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Tallest Statues in India: ये हैं भारत के सबसे ऊंचे स्टैच्यू, जानिए कैसे करें सैर

ऋषभ देव
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2024,
  • Updated 8:55 PM IST
Tallest Statue of India
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Tallest Statue in India: भारत प्रतीकों का देश है. कई बार ये प्रतीक धर्म का होता है तो कई बार ये प्रतीक किसी नायक का होता है. नायकों और अपनी आस्था को दिखाने के लिए उनकी मूर्तियां बनाई जाती है.

भारत में काफी ऊंची-ऊंची मूर्तियां हैं. ये ऊंची-ऊंची मूर्तियों वाली जगहें अब टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन गई हैं. बड़ी संख्या में सैलानी इन ऊंची मूर्तियों के दीदार करने आते हैं. आइए आज आपको भारत की सबसे ऊंची मूर्तियों के बारे में बताते हैं.

Statue of Unity
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1. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत की ही नहीं दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत के लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गुजरात के केवडिया में है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 182 मीटर ऊंची है.

कैसे पहुंचे?
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से सबसे नजदीक वडोदरा रेलवे स्टेशन है. वडोदरा से आपको स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लिए लोकल बस और टैक्सी मिल जाएगी. इसके अलावा आप टैक्सी बुक करके भी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंच सकते हैं.

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2. वीर अभय अंजनेय हनुमान स्वामी
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति है. वीर अभय अंजनेय हनुमान स्वामी की ये मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा है. हनुमान जी के इस स्टैच्यू की ऊंचाई लगभग 135 फीट है. साल 2003 में वीर अभय अंजनेय हनुमान स्वामी की इस मूर्ति की स्थापना हुई थी.

कैसे पहुंचे?
वीर अभय अंजनेय हनुमान स्वामी की इस मूर्ति को देखने के लिए विजयवाड़ा पहुंचना होगा. विजयवाड़ा से पारिताला लगभग 35 किमी. की दूरी पर है. विजयवाड़ा से पारिताला के लिए टैक्सी मिल जाएगी.

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3. थिरुवल्लुवर स्टैच्यू
थिरुवल्लुवर स्टैच्यू भारत के सबसे ऊंचे स्टैच्यू में से एक है. थिरुवल्लुवर स्टैच्यू कन्याकुमारी में समुद्र में एक पहाड़ी पर स्थित है. इस प्रतिमा की ऊंचाई 133 फीट है. थिरुवल्लुवर एक कवि थे. ये मूर्ति उन्हीं की है. साल 1999 में थिरुवल्लुवर स्टैच्यू बनकर तैयार हुआ था. ये जगह कन्याकुमारी में एक घूमने की जगह बन गई है.

कैसे पहुंचे?
थिरुवल्लुवर स्टैच्यू कन्याकुमारी में समुद्र में एक पहाड़ी पर स्थापित है. इस मूर्ति तक जाने के लिए कन्याकुमारी से फेरी चलती है. रास्ते में विवेकानंद रॉक मेमोरियल भी मिलता है.

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4. रवांगला बुद्ध स्टैच्यू
सिक्किम में रवांगला नाम की एक जगह है. रवांगला में बुद्ध पार्क में भगवान बुद्ध की एक बहुत बड़ी मूर्ति है. महात्मा बुद्ध के इस स्टैच्यू को तथागत साल के नाम से भी जाना जाता है. तथागत साल की मूर्ति लगभग 130 फीट ऊंची है. ये स्टैच्यू 2013 में बनकर तैयार हुई थी.

कैसे पहुंचे?
रवांगला बुद्ध स्टैच्यू जाने के लिए सबसे पहले सिक्किम की राजधानी गंगटोक जाना होगा. गंगटोक से रवांगला 70 किमी. दूर है. गंगटोक से रवांगला के लिए हर रोज शेयर टैक्सी चलती है.

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5. आदियोगी शिव स्टैच्यू
आदियोगी स्टैच्यू तमिलनाडु के कोयंबटूर शहर में है. आदियोगी शिव स्टैच्यू भगवान शिव को समर्पित है. आदियोगी प्रतिमा की ऊंचाई 112 फीट है. इसका वजन लगभग 500 टन है. ये मूर्ति भारत की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक है.

कैसे पहुंचे?
आदियोगी शिव स्टैच्यू कोयंबटूर शहर में है. इस स्टैच्यू तक पहुंचने के लिए कोयंबटूर आना होगा. कोयंबटूर के लिए देश भर से ट्रेन और फ्लाइट्स चलती हैं.

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6. मुरुदेश्वर शिव स्टैच्यू
मुरुदेश्वर शिव स्टैच्यू कर्नाटक के कन्नड़ जिले के भटकल तहसील में है. ये स्टैच्यू मुरुदेश्वर मंदिर में है. भगवान शिव की इस विशाल प्रतिमा की ऊंचाई 123 फीट है. इस मंदिर का संबंध रावण से भी है. समुद्र किनारे स्थित मुरुदेश्वर शिव स्टैच्यू को भारत के सबसे सुंदर स्टैच्यू में गिना जाता है.

कैसे पहुंचे?
मुरुदेश्वर शिव स्टैच्यू जाने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन मुरुदेश्वर शहर में है. मुरुदेश्वर शहर से शिव स्टैच्यू के लिए बसें भी चलती हैं.

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7. पद्मसंभव स्टैच्यू
पद्मसंभव स्टैच्यू सिक्किम के नामची में है. पद्मसंभव को गुरु रिंपोचे के नाम से भी जाना जाता है. पद्मसंभव तिब्बत में बौद्ध धर्म के संस्थापक माने जाते हैं. पद्मसंभव स्टैच्यू भारत के सबसे ऊंचे स्टैच्यू में से एक है. पद्मसंभव स्टैच्यू की ऊंचाई 118 फीट है.

कैसे पहुंचे?
सिक्किम की राजधानी गंगटोक से नामची 80 किमी. दूर है. गंगटोक से नामची के लिए हर रोज शेयर टैक्सी चलती है. गंगटोक से नामची का रास्ता अच्छा नहीं है इसलिए पहुंचने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है.