हमारे देश में आज भी जब बहुत सी लड़कियां या महिलाएं अकेले बाहर निकलती हैं तो उनके परिवार से कोई पुरुष सदस्य उनके साथ जाता है. इसके पीछे धारणा है कि महिलाएं अपनी सुरक्षा करने में सक्षम नहीं हैं और न ही देश और दुनिया उनके लिए सुरक्षित है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बता रहे हैं जो न सिर्फ इन धारणाओं को बदल रही है बल्कि हर एक बेटी को जीने के नए सलीके सिखा रही है.
यह कहानी है केरल से ताल्लुक रखने वाली 34 साल की नाजी नौशी की. नाजी केरल के थलासेरी से आती हैं और उनके पांच बच्चे हैं. कभी हाउसवाइफ के तौर पर जीने वाली नाजी आज सोलो मॉम ट्रेवलर हैं. सबसे दिलचस्प बात है कि नाजी किसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट से नहीं बल्कि अपनी थार गाड़ी से सोलो ट्रेवलिंग कर रही हैं. गुड न्यूज टुडे डिजिटल से बात करते हुए नाजी ने बताया कि फिलहाल, वह कुवैत में हैं और यहां से आगे वह इराक जाएंगी.
ट्रेवल व्लॉगर और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर बनी यह मां
नाजी नौशी ने बताया कि वह पिछले छह महीनों से जीसीसी देशों की यात्रा पर हैं. नाजी ने 10 सितंबर, 2024 को संयुक्त अरब अमीरात से की अपनी यात्रा शुरू की थी. अबू धाबी से, वह ओमान और फिर सऊदी अरब गईं, जहां उन्होंने तीन महीने तक यात्रा की. उन्हें ट्रेवल करते हुए छह महीने हो गए हैं और वर्तमान में वह कुवैत की यात्रा कर रही हैं और जल्द ही यहां से इराक के लिए रवाना होंगी. इराक से, वह अफगानिस्तान और चीम समेत 15 देशों की यात्रा करते हुए भारत पहुंचेंगी.
नाजी एक पैशनेट ट्रेवलर, व्लॉगर और अब सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के तौर पर नाम कमा रही हैं. कुवैत में, उन्होंने अपने महिंद्रा थार में फेलाका द्वीप, कुवैत टावर्स, रेगिस्तान, सूक, फार्म हाउस, घुड़सवारी केंद्र और दीवानिया जैसे कई ऐतिहासिक जगहों की ट्रिप की है. इतना ही नहीं. वह जहां जाती हैं वहां लोग उनका बहुत प्यार और सम्मान से स्वागत करते हैं.
केरल से शुरू की थी सोलो ट्रेवलिंग
नाजी का परिवार केरल वापस आने से पहले ओमान में रहता था. वह कहती हैं कि वह एक होममेकर थीं और अब सोलो ट्रेवलर हैं. उन्होंने अपनी ट्रेवलिंग का पैशन भारत से ही शुरू किया. सबसे पहले 2020 में उन्होंने केरल की सोलो ट्रिप की. नाजी का कहना है कि उनका परिवार उनके इस पैशन को हर तरह से सपोर्ट करता है. खासकर उनके पति जो उनके पीछे बच्चों का पूरा ख्याल रखते हैं.
केरल की सोलो ट्रिप करने के बाद उन्होंने थार में पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर लगभग सभी राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों की यात्रा की. उन्होंने केरन घाटी में भारत-पाकिस्तान सीमा, लद्दाख के पास चीन-भारत सीमा और भारत-म्यांमार सीमा की भी यात्रा की. उन्होंने अपनी अखिल भारतीय यात्रा के हिस्से के रूप में 30 दिनों में लक्षद्वीप के 10 द्वीपों को भी कवर किया. वहीं, 'भारत की महिला सशक्तिकरण' प्रोग्राम के तहत, नाजी ने भारत, नेपाल और भूटान की ट्रिप की. यह ट्रिप उन्होंने अलग-अलग तरह से ट्रेवल करते हुए पूरी की.
उन्होंने बताया कि वह ट्रक्स से लिफ्ट लेकर नेपाल और एवरेस्ट बेस कैंप पहुंची थीं. 2022 में नाजी ने सिर्फ पांच दिनों में एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचने वाली पहली महिला के तौर पर रिकॉर्ड बनाया. इसी तरह कई चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने म्यंमार की यात्रा की.
फीफा वर्ल्ड कप देखने पहुंची थी कतर
नाजी ने बताया कि वह फुटबॉल की बहुत बड़ी फैन हैं और साल 2022 में जब फुटबॉल वर्ल्ड कप आयोजित हुआ तो उन्होंने कतर जाने की ठानी. इस ट्रिप ने नाजी को सोशल मीडिया पर पॉपुलर कर दिया. उनके यूट्यूब चैनल को भी अच्छा अट्रैक्शन मिला. इतना ही नहीं, उनकी इस डेयरिंग के किस्से देश-विदेश की बड़ी हस्तियों तक भी पहुंचे हैं. देश के जाने-माने बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने खुद उनसे मुलाकात की और उन्हें सराहा.
थार का दिया नया रूप
नाजी के लिए थार में सोलो ट्रेवलिंग करना आसान काम नहीं है. उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने अपनी गाड़ी में काफी बदलाव कराए हैं और अब भी कई तरह की परेशानियों का सामना उन्हें करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी में एक मेकशिफ्ट किचन उन्होंने बनवाया है. उनकी थार में स्टोव और गैस सिलेंडर के साथ-साथ कुछ राशन का सामान रहता है. वह ट्रेवलिंग के दौरान खाना बनाती हैं. उनका कहना है कि वह जहां भी जाती हैं वहां उनकी बहुत लोगों से दोस्ती हो जाती हैं. और लोग बहुत ही प्यार से उन्हें अपने दिल ही नहीं घर में भी जगह देते हैं. अपना खाना खिलाते हैं. और कई बार वह लोगों को अपना बनाया खाना खिलाती हैं.
नाजी कहती हैं कि यात्रा के दौरान बहुत बार उनकी गाड़ी के साथ भी समस्या आ जाती है. लेकिन वह बिना घबराए इससे डील करती हैं. सबसे अच्छी बात है कि उन्हें लोकल लोगों से काफी मदद मिलती है. उनका कहना है कि ट्रेवलिंग आपको बहुत कुछ सिखाती है. अगर आप सोलो ट्रेवल कर रहे हैं तो यह अपने आप में बहुत खास एक्सपीरियंस है. सोलो ट्रेवलिंग आपको आत्मनिर्भर बनाती है. यह जिंदगी के प्रति आपका नजरिया बदलती है.