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Nepal Travel Guide for Indians: नेपाल की बजट यात्रा कैसे करें? Kathmandu-Pokhara ही नहीं इन खूबसूरत जगहों को भी कर सकेंगे एक्सप्लोर, बस कुछ इस तरह से बनाएं पूरा प्लान

ऋषभ देव
  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2024,
  • Updated 3:47 PM IST
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Nepal Travel Itinerary: हर कोई विदेश जाने का मन बनाता है लेकिन बजट और खर्चे को सोचकर रूक जाते हैं. भारतीयों के लिए विदेश जाने के लिए नेपाल सबसे अच्छी जगह है. नेपाल काफी सस्ता देश है. यहां पहुंचना भी आसान है और ज्यादा पैसे भी खर्च नहीं होंगे. नेपाल जाकर अपने विदेश जाने का सपना पूरा कर सकते हैं.

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माउंट एवरेस्ट के लिए फेमस नेपाल (Nepal Travel Places) में घूमने के लिए काफी कुछ है. ऐसी सुंदर जगह शायद ही आपने कभी देखी होगी. नेपाल भारत का एक पड़ोसी देश है. नेपाल का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ी है. यहां के पहाड़, हरियाली और मंदिर काफी फेमस है. 

दुनिया भर से नेपाल घूमने आते हैं. अब सवाल आता है कि नेपाल घूमने के लिए कितने दिन चाहिए? नेपाल को किस तरह से घूमा जाना चाहिए. आइए नेपाल में घूमने की परफेक्ट आइटनरी (Nepal Travel Itinerary) हम आपको बता देते हैं.

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वीजा फ्री
भारत से नेपाल जाने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि कोई ज्यादा डाक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं होती है. नेपाल भारतीयों के लिए एक वीजा फ्री देश है. भारतीय इस देश में बिना पासपोर्ट के भी जा सकते हैं. 

अगर आप वाया रोड नेपाल जा रहे हैं तो बस आधार कार्ड दिखाकर नेपाल जा सकते हैं. फ्लाइट से नेपाल जाएंगे तो वहां आधार कॉर्ड काम नहीं आएगा. वहां वोटर आईडी कार्ड या पासपोर्ट दिखाना पड़ेगा.

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कैसे पहुंचें नेपाल?
भारत नेपाल से कई जगह पर बॉर्डर (How To Reach Nepal) शेयर करता है. कई जगह से नेपाल के लिए एंट्री भी होती है लेकिन घूमने के लिए कुछ ही जगहें हैं जहां से एंट्री लेना ठीक है. वाया रोड के अलावा फ्लाइट से भी नेपाल पहुंच सकते हैं.

फ्लाइट: दिल्ली से काठमांडू के लिए डायरेक्ट फ्लाइट चलती है. दिल्ली से काठमांडू के लिए डेली कई सारी फ्लाइट्स उड़ान भरती हैं. फ्लाइट से दिल्ली से काठमांडू पहुंचने में लगभग 2 घंटे का समय लगता है.

वाया रोड: भारत से नेपाल पहुंचने के लिए वाया रोड सबसे आसान रास्ता गोरखपुर के सनौली बॉर्डर का माना जाता है. वहां से आप डायरेक्ट सीधे पोखरा पहुंच जाएंगे.

ऐसा भी कर सकते हैं कि दिल्ली से काठमांडू फ्लाइट से पहुंचे. बाद में घूमते हुए सनौली बॉर्डर से वाया रोड इंडिया आ जाइए.

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काठमांडू पहुंचें
दिल्ली में सुबह-सुबह की फ्लाइट लेकर काठमांडू (Kathmandu Travel) पहुंच जाइए. काठमांडू में थामेल के आसपास होटल ले लीजिए. इसके अलावा सस्ते में हॉस्टल भी मिल जाएंगे. कुछ देर आराम करने के बाद काठमांडू घूमने निकल पड़िए.

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1. पशुपतिनाथ: पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू की सबसे फेमस जगह है. इस मंदिर को देखे बिना काठमांडू की यात्रा अधूरी ही मानी जाती है. ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है.

2. दरबार स्क्वायर: दरबार स्क्वायर काठमांडू का एक टूरिस्ट स्पॉट है. ये काठमांडू की ऐतिहासिक जगह है. यहां पर राजा का महल और कई मंदिर हैं. इन मंदिरों का आर्किटेक्चर देखने लायक है.

3. स्वयंभूनाथ स्तूप: ये जगह काठमांडू शहर से दूर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. इस जगह तक पहुंचने के लिए सैकड़ों सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. यहां से काठमांडू का शानदार नजारा दिखाई देता है.

इन जगहों के अलावा काठमांडू में बोधनाथ स्तूप, क्लॉक टावर, थामेल, पाटन दरबार स्कायर और कापन मोनेस्ट्री भी देख सकते हैं. 

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पोखरा
काठमांडू को अच्छे से घूमने के लिए दो दिन का समय चाहिए. नेपाल में दूसरे दिन शाम को काठमांडू से पोखरा (Pokhara Travel) निकल पड़िए. काठमांडू से पोखरा के लिए सोफा बसें चलती हैं. काठमांडू से पोखरा लगभग 200 किमी. है. अगले दिन सुबह-सुबह पोखरा पहुंच जाएंगे.

पोखरा को झीलों का शहर भी कहा जाता है. पहाड़ों से घिरा पोखरा में एक बडी-सी झील के किनारे बसा है. पोखरा से नेपाल के कई सुंदर ट्रेक शुरू होते हैं. पोखरा में ठहरने में दिक्कत नहीं आएगी. पोखरा में कई सारे होटल और हॉस्टल हैं.

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पोखरा में क्या घूमें?
झीलों के किनारे बसे इसे शहर में घूमने के लिए काफी कुछ है. पोखरा को नेपाल का स्वर्ग भी कहा जाता है. पोखरा की फेवा लेक से घूमने की शुरूआत कर सकते हैं.

1. फेवा लेक: फेवा लेक नेपाल की बेहद सुंदर झील है. ये नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी झील है. फेवा लेक में बोटिंग भी कर सकते हैं. पहाड़ों के बीच स्थित झील में कुछ पल बिताने का मजा ही अलग है.

2. शांति स्तूप: पोखरा शहर से कुछ दूर पर एक शांति स्तूप भी है. अनाडू पहाड़ी पर स्थित ये शांति स्तूप देखने लायक है. इसके पास में एक शिव मंदिर है. इस मंदिर में भगवान शिव की विशाल मूर्ति है. यहां से पोखरा का सुंदर नजारा देखने को मिलेगा.

3. सारंगकोट: पोखरा से कुछ किमी. दूर एक जगह है सारंगकोट. सारंगकोट से हिमालय का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. पोखरा से सारंगकोट के लिए केबल कार भी चलती है. इसके अलावा ट्रेक करके भी इस गांव तक पहुंच सकते हैं.

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अनोखा नेपाल
पोखरा से हर रोज तातोपानी और मुक्तिनाथ के लिए बस और जीप चलती है. इस जगह पर जाने के लिए परमिट लगता है. ये परमिट पोखरा के टूरिस्ट ऑफिस में मिल जाएगा. बस और जीप के लिए एक दिन पहले बुकिंग होती है. 

अगले दिन सुबह-सुबह अपनी यात्रा शुरू कर दीजिए. पोखरा से तातोपानी लगभग 150 किमी. है. पोखरा से तातोपानी पहुंचने में लगभग 6-7 घंटे लगेंगे. ये पोखरा के काफी अंदरूरनी इलाकों में आता है. रास्ता बेहद खराब है इस वजह से नेपाल तातोपानी पहुंचने में समय लगेगा. 

तातोपानी में एक हॉट स्प्रिंग है. मौसम कैसा भी हो, इस कुंड में हमेशा गर्म पानी आता है. कहते हैं कि इस कुंड में नहाने से शरीर की सभी बीमारियां सही हो जाती हैं. उस दिन तातोपानी में ही रात बिताइए.

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मुक्तिनाथ मंदिर
अगले दिन सुबह-सुबह तातोपानी से मुक्तिनाथ के लिए निकल पड़िए. काली गंडक नदी और कागबेनी होते हुए मुक्तिनाथ पहुंचिए. यहां तक का रास्ता और ज्यादा खराब है. मुक्तिनाथ पहुंचकर किसी होटल में अपना सामान पटकिए और उस दिन गांव में घूमिए. पहाड़ों से घिरे इस छोटे-से गांव में वैसे तो कुछ नहीं है लेकिन नजारों की सुंदरता में कमी नहीं मिलेगी.

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बौद्ध या हिन्दू मंदिर
मुक्तिनाथ मंदिर जोमसोम के पास में स्थित है. पोखरा से लगभग 200 किमी. दूर है. ये मंदिर हिन्दू और बौद्ध के लिए काफी पवित्र माना जाता है. कहा जाता है कि यहीं पर भगवान विष्णु को वृंदा के श्राप से मुक्ति मिली थी. 

मुक्तिनाथ मंदिर 108 वैष्णव मंदिरों में से एक है. मंदिर में प्रवेश करने के लिए श्रद्धालु पहले 108 जलकुंड और पवित्र तालाब में स्नान करते हैं. मुक्तिनाथ मंदिर में एक बौद्ध मठ भी है. इसके अलावा कई गोम्पा है. इसी परिसर में भगवान बौद्ध की एक विशाल मूर्ति है.

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वापस पोखरा
मुक्तिनाथ मंदिर के दर्शन करने के बाद वापस पोखरा निकल पड़िए. मुक्तिनाथ से पोखरा के लिए कई बसें चलती हैं. वापस पोखरा पहुंचने में लगभग 7-8 घंटे लगते हैं. रास्ते में बस कई जगह नाश्ते और खाने के लिए रूकती है.

थकावट ज्यादा हो जाए तो पोखरा में उस दिन आराम कीजिए. अगर उसी दिन वापसी का मन हो तो रात को पोखरा से सुनौली बॉर्डर के लिए बस चलती है. सुबह-सुबह बॉर्डर पहुंचिए. फिर पैदल-पैदल बॉर्डर पार कीजिए. 

इस तरह से नेपाल की यात्रा करके वापस आ जाएंगे. अगर फ्लाइट से जाने का मन है तो पोखरा से काठमांडू और फिर काठमांडू से दिल्ली की फ्लाइट पकड़कर भारत आ जाइए.

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कब जाएं?
नेपाल भारत का पड़ोसी देश है. नेपाल जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून का माना जाता है. सर्दियों में नेपाल में जमकर बर्फबारी होती है. बारिश में तो वैसे भी घूमना मुश्किल होता है. ऐसे में नेपाल घूमने के लिए सबसे शानदार समय सर्दियों के बाद का माना जाता है.