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Valley of Flowers: उत्तराखंड ही नहीं भारत की इन जगहों पर भी है फूलों की घाटी, जानिए कब और कैसे जाएं यहां

ऋषभ देव
  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2024,
  • Updated 8:47 PM IST
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Valley of Flowers: फूल हर किसी को पसंद होते हैं. गार्डन में कुछ फूल देखकर लोग खुश हो जाते हैं. अगर फूलों के संसार में चले गए तो मन गदगद हो जाएगा. पहाड़ों के बीच चारों तरफ फैले रंग बिरंगे फूलों की दुनिया भारत में ही है.

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ज्यादातर लोगों को उत्तराखंड की वैली ऑफ फ्लॉवर्स (Valley of Flowers Uttarakhand) के बारे में पता होगा. भारत में उत्तराखंड के अलावा कई सारी जगहें हैं जिनको फूलों की घाटी (Flower Valleys India) कहा जाता है. आइए आज आपको भारत की कुछ  वैली ऑफ फ्लॉवर्स के बारे में बताते हैं.

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1. वैली ऑफ फ्लॉवर्स
फूलों की घाटी उत्तराखंड की सबसे फेमस जगह है. वैली ऑफ फ्लॉवर (Phoolon Ki Ghati) साल में कुछ ही महीने के लिए खुलती है. फूलों की घाटी यूनेस्को की वर्ल्ड हेरीटेज लिस्ट में शामिल है.

 87.5 वर्ग किमी. में फैली वैली ऑफ फ्लॉवर्स में फूलों की 500 से अधिक प्रजाति देखने को मिलती हैं. कहते हैं कि हर 15 दिन में ये घाटी अपना रंग बदलती है. फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए लगभग 12 किमी. का ट्रेक करना पड़ता है.

कब जाएं?
फूलों की घाटी साल में सिर्फ चार महीने जून से सितंबर के लिए खुलती है. इस घाटी को देखने का सबसे अच्छा समय सितंबर का महीना माना जाता है.

कैसे पहुंचें?
फूलों की घाटी पहुंचने के लिए सबसे पहले जोशीमठ पहुंचना होगा. जोशीमठ के लिए हरिद्वार ऋषिकेश के लिए बस मिल जाएगी. जोशीमठ से पुलना गांव पहुंचिए. पुलना से फूलों की घाटी का ट्रेक शुरू होता है.

 


 

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2.  कास पठार
बहुत कम लोगों को पता है कि महाराष्ट्र में भी एक फूलों की घाटी (Kaas Plateau Balley of Flowers) है. महाराष्ट्र के सतारा में कास पठार (Kaas Plateau Maharashtra) नाम की एक जगह है. इसे वैली ऑफ फ्लॉवर्स (Maharashtra Valley of Flowers) के नाम से भी जाना जाता है. कास पठार लगभग 10 वर्ग किमी. में फैला हुआ है. 

साल 2012 में यूनेस्को ने इस जगह को वर्ल्ड हेरीटेज लिस्ट में शामिल किया. महाराष्ट्र की ये फूलों की घाटी अगस्त और सितंबर में ही खुली रहती है. इस जगह पर फूलों की 150 तरह की प्रजाति देखने को मिलती हैं.

कब जाएं?
महाराष्ट्र का कास पठार अगस्त-सितंबर में ही खुली रहती है. इन दो महीनों में ही आप यहां फूल देख पाएंगे.

कैसे पहुंचें?
कास पठार जाने के लिए सबसे पहले महाराष्ट्र के सतारा पहुंचिए. ट्रेन से सतारा पहुंच सकते हैं. सतारा से कास पठार के लिए बस चलती रहती है.
 

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3. जोखू वैली
जोखू घाटी नागलैंड (Dzukou Valley Nagaland) की सबसे सुंदर जगहों में से एक है. जोखू वैली कोहिमा से बिल्कुल पास में है.  जोखू घाटी (Dzukou Valley Valley of Flowers) में फैले लिली के फूल इस जगह को दूसरी जगहों के मुकाबले ज्यादा खूबसूरत बनाते हैं.

जोखू वैली में मिलने वाले फूल आपको और कहीं नहीं मिलेंगे. इन फूलों का दीदार करने के लिए जोखू वैली का ट्रेक करना पड़ता है. इस शानदार जगह की खूबसूरती आप कभी नहीं भूल पाएंगे.

बेस्ट टाइम:
मानसून में जोखू वैली की सुंदरता अलग ही निखर कर आती है. जोखू वैली जाने का सबसे अच्छा समय जुलाई से सितंबर का होता है.

कैसे पहुंचें?
जोखू वैली के सबसे पास में दीमापुर रेलवे स्टेशन और दीमापुर एयरपोर्ट है. दीमापुर से जोखू वैली के लिए टैक्सी, बस और कैब ले सकते हैं.

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4. युमथांग वैली
सिक्किम (Sikkim) भारत के उन राज्यों में से है जहां सैलानी बहुत कम जाते हैं. सिक्किम में भी एक फूलों की घाटी (Yumthang Valley of Flowers) है. सिक्किम की युमथांग वैली (Yumthang Valley) रंग-बिरंगे फूलों की घाटी के लिए जाना जाता है. युमथांग को वैली ऑफ नेशनल पार्क (Yumthang Valley of National Park) भी कहा जाता हैं.

युमथांग वैली समुद्र तल से 3,564 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. युमथांग वैली में रोडोडेंड्रॉन और बुरांश के फूलों की अलग-अलग प्रजाति देखने को मिलेंगी. इसके अलावा युमथांग अपने ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और हरे-भरे घास के मैदान के लिए भी जाना जाता है.

कब जाएं?
युमथांग वैली जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून का होता है. इस समय युमथांग वैली घूमने में काफी मजा आएगा.

कैसे पहुंचें?
युमथांग वैली इंडो-चीन बॉर्डर के पास में है. युमथांग घाटी जाने के लिए परमिट लेना पड़ता है. युमथांग वैली से सबसे पास में लाचुंग रेलवे स्टेशन है. इसके अलावा गंगटोक से युमथांग के लिए कैब और टैक्सी मिल जाएगी.

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5. हंपता पास 
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कई सुंदर जगहें हैं. हंपता पास (Hampta Pass) उन शानदार जगहों में से एक है. एडवेंचर करने वालों के लिए हंपता पास किसी जन्नत से कम नहीं है.

हंपता पास ट्रेक (Hampta Pass Trek) के दौरान कई घाटियां मिलती है. इन घाटियों में कई तरह के फूल देखने को मिलते हैं. फूलों के ये गुच्छे हंपता पास को बेहद खूबसूरत बनाते हैं. इसी वजह से इसे वैली ऑफ फ्लॉवर्स भी कहा जाता है.

बेस्ट टाइम:
हंपता पास जाने का सबसे अच्छा समय जून से सितंबर का होता है. सर्दियों में ये जगह पूरी तरह से फूलों से ढंक जाती है.

कैसे पहुंचें?
हंपता पास से सबसे नजदीक में भुंतर एयरपोर्ट और पठानकोट रेलवे स्टेशन है. हंपता पास ट्रेक कुल्लू के जोबरा से शुरू होता है.