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September Travel Places: सितंबर में घूमने के लिए ये जगहें हैं सबसे बढ़िया, जानिए कैसे पहुंचें

ऋषभ देव
  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2024,
  • Updated 8:32 PM IST
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Travel Places in India:भारत में मानसून अपने समाप्ति की ओर है. अब बेहद कम बारिश होती हुई दिखाई देगी. बारिश के बाद भारत की कई सारी जगहें घूमने के लिए खुल जाती हैं. बारिश के बाद ये जगहें और भी सुंदर हो जाती हैं.

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बारिश के बाद घूमने के लिए सितंबर का महीना एकदम सही समय है. बारिश की वजह से अब तक घूमने का प्लान ना बना पाया हो तो अब घूमने का समय आ गया है. ऐसे में सवाल ये आता है कि सितंबर में घूमने के लिए कहां जाएं? सितंबर में घूमने के लिए कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में हम आपको बता देते हैं.

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1. चितकुल
हिमाचल प्रदेश कई सुंदर जगहों का ठिकाना है. हिमाचल में ऐसी ही बेहद सुंदर जगह है, चितकुल. पहाड़ों से घिरा चितकुल हिमाचल प्रदेश के किन्नौर (Chitkul Himachal Pradesh) जिले में आता है. ये छोटा-सा गांव बास्पा नदी के संगम पर स्थित है.

चितकुल को भारत का आखिरी गांव (Chitkul Last Village of India) भी कहा जाता है. चितकुल से लगभग 70 किमी. दूर इंडो-चाइना बॉर्डर है. चितकुल में एक पुराना मंदिर भी है. इस गांव से आपको कुदरत के बेहद सुंदर रंग देखने को मिलेंगे. सितंबर में चितकुल जाने का प्लान बना सकते हैं.

कैसे पहुंचें?
चितकुल शिमला से लगभग 120 किमी. दूर है. दिल्ली से हर रोज शाम को रामपुर बुशहर के लिए बस चलती है. रामपुर बुशहर से चितकुल 70 किमी. दूर है. यदि आपके पास खुद की गाड़ी है तो आप ड्राइव करके भी चितकुल पहुंच सकते हैं.

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2. आभानेरी
राजस्थान में वैसे तो कई फेमस और सुंदर जगहें हैं लेकिन उन सबमें आभानेरी (Abhaneri Rajasthan) सबसे अलग है. आभानेरी राजस्थान का पुराना गांव है जिसे आभानगरी के नाम से भी जाना जाता है. आभानगरी में सितंबर में कई सारे फेस्टिवल होते हैं.

आभानेरी में कई सारे किले, महल और बावड़ियां हैं. इनका आर्किटेक्चर देखकर आप हैरान रह जाएंगे. आभानेरी में सैलानी चांद बावड़ी और हर्शत माता मंदिर जरूर जाते हैं. आभानेरी जाएं तो यहां के लोकल फूड का स्वाद जरूर लें.

कैसे पहुंचें?
आभानेरी राजस्थान के दौसा जिले का एक गांव है. दौसा से आभानेरी 35 किमी. दूर है. नजदीक में जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और बांदकुई रेलवे स्टेशन है. जयपुर से दौसा के लिए बस भी चलती है.

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3. चकराता
चकराता उत्तराखंड (Chakrata Uttarakhand) का एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है. मानसून के बाद चकराता की सुंदरता देखने लायक है. चकराता में घूमने के लिए कई सारी जगहें हैं. यहां सैलानी टाइगर फॉल्स, चिरमिरी पीक, मोइला टॉप, देवबन और लाखामंडल को देखने जाते हैं.

चकराता हिल स्टेशन के साथ-साथ एक छावनी भी है. चकराता भारत की उन जगहों में से एक है जहां विदेशियों का आना सख्त मना है. सितंबर में घूमने के लिए चकराता अच्छी जगह है.

कैसे पहुंचें?
चकराता उत्तराखंड के देहरादून जिले में पड़ता है. चकराता देहरादून से लगभग 90 किमी. दूर है. दिल्ली से देहरादून ट्रेन और फ्लाइट से आ सकते हैं. देहरादून से चकराता आप कैब और बस से जा सकते हैं.

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4. लद्दाख
लद्दाख भारत की सबसे सुंदर जगहों में से एक है. लद्दाख कई सैलानियों की ड्रीम डेस्टिनेशन है. सितंबर में घूमने के लिए लद्दाख एक शानदार जगह है. सितंबर में आपको लद्दाख में ज्यादा भीड़ नहीं मिलेगी.

लद्दाख में भारत की कई खूबसूरत मोनेस्ट्रीज हैं जिनको आप देख सकते हैं. इसके अलावा लद्दाख में पैंगोंग लेक और त्सो मोरिरी लेक है. लद्दाख में आप वहां का लोकल फूड भी खा सकते हैं.

कैसे पहुंचें?
लद्दाख जाने का सबसे अच्छा और सबसे आसान तरीका फ्लाइट है. लद्दाख की राजधानी लेह के लिए कई शहरों से फ्लाइट्स हैं. इसके अलावा सितंबर में हिमाचल से भी लद्दाख के लिए एक बस चलती है.

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5. त्रिशूर
केरल भारत के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक है. केरल अपने रिच कल्चर और हरियाली के लिए जाना जाता है. केरल में एक शानदार जगह है, त्रिशूर (Thrissur Kerala). त्रिशूर अपने मंदिरों के लिए जाना जाता है.

त्रिशूर को केरल की कल्चरल कैपिटल भी कहा जाता है. मंदिरों के अलावा त्रिशूर में कई सुंदर झरने और बीच हैं. यहां के बीच देखकर आपको सुकून और शांति का एहसास होगा.

कैसे पहुंचें?
त्रिशूर में कोई एयरपोर्ट नहीं है. त्रिशूर से 52 किमी. दूर कोचीन एयरपोर्ट है. त्रिशूर में रेलवे स्टेशन है. त्रिशूर रेलवे स्टेशन केरल के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है. इसके अलावा केरल के कई शहरों से त्रिशूर के लिए बसें चलती हैं.

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6. लाचेन
सितंबर में कहीं घूमने के लिए लाचेन भी अच्छी जगह है. लाचेन (Lachen Sikkim) दूर जरूर है लेकिन बेहद सुंदर है. लाचेन सिक्किम के मंगन जिले में है. लाचेन नाम का मतलब है, विशाल दर्रा. सिक्किम का ये सुंदर गांव लाचेन नदी के किनारे बसा है.

सिक्किम की राजधानी गंगटोक से लाचेन लगभग 45 किमी. दूर है. लाचेन समुद्र तल से 2,600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. लाचेन में चोपता वैली, गुरूडोंगमर लेक, लाचेन मोनेस्ट्री और ग्रीन लेक ट्रेक कर सकते हैं.

कैसे जाएं?
लाचेन जाने के लिए सबसे पहले आपको सिक्किम की राजधानी गंगटोक जाना होगा. गंगटोक से लाचेन जाने के लिए कई सारी शेयर टैक्सी चलती हैं. इसके अलावा आप खुद की गाड़ी से भी लाचेन जा सकते हैं.

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7. नैनीताल
नैनीताल उत्तराखंड की फेमस और सुंदर जगहों में से एक है. नैनीताल उत्तराखंड (Nainital Uttarakhand) के कुमाऊं में आता है. नैनीताल समुद्र तल से 2,087 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. नैनीताल में देखने के लिए काफी कुछ है.

नैनीताल में नैनी लेक के अलावा टिफिन टॉप, स्नो व्यू, चाइना पीक, नौकुचिया ताल और सात ताल जैसी जगहें देखने लायक हैं. हर घूमने वाले को एक बार नैनीताल जरूर जाना चाहिए.

कैसे पहुंचें?
नैनीताल से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है. काठगोदाम से नैनीताल लगभग 23 किमी. दूर है. वहीं सबसे निकटतम पंतनगर एयरपोर्ट है. यदि आपके पास खुद की गाड़ी है तो नैनीताल ड्राइव करके भी पहुंच सकते हैं.