Holi in Goa: होली पर करें गोवा की ट्रिप प्लान, 14 दिन चलता है यहां शिगमो उत्सव

Holi in Goa: अगर आप गोवा जाना चाहते हैं तो एक ट्रिप होली के आसपास प्लान करें. क्योंकि होली के मौके पर यहां सिर्फ बीच पार्टी ही नहीं बल्कि दूसरे उत्सव भी कमाल के होते हैं जो आपके लिए एकदम अलग अनुभव होंगे.

Holi in Goa
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 21 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST
  • गोवा के इस गांव में मनती है आग की होली 
  • 14 दिन चलता है शिगमोत्सव 

हर साल लाखों लोग गोवा घुमने जाते हैं. खासकर कि युवाओं के बीच है सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन है. फ्रेंड्स ट्रिप से लकेर हनीमून तक, गोवा हर किसी के लिए खास है. लेकिन क्या आपको पता है कि बीच, एल्कोहल और पार्टीज के अलावा गोवा अपने कल्चर और उत्सव के लिए भी फेमस है. आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन गोवा में होली का त्योहार बहुत ही खास तरह से मनाया जाता है. 

गोवा में पारंपरिक हिंदू त्योहार शिगमोत्सव वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है और इसे बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है. होली के मौके पर शुरू होने वाला यह उत्सव 14 दिन तक चलता है और पूरा राज्य सांस्कृतिक प्रदर्शन, फ्लोट परेड, संगीत और पारंपरिक नृत्य आदि से जीवंत हो उठता है. 

इस गांव में मनती है आग की होली 
होली का उत्सव पारंपरिक रूप से एक रात पहले होलिका दहन से शुरू होता है. आपको बता दें कि पणजी से लगभग 80 किमी दूर एक गांव में आप होलिका दहन का एक अलग रूप देख सकते हैं. क्यूपेम के मोलकोर्नेम गांव में लोग आग से खेलते हैं और इस त्यौहार को शेनी उजो या ज़ेनी उज्जो कहा जाता है. शेनी का अर्थ है गाय के गोबर के उपले, जबकि उजो का अर्थ है आग. 

ग्रामीण इलाकों में उपले मिट्टी के चूल्हों को जलाने के लिए ईंधन के स्रोत के रूप में काम करते हैं. होली से एक रात पहले, आधी रात के आसपास, स्थानीय लोग क्यूपेम में श्रीमल्लिकार्जुन मंदिर के पास इकट्ठा होते हैं. यहां पर लोग तीन सुपारी के पेड़ों को काटकर, अपने कंधों पर लादकर लाते हैं और इन तीनों को एक जग अलग-अलग स्थान पर लगा देते हैं. ये पेड़ होलिका का प्रतीक होते हैं. 

उत्तरी भारत की तरह जहां होलिका दहन का संकेत देने के लिए लकड़ी जलाई जाती है. यहां पर इन पेडों पर जलते हुए उपले फेंके जाते हैं. जलता उपला अंगारा बनकर पेड़ पर गिरता है और इसमें चिंगारी भी निकलती है. स्थानीय लोग इन अंगारों के नीचे नृत्य करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह सौभाग्य लाता है. नवविवाहित जोड़े दहकते अंगारों के नीचे आते हैं ताकि उन्हें बच्चे का आशीर्वाद मिले.

14 दिन चलता है शिगमोत्सव 
शिग्मो होली का त्योहार है जो भारत के गोवा राज्य में 14 दिनों तक मनाया जाता है. यह त्योहार उन योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाते हैं जो आक्रमणकारियों से लड़ने के बाद शरद ऋतु के त्योहार दशहरा पर घर लौटे थे. जुलूस परेड झांकियों के रूप में निकलता है और लोक नृत्यों और पारंपरिक संगीत गोवा की सड़कों पर गूंजते हैं. त्योहार के आखिरी पांच दिन राज्य भर के विभिन्न शहरों और छोटे गांवों की सड़कों पर परेड होती है. यहां सिर्फ पौराणिक कथाएं और इतिहास नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन को भी लोक नर्तकों द्वारा ढोल की थाप पर चित्रित किया जाता है. 

घोडे मोरनी - घोड़ा नृत्य
इस उत्सव के दौरान घोड़े के नृत्य के साथ मार्शल आर्ट का एक रूप- घोडे मोरनी भी कुछ परेडों में प्रदर्शित किया जाता है. यह नृत्य मराठा योद्धाओं की याद दिलाता है जिन्होंने राज्य पर शासन किया था. रोम्टामेल परेड के दौरान किया जाने वाला एक और लोकप्रिय लोक नृत्य है. आमतौर पर उन्हें सफेद कपड़े पहने, रंगीन बनियान या कमरबंद और भगवा टोपी के साथ देखा जाता है, वे झंडे ले जाते हैं और ड्रम और झांझ की थाप पर नृत्य करते हैं.

देवताओं के रूप में सजना
पौराणिक पात्रों - देवताओं, देवियों या यहां तक ​​कि राक्षसों की वेशभूषा भी लोग पहनते हैं. कुछ फैंसी ड्रेस प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं, जिसमें सभी उम्र के प्रतिभागियों को अपना सर्वश्रेष्ठ पोज़ देने का मौका मिलता है. त्योहार के अंतिम दिन के दौरान, स्थानीय ग्राम देवताओं को पालकी पर बिठाकर गांव के प्रार्थना कक्षों और मंदिरों में ले जाया जाता है. भक्त परेड में शामिल होते हैं और प्रार्थना कक्ष तक देवता का अनुसरण करते हैं. 

 

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