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Kinnaur Kailash Yatra: 1 अगस्त से शुरू हो रही किन्नौर कैलाश यात्रा, रूट-रजिस्ट्रेशन समेत जानिए इस यात्रा के बारे में सब कुछ

ऋषभ देव
  • नई दिल्ली,
  • 25 जुलाई 2024,
  • Updated 6:58 PM IST
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Kinnaur Kailash Yatra: कहते हैं कि दुनिया के सबसे सुंदर जगह पर जाने के लिए सबसे कठिन रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है. भारत में एक ऐसी ही एक जगह है, किन्नर कैलाश. किन्नर कैलाश को किन्नौर कैलाश के नाम से भी जाना जाता है. हिमालय में पंच कैलाश हैं. किन्नौर कैलाश हिमालय के पंच हिमालय में से एक है. 

किन्नौर कैलाश हिमाचल प्रदेश में स्थित एक पवित्र तीर्थ है. कहते हैं कि किन्नौर कैलाश की चोटी पर पत्थर की 79 फीट ऊंची शिवलिंग है. कहा जाता है कि ये शिवलिंग अपना रंग बदलती रहती है. हर साल कुछ महीनों के लिए किन्नौर कैलाश यात्रा होती है. इस साल 1 अगस्त से किन्नौर कैलाश यात्रा शुरू हो रही है. किन्नर कैलाश यात्रा के लिए 25 अगस्त से ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरु हो गए हैं.

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रजिस्ट्रेशन
किन्नौर कैलाश की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन बेहद जरूरी हैं. यात्रा ऑनलाइन और ऑफलाइन किसी भी माध्यम से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए यात्रियों को जिला पर्यटन विभाग जाना होगा. किन्नौर कैलाश यात्रा का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.

एक श्रद्धालु एक से ज्यादा बार रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकता है. किन्नौर कैलाश यात्रा के लिए एक दिन में 200 ऑनलाइन और 150 ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन होंगे. इस यात्रा के रजिस्ट्रेशन के लिए मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट लाना होगा. मेडिकल फिटनेस का फॉर्म वेबसाइट पर ही मिल जाएगा. ये मेडिकल फिटनेस एक हफ्ते के लिए ही मान्य होगा.

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कहां है किन्नौर कैलाश?
किन्नौर कैलाश की चोटी समुद्र तल से 6,050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. किन्नौर कैलाश हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा में स्थित है. किन्नौर कैलाश में 79 फीट ऊंची शिवलिंग है. किन्नौर कैलाश का ट्रेक हिमाचल प्रदेश के सबसे मुश्किल ट्रेक में से एक है. किन्नौर कैलाश की यात्रा पूरी करने के लिए लगभग 2-3 दिन का समय लगता है.

किन्नौर कैलाश के बारे में कहा जाता है कि भगवान शिव और देवी पार्वती यहीं मिले थे. साल में एक बार सभी देवता इस जगह पर जरूर आते हैं. किन्नर कैलाश की एक तरफ की यात्रा की दूरी लगभग 19 किमी. है. 

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रूट 
1. कल्पा
किन्नौर कैलाश की यात्रा के लिए सबसे पहले आपको हिमाचल प्रदेश के कल्पा पहुंचना होगा. दिल्ली से रामपुर बुशहर के लिए बस चलती है. रामपुर से आपको रिकॉन्गपिओ के लिए बस मिल जाएगी.

रिकॉन्गपिओ से कल्पा सिर्फ 15 किमी. दूर है. कल्पा में एक रात ठहरकर अगले दिन इस पवित्र और रोमांच से भरी यात्रा को शुरू कर सकते हैं.
 

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2. गणेश पार्क
किन्नौर कैलाश यात्रा कल्पा के तांगलिंग गांव से शुरू होती है. इस छोटे-से गांव से आपकी असली परीक्षा शुरू होगी. घने जंगलों को पार करने के बाद बारह पत्थर आएगा. यहां पर एक बड़ा-सा पत्थर रखा हुआ है. यहां से आपको कुदरत का बेहद सुंदर नजारा देखने को मिलेगा.

बारह पत्थर के बाद हरा-भरा बुग्याल आएगा. बुग्याल को पार करने के बाद गणेश पार्क आएगा. गणेश पार्क भी एक बहुत बड़ा बुग्याल है. गणेश पार्क तांगलिंग गांव से 8-9 किमी. दूर है. पहले दिन की यात्रा तांगलिंग गांव तक ही की जाएगी. पहले दिन की यात्रा को पूरा करने में कम से कम 5-6 घंटे लगेंगे.

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3. किन्नर कैलाश
अगले दिन गणेश पार्क से किन्नर कैलाश की तरफ चल पड़िए. गणेश पार्क से किन्नौर कैलाश लगभग 9-10 किमी. दूर है. इस यात्रा को पूरा करने में लगभग 7-8 घंटे लगेंगे. रास्ते में भीम द्वार और पार्वती कुंड भी मिलेगा. पार्वती कुंड से किन्नौर कैलाश लगभग 3 किमी. दूर है.

पार्वती कुंड से किन्नर कैलाश की चढ़ाई बेहद कठिन है. इस दूरी को तय करने में 3-4 घंटे लग जाएंगे. किन्नर कैलाश पहुंचने के बाद आपको 79 फीट ऊंचे शिवलिंग देखने को मिलेंगे. यहां से हिमालय की बेहद सुंदर-सुंदर चोटियां देखने को मिलेंगी. कुछ देर यहां ठहरने के बाद वापस लौटना शुरू कर दीजिए.

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कुछ सुझाव:
1. किन्नौर कैलाश की यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना ज्यादा आसान रहेगा.
2. अपने साथ पहचान पत्र और जरूरी डाक्यूमेंट जरूर रखें.
3. अपने बैगपैक में सिर्फ जरूरी सामान रखें लेकिन बहुत ज्यादा सामान ना रखें. बाद में आपको उठाने में दिक्कत होगी.
4. अपने साथ एक्सट्रा गर्म कपड़े और रेन कोट जरूर रखें.
5. इस यात्रा में फर्स्ट एड किट को रखना ना भूलें. 
6. कोशिश करें किन्नौर कैलाश यात्रा को अकेले ना करें. एक-दो लोग साथ रहेंगे तो यात्रा आसान लगेगी.