Trip to Bhimashankar: प्रकृति की गोद में बसा है भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, मंदिर के दर्शन के साथ कर सकते हैं ट्रैकिंग भी, आज ही करें ट्रिप प्लान

Trip to Bhimashankar: उत्तराखंड के पहाड़ों में तो हर कोई ट्रैकिंग के लिए जाता है. लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं महाराष्ट्र में पुणे के पास भीमाशंकर के बारे में जहां न आप सिर्फ ट्रैकिंग कर सकते हैं बल्कि भगवान शिव के एक ज्योतिर्लिंग के दर्शन भी कर सकते हैं.

Trip to Bhimashankar
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 06 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST
  • मुंबई-पुणे के पास बेस्ट वीकेंड डेस्टिनेशन
  • दोस्तों के साथ जाएं ट्रैकिंग

महाराष्ट्र में पुणे के पास सह्याद्री रेंज में हरे-भरे वर्षावनों से घिरा, भीमाशंकर भारत में बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यह देश के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है. अपनी ऊंचाई, जलवायु और स्थान के कारण, भीमाशंकर न सिर्फ धार्मिक तीर्थयात्रियों बल्कि ट्रेकर्स, प्रकृति प्रेमियों, फोटोग्राफी के शौकीनों के बीच भी काफी फेमस है. साथ ही, मुंबई-पुणे से पास होने के कारण शहरों में रहने वाले बहुत से लोगों के लिए यह वीकेंड ट्रिप का बेस्ट गेटवे है. 

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के अलावा और भी कई जगहें हैं यहां पर जहां आप घूम सकते हैं. भीमाशंकर की ट्रिप अपने पार्टनर, परिवार और दोस्तों के साथ की जा सकती है. आज हम आपको बता रहे हैं यहां की मशहूर जगहों के बारे में जहां आपको जाना चाहिए. 

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर के करें दर्शन
महाराष्ट्र में सह्याद्री पहाड़ियों की गोद में स्थित भीमाशंकर मंदिर प्रतिष्ठित ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. पौराणिक कथा के अनुसार, भीमा नदी, जिसे चंद्रभागा के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म भगवान शिव और राक्षस त्रिपुरासुर के बीच एक युद्ध के दौरान हुआ था. इस महत्वपूर्ण घटना ने मंदिर के नाम और पवित्र स्थान को जन्म दिया. मंदिर की ऐतिहासिक विरासत सदियों तक फैली हुई है और दूर-दूर से तीर्थयात्रियों और भक्तों को आकर्षित करती है.

आपको बता दें कि मंदिर सुबह 4:30 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक खुला रहता है और शाम 4:00 बजे से फिर रात 9:30 बजे तक खुलता है. यह प्रसिद्ध मंदिर नागर शैली में बना है. रथ जैसा दिखने वाला मंदिर का अनोखा डिज़ाइन वास्तुशिल्प रचनात्मकता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. 

यहां है भीमाशंकर वन्यजीव अभ्यारण्य
मंदिर में दर्शन करने के बाद आप यहां पर और भी कई जगहों पर घूम सकते हैं जैसे भीमाशंकर वन्यजीव अभ्यारण्य. यहां पर चमचमाते झरनों, हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों का मनमोहक दृश्य मिलता है. वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध विविधता के साथ, यह स्थान वन्यजीव और फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए अनमोल है. आपको यहां पर गिलहरी और पक्षियों की कई दुर्लभ प्रजातियों देखने को मिलेंगी. इस जगह को बर्डलाइफ़ इंटरनेशनल ने एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (IBA) के रूप में पहचान दी है. 

दोस्तों के साथ करें ट्रैकिंग 
अगर आपको पहाड़ पसंद हैं और आप ट्रेकिंग पर्सन है तो यह जगह आपके लिए बेस्ट है. आप प्राकृतिक सुंदरता, और बेहद मनमोहक दृश्यों से भरपूर, पश्चिमी घाट पर ट्रैकिंग कर सकते हैं. यहां पर आप घने जंगलों की ओर ट्रैकिंग कर सकते हैं और चहचहाते पक्षी आपका साथ देंगे. यहां दो पॉपुलर ट्रैकिंग मार्ग हैं: गणेश घाट, जो 8 किमी का आसान रास्ता है और सिद्धि घाट, जो सीढ़ियों के साथ थोड़ा मुश्किल है. भीमाशंकर में ट्रैकिंग के लिए मानसून का मौसम सबसे अच्छा समय है. 

हनुमान झील देखने के साथ करें गुप्त भीमाशंकर के दर्शन
हनुमान झील एक शांतिपूर्ण और स्वच्छ झील है, जो चारों ओर से हरियाली से घिरी हुई है. इसके किनारे बैठकर आपको लगेगा कि जैसे आप प्रकृति की गोद में बैठे हैं. यहां ताजी हवा में सांस लें और आपको अपार शांति मिलेगी. यहां पास के भोरगिरि गांव में हर साल मानसून से पहले जुगनू महोत्सव होता है, जहां हजारों जुगनू गांव को रोशन करते हैं. आप इस समय के आसपास भी ट्रेवल प्लान कर सकते हैं. 

यह पवित्र स्थान भीम नदी का उद्गम स्थल माना जाता है और यह वह स्थान भी है जहां सबसे पहले शिवलिंग मिला था. यहां प्राकृतिक झरनों की धारा शिवलिंग के ऊपर गिरती है. बड़ी संख्या में भक्त इस पवित्र स्थल पर आते हैं. भीमाशंकर की ट्रिप के लिए अक्टूबर से मार्च तक का समय बेस्ट है. इस समय मानसून कम होती है और यहां हरियाली और बहुत ही सुहावना मौसम होता है. यह वन्यजीव अभयारण्य देखने और ट्रैकिंग के लिए भी सही मौसम है. आप यहां पुणे से बस, ट्रेन या गाड़ी से आ सकते हैं. 


 

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