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Uttarakhand Travel Places: उत्तराखंड में भी है एक लद्दाख, Nelong Valley जाने के लिए लगता है परमिट, जानिए यहां कब और कैसे पहुंचें?

ऋषभ देव
  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2024,
  • Updated 7:44 PM IST
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Nelong Valley Uttarakhand: लद्दाख (Ladakh) भारत की सबसे सुंदर जगहों में से एक है. इस जगह को देखने के लिए लोग दूर-दूर से जाते हैं. महंगी फ्लाइट के सफर के बाद लद्दाख को देख पाते हैं. लद्दाख के नजारे देखने के लिए महंगी फ्लाइट लेनी की जरूरत ही क्या? जब वैसे ही नजारे उत्तराखंड में देखने को मिले.

बेहद कम लोगों को पता है कि उत्तराखंड में भी एक लद्दाख (Ladakh of Uttarakhand) है. उत्तराखंड की ये शानदार जगह नेलांग वैली (Nelong Valley) के नाम से जानी जाती है. एक समय ऐसा था जब इस घाटी से इंडो-तिब्बत का व्यापार हुआ करता था. नेलांग वैली खूबसूरत का एक नायाब नमूना है. उत्तराखंड के लद्दाख के साथ-साथ इस जगह को पहाड़ों का रेगिस्तान भी कहा जाता है.

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लोगों के लिए थी बंद 
नेलांग वैली कैसे पहुंचे? उससे पहले इस जगह के इतिहास के बारे में एक नजर डाल लेते हैं. नेलांग घाटी इंडिया चीन बॉर्डर के बेहद पास में है. ये जगह इंडो-तिब्बत ट्रेड रूट का एक अहम हिस्सा थी. 

साल 1962 में चीन के साथ हुई जंग के बाद इंडो-तिब्बत रूट (Indo Tibetan Trade Route) बंद कर दिया गया. साथ ही इस जगह को बाहर के लिए लोगों के लिए बंद कर दिया गया था. इस जगह पर यहां के लोगों के अलावा कोई नहीं आ सकता था.

साल 2015 में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इस जगह को लोगों के लिए खोला गया. ये भारत की उन जगहों में से एक है जहां सिर्फ इंडियन सैलानी ही जा सकते हैं. नेलांग वैली में विदेशी पर्यटकों का आना मना है.

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कहां है ये घाटी?
नेलांग वैली उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आती है. उत्तरकाशी से नेलांग घाटी (Nelong Valley Uttarkashi) लगभग 100 किमी. दूर है. नेलांग घाटी में पोड़िया जाति के लोग रहते हैं. इस घाटी से जाड़ गंगा समेत दो नदियां बहती हैं. ये नदिया नीले रंग की दिखाई पड़ती हैं. यही वजह है इस जगह को नेलांग घाटी के नाम से जाना जाता है.

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क्यों कहते हैं उत्तराखंड का लद्दाख?
उत्तराखंड की लगभग सभी जगहों पर हरे-भरे जंगल और पहाड़ देखने को मिलते हैं. ये हरियाली ही उत्तराखंड की पहचान है. वहीं लद्दाख अपने बंजर और रेगिस्तान जैसे पहाड़ों के लिए फेमस है. 

ठीक लद्दाख की तरह उत्तराखंड की नेलांग घाटी में बंजर पहाड़ हैं. यहां आकर आपको लगेगा कि ये उत्तराखंड नहीं लद्दाख की कोई जगह है. यही वजह है नेलांग वैली को उत्तराखंड का लद्दाख कहा जाता है. बंजर पहाड़ होने की बावजूद ये जगह बेहद खूबसूरत है. नेलांग वैली सैलानियों की ड्रीम डेस्टिनेशन बनती जा रही है.

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कैसे मिलेगा परमिट?
बॉर्डर के पास होने की वजह से नेलांग में सुरक्षा काफी कड़ी है. इस जगह पर रात में नहीं रूक सकते हैं. इस जगह को सिर्फ दिन में ही एक्सप्लोर किया जा सकता है. नेलांग घाटी (Nelong Valley Permit) जाने के लिए सबसे पहले आपको परमिट बनवाना होगा. नेलांग घाटी का परमिट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से बनवा सकते हैं. ऑफलाइन परमिट उत्तरकाशी जिला मजिस्ट्रेट में बनेगा.

नेलांग वैली का ऑनलाइन परमिट के लिए उत्तरकाशी टूरिज्म की वेबसाइट पर जाएं. इनर लाइन परमिशन के फॉर्म में सारी जानकारी डालें. इसके बाद फॉर्म का प्रिंट आउट ले लें. इस प्रिंट आउट पर उत्तरकाशी जिला मजिस्ट्रेट में स्टैंप लगवाना होगा. परमिट के लिए फीस भी देनी होती है. तब जाकर आपका नेलांग वैली का परमिट बनेगा.

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कैसे पहुंचें?
नेलांग वैली जाने के लिए सबसे पहले उत्तरकाशी पहुंचना होगा. ऋषिकेश से उत्तरकाशी लगभग 160 किमी. है. ऋषिकेश से उत्तरकाशी पहुंचने में लगभग 6-7 घंटे का समय लगेगा. उत्तरकाशी में परमिट बनवाएं इसके बाद नेलांग के लिए निकल पड़े.

नेलांग वैली के बारे में एक जरूरी बात जान लेनी चाहिए. नेलांग घाटी में रोजना सिर्फ 6 गाड़ी ही जा सकती हैं. नेलांग वैली के लिए कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट और शेयरिंग टैक्सी नहीं चलती है. नेलांग वैली के लिए आपको उत्तरकाशी या हर्षिल से गाड़ी ही बुक करनी पड़ेगी. हर्षिल से नेलांग 40 किमी. दूर है.

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आसपास की जगहें
नेलांग वैली के आसपास कई शानदार जगहें हैं. नेलांग वैली के आसपास सबसे फेमस गंगोत्री है. गंगोत्री में गंगा नदी का पानी ऋषिकेश से भी साफ दिखने को मिलेगा. यहां पर गंगोत्री का प्राचीन मंदिर है. इसी के आगे गौमुख है जहां से गंगा निकलती है.

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हर्षिल
नेलांग वैली के पास में हर्षिल भी है. हर्षिल उत्तरकाशी की एक छोटी-सी जगह है. इस जगह पर राम तेरी गंगा मैली मूवी की शूटिंग हुई थी. इसके अलावा ये जगह सेब के बागानों के लिए फेमस है. इस जगह पर गर्मियों में भी सर्दी का एहसास होगा.

नेलांग वैली के पास में गारतांग गली भी है. कहा जाता है कि इस रास्ते से इंडो-तिब्बत ट्रेड हुआ करता था. गारतांग गली में लकड़ी की सीढ़ी भी बनी हुई हैं. इस सीढ़ियों को देखने के लिए सैलानी दूर-दूर से आते हैं. गारतंग गली के अलावा उत्तरकाशी को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं.

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कब जाएं?
नेलांग वैली सैलानियों के लिए साल में कुछ ही महीने के लिए खुली रहती है. आमतौर पर नेलांग वैली मई से नवंबर के बीच खुली रहती है. सर्दियों में इस जगह पर जमकर बर्फ गिरती है. मानसून में बारिश की वजह से यहां जाना खतरनाक माना जाता है. नेलांग घाटी जाने का सबसे अच्छा समय मई से जुलाई और अक्तूबर से नवंबर का होता है.

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इन बातों का ध्यान रखें:

  • नेलांग वैली ग्रुप में जाएं. इससे आपका काफी खर्चा बचेगा.
  • नेलांग घाटी के साथ-साथ आसपास की जगहें भी देखें.
  • नेलांग वैली में खाने के ऑप्शन बेहद कम हैं इसलिए अपने साथ खाने के लिए कुछ जरूर ले जाएं.
  • इस घाटी में जाने के दौरान अपने साथ कैश जरूर रखें. यहां एटीएम जैसी सुविधा नहीं है.
  • नेलांग वैली का रास्ता बहुत अच्छा नहीं है तो इस बात का ध्यान रखें.
  • अपने साथ फर्स्ट एड किट जरूर रखें.