखंड महादेव के नाम से जाना जाता है. श्रीखंड महादेव की यात्रा अमरनाथ से भी कठिन हो जाती है. श्रीखंड कैलाश को भगवान शिव और पार्वती देवी का निवास स्थान माना जाता है. श्रीखंड कैलाश की यात्रा करने के लिए कुल 35 किमी. का लंबा ट्रेक करना होता है. इस ट्रेक को करने में 4-5 दिन का समय लगता है.