किला, महल और ऐतिहासिक जगहों को देखने के शौकीन हैं तो उत्तर प्रदेश का झांसी बेहतरीन जगह हो सकती है. यह शहर बेतवा नदी के तट पर है. यह शहर ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह है. रानी लक्ष्मीबाई के लिए फेमस इस शहर में घूमने की कई बेहतरीन जगहें हैं. इसमें झांसी फोर्ट, रानी महल, झांसी म्यूजियम, राजा गंगाधर राव की छत्री, बरुआ सागर, सेंट जूड्स श्राइन जैसी जगहें शामिल हैं. चलिए आपको इस शहर तक पहुंचने का रूट और रहने-ठहरने के खर्च के बारे में बताते हैं.
कैसे जाएं झांसी-
झांसी जाने के लिए आपको दिल्ली से ग्वालियर की फ्लाइट पकड़नी पडे़गी. इसके बाद ग्वालियर से झांसी टैक्सी या ट्रेन से जा सकते हैं. इन दोनों शहरों के बीच की करीब 100 किलोमीटर की दूरी है. अगर दिल्ली से ट्रेन से इस ऐतिहासिक शहर जाना चाहते हैं तो रोजाना कई ट्रेनें चलती है. इसमें गतिमान एक्सप्रेस, चेन्नई सेंट्रल दुरंतो एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलती हैं.
सड़क मार्ग से दिल्ली से झांसी जाने के लिए भी कई सुविधाएं हैं. अगर आप चाहें तो टैक्सी से जा सकते हैं. लेकिन ये बहुत खर्चीला होगा. सफर तय करने के लिए बस का इस्तेमाल कर सकते हैं. दोनों शहरों के बीच रोजाना कई बसें चलती हैं.
कितना लगेगा किराया-
अगर बस से दिल्ली से झांसी जाना चाहते हैं तो आपको कम से कम 600 रुपए खर्च करने होंगे. ये दूरी तय करने के लिए कम से कम 8 घंटे का समय लगता है. अगर ट्रेन से दोनों शहरों के बीच सफर करना चाहते हैं तो जनरल टिकट के लिए 170 रुपए खर्च करने पड़ेंगे. अगर स्लीपर में सफर के लिए 280 रुपए खर्च करने होंगे. जबकि थर्ड एसी में 730 रुपए और सेकंड एसी में 1015 रुपए खर्च करने पड़ेंगे. ट्रेन के हिसाब से किराए में बदलाव हो सकता है. अगर फ्लाइट से दिल्ली से ग्वालियर जाना चाहते है तो आपको करीब 1123 रुपए खर्च करने होंगे.
रहने और खाने का खर्च-
झांसी में रहना और खाना काफी सस्ता है. इस शहर में 400 रुपए में आपको रहने के लिए होटल मिल जाएगा. इसके साथ अगर ज्यादा पैसा खर्च करना चाहते हैं तो 5000 रुपए तक का भी कमरा मिल सकता है. इस शहर में खाना बहुत ही सस्ता है. स्ट्रीट फूड या ढाबे पर 100 रुपए में खाया जा सकता है. यहां बेड़ई कचौरी बहुत ही लोकप्रिय है. 50 रुपए तक खर्च करके बेड़ई कचौरी खा सकते हैं.
घूमने की जगहें-
झांसी की वास्तुकला इतिहास प्रेमियों के लिए काफी पसंदीदा जगह है. एक पहाड़ी बगीरा की चोटी पर स्थित झांसी की किला देख सकते हैं. इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में राजा बीर सिंह देव ने करवाया था. इस किले में एक म्यूजियम भी है, जो चंदेला वंश के अवशेषों को समर्पित है. यहां रानी लक्ष्मीबाई पार्क भी है. यह किला पर्यटकों के लिए सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक खुलता है. इसमें एंट्री के लिए 5 रुपए फीस लगती है.
झांसी में रानी महल भी फेमस है. इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था. इसकी वास्तुकला बहुत ही आकर्षक है. इसमें प्रसिद्ध दरबार हॉल भी है. पर्यटकों के लिए ये महल सुबह साढे 9 बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक खुलता है.
इसके अलावा झांसी का सरकारी म्यूजियम देश के पुराने संग्रहालयों में से एक है. झांसी के पास ओरछा है, जिसकी स्थापना 1501 में राजा रुद्र प्रताप सिंह ने करवाया था. राजा गंगाधर राव का स्मारक भी देख सकते हैं. बरुआ सागर झील 260 साल पुरानी है. शहर का कैथोलिक लैटिन चर्च सेंट जूड्स श्राइन भी जा सकते हैं.
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