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Pangong Lake Ladakh: लद्दाख की पैंगोंग लेक हर पल बदलती हैं रंग, जानिए कब और कैसे पहुंचें?

ऋषभ देव
  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2024,
  • Updated 11:54 PM IST
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Pangong Lake Ladakh: लद्दाख(Ladakh) भारत के सबसे सुंदर इलाकों में से एक है. हर साल बड़ी संख्या में सैलानी लद्दाख(Ladakh Travel Paces) घूमने के लिए जाते हैं. कई सारे सैलानी तो दूर-दूर से बाइक लेकर लद्दाख पहुंचते हैं. लद्दाख की सबसे फेमस जगह है, पैंगोंग लेक(Pangong Lake Ladakh).

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पैगोंग लेक को पैंगोंग त्सो झील(Pangong Tso Lake Ladakh) के नाम से जाना जाता है. पैंगोंग लेक लद्दाख की सबसे सुंदर जगहों में से एक है.

जब तक आप पैंगोंग झील नहीं पहुंचेंगे तब तक आप इस जगह की खूबसूरती को नहीं समझ पाएंगे. पैंगोंग लेक पर थ्री इडियट्स मूवी के कुछ सीन शूट हुए थे. इसके बाद से ये जगह और ज्यादा फेमस हो गई.

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चीन सीमा के बेहद पास
पैंगोंग झील को आम तौर पर पैंगोंग त्सो के नाम से जाना जाता है. पैंगोंग लेक समुद्र तल से 4,350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.

पैंगोंग लेक लगभग 135 किमी. लंबी है और 604 वर्ग किमी. में फैली हुई है. सर्दियों में पैंगोंग लेक पूरी तरह से जम जाती है. पैंगोंग झील भारत और चीन दोनों देशों में फैली हुई है. 

पैंगोंग त्सो झील का एक तिहाई हिस्सा भारत में है और लेक का दो तिहाई भाग चीन में है. पैंगोंग लेक लगभग 328 फीट गहरी है.

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पैंगोंग लेक के लिए परमिट
पैंगोंग लेक इंडो-चाइना सीमा के पास में है. इस वजह से पैंगोंग को संवेदनशील जोन में रखा गया है. पैंगोंग लेक जाने के लिए परमिट(Pangong Lake Permit) लेना पड़ता है. पैंगोंग के लिए परमिट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से मिलता है. इस परमिट के लिए 400 रुपए की फीस देनी पड़ती है.

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घूमने की जगहें
पैंगोंग लेक लद्दाख की ही नहीं भारत की सबसे सुंदर जगहों में से एक है. पैंगोंग लेक जाएं(Pangong Lake Travel Places) तो घूमने की कुछ जगहों को देखना बिल्कुल ना भूलें.

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1. मेराक गांव
मेराक गांव(Merak Village Ladakh) पैंगोंग लेक का एक बेहद सुंदर गांव है. मेराक गांव इंडो-चाइना बॉर्डर पर भारत का आखिरी गांव है. पैंगोंग झील से मेराक गांव लगभग 100 किमी. दूर है. 

पैंगोंग से मेराक विलेज पहुंचने में लगभग 1-2 घंटे का समय लगता है. यहां से पैंगोंग का बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देता है. मेराक जाएं तो एक रात के लिए यहां जरूर रुकें.

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2. चांगला पास
लेह से पैंगोंग लेक के रास्ते में चांगला पास मिलता है. चांगला पास(Changla Pass Ladakh) दुनिया के सबसे ऊंचे माउंटेन पास में से एक है. चांगला पास समुद्र तल से 5,390 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.

चांगला पास लगभग 15 किमी. लंबा है. इस पास को इंडिया आर्मी संभालती है. पैंगोंग झील जाएं तो कुछ देर के लिए चांगला पास में जरूर रुकें. यहां से आपको पहाड़ों के बेहद सुंदर नजारे देखने को मिलेंगे.

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3. हेमिस मोनेस्ट्री
हेमिस मोनेस्ट्री(Hemis Monastery Ladakh) लद्दाख की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी मोनेस्ट्री में से एक है. पैंगोंग लेक के रास्ते में हेमिस मोनेस्ट्री भी मिलेगी. हेमिस मोनेस्ट्री लेह शहर से लगभग 45 किमी. दूर है.

हेमिस मोनेस्ट्री की स्थापना साल 1672 में लद्दाख के राजा सेंगगे नामग्याल ने की थी. हेमिस मोनेस्ट्री में हर साल दो दिन का हेमिस फेस्टिवल(Hemis Festival Ladakh) होता है. गुरु पद्मसंभव के सम्मान में हर साल हेमिस में ये फेस्टिवल होता है.

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4. 3 इडियट्स वाली जगह
पैंगोंग झील में एक जगह है जहां पर 3 इडियट्स मूवी के कुछ सीन शूट हुए थे. इसके बाद ये जगह काफी लोकप्रिय हो गई.

पैंगोंग लेक में थ्री इ़डियट्स मूवी में इस्तेमाल होने वाले स्कूटर और कुछ सामान को रखा है. सैलानी उन सामानों के साथ फोटो और वीडियो ले सकते हैं. बड़ी संख्या में सैलानी सिर्फ इसी जगह के लिए पैंगोंग आते हैं.

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कब जाएं?
सर्दियों में लद्दाख की लगभग हर जगह बर्फ से ढंक जाती है. पैंगोंग लेक भी बर्फ से भी पूरी तरह से जम जाती है. पैगोंग लेक जाने का सबसे अच्छा समय जून से सितंबर का होता है. 

गर्मियों में मौसम बहुत ज्यादा ठंडा नहीं रहता है और घूमने के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है. अगर आप जमी हुई पैंगोंग लेक को देखना चाहते हैं तो जनवरी और फरवरी में यहाँ जाने का प्लान  बनाएं.
 

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पैंगोंग लेक रूट
लेह से पैंगोंग लेक की दूरी लगभग 120 किमी. है. पैंगोंग(Pangong Lake Route) जाने के लिए सबसे पहले लेह पहुंचना होगा. लेह जाने का सबसे आसान तरीका फ्लाइट है.

लेह से पैंगोंग झील(Leh To Pangong Tso) पहुंचने में लगभग 7-8 घंटे का समय लगता है. पैंगोंग लेक जाने के दो रास्ते हैं. लेह से एक रास्ता सीधा पैंगोंग पहुंचाता है. वहीं पैंगोंग का दूसरा रास्ता नुब्रा वैली(Nubra Valley Ladakh) होते हुए जाता है.

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कैसे पहुंचें?
बस: गर्मी के मौसम में लेह से पैंगोंग झील के लिए(Pangong Lake Bus) बस चलती है. लेह से पैंगोंग के लिए हफ्ते में एक दिन बस चलती है. वही बस अगले दिन पैंगोंग से लेह जाती है. लेह से पैंगोंग लेक पहुंचने में 7-8 घंटे का समय लगता है. रास्ते में बस ब्रेकफास्ट और लंच के लिए रुकती है.

टैक्सी: लेह से पैंगोंग लेक जाने के लिए शेयर टैक्सी भी चलती है. शेयर टैक्सी में एक व्यक्ति का किराया लगभग 500-600 रुपए होता है.

बाइक: लेह शहर में बाइक रेंट पर मिलती है. आप उस बाइक को लेकर पैंगोंग लेक और मेराक गांव जैसी जगहों को देख सकते हैं. यदि आपके पास खुद की गाड़ी है तब तो पैंगोंग की यात्रा और भी शानदार हो जाएगी.