भारत का Best Adventure Tourist Destination है ये गांव, टूरिज्म मिनिस्ट्री ने दिया खिताब

कर्नाटक के इस गांव को Tourism Ministry ने 'Best Adventure Tourist Destination' का खिताब दिया है. यह गांव अपने सस्टेनेबल टूरिज्म के लिए जाना जाता है. इस खिताब का उद्देश्य गांवों की संस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है.

Kuthlur Village (Photo: Rural Tourism India)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 27 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:03 PM IST

कर्नाटक के बेलथांगडी तालुक में स्थित कुथलूर गांव बहुत से लोगों के लिए एक ऑफबीट डेस्टिनेशन है. इस गांव को पर्यटन मंत्रालय ने 'Adventure Tourism Category' में 'Best Tourism Village' के खिताब से सम्मानित किया है. इस खिताब से गांव को  टूरिज्म मैप पर अच्छी पहचान मिल रही है. यह गांव के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि अब यह आधिकारिक तौर पर भारत में एडवेंचर टूरिज्म के लिए अच्छा डेस्टिनेशन है. 

सस्टेनेबल टूरिज्म को प्राथमिकता देने वाले गांवों को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय हर साल 'The Best Tourism Village' प्रतियोगिता आयोजित करता है. यह प्रतियोगिता का दूसरा साल है. इस प्रतियोगिता के माध्यम से, हमें ऑफबीट और अनसुनी जगहों के बारे में पता चलता है जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है. इस बार प्रतियोगिता के विजेताओं को 27 सितंबर को World Tourism Day पर सम्मानित करेगा. 

क्या है कुथलूर की खासियत 
कुथलूर गांव पश्चिमी घाट की तलहटी पर स्थित है, और इसमें कुछ सबसे आश्चर्यजनक और प्राचीन परिदृश्य हैं. अपने कृषि आधार और वेनूर बाहुबली प्रतिमा और अरबी फॉल जैसे आश्चर्यजनक आकर्षणों के लिए जाना जाने वाला यह गांव सालाना लगभग 1,000 लोगों को आकर्षित करता है. सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध, इस गांव में मालेकुड़िया लोगों की अनूठी जनजातीय प्रथाएं, ऐतिहासिक स्थल और भूतराधने अनुष्ठानों की एक जीवंत परंपरा है. 

कुथलूर डेयरी फार्मिंग, कपड़ा उत्पादन और स्थानीय शिल्प के माध्यम से आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देता है. यहां प्लास्टिक-मुक्त पहल और वृक्षारोपण किया जाता है ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे. 

कुथलूर पहुंचने के लिए:

  • निकटतम रेलवे स्टेशन मंगलुरु रेलवे स्टेशन है.
  • निकटतम हवाई अड्डा मंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है.
  • गांव सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. 

कुथलूर ने पिछले वर्ष की प्रतियोगिता में भी भाग लिया था लेकिन उस समय उनका चयन नहीं किया गया था. 2024 में गांव के नए सिरे से किए गए प्रयास अब रंग लाए हैं, जिससे कर्नाटक के इस छिपे हुए रत्न पर ध्यान आकर्षित हुआ है. कुथलूर को खिताब मिलना स्थानीय समुदाय के लिए गर्व का स्रोत है, क्योंकि यह सतत पर्यटन विकास के लिए उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता को दर्शाता है. 

 

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