Trip to Rameshwaram: इस ज्योतिर्लिंग का है भगवान राम से गहरा रिश्ता, यहां आकर धुल जाते हैं पाप, प्लान करें ट्रिप

भारत में मौजूद भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का भगवान राम से खास संबंध है. इस जगह का जिक्र महाकाव्य रामायण में मिलता है. कहते हैं कि यहां आकर मनुष्य अपने पापों से मुक्त हो जाता है.

Trip to Rameshwaram
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 07 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 3:10 PM IST
  • रामायण में भी है उल्लेख 
  • जरूर देखें आदम का पुल

मदुरई से कुछ सौ किलोमीटर दूर और मन्नार की खाड़ी से बमुश्किल कुछ मील की दूरी पर स्थित, रामेश्वरम द्वीप तमिलनाडु के साथ-साथ पूरे भारत का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के रामनाथस्वामी मंदिर के अलावा भी यहां बहुत सी जगहें जो आप घूम सकते हैं. यहां साल भर हजारों तीर्थयात्री आते हैं. रामेश्वरम चार धामों में से एक धाम भी है. जिस तरह उत्तर में काशी का महत्व है वैसे दक्षिण में रामेश्वरम है. मान्यता है कि रामेश्वरम आकर हर पाप से मुक्ति मिल जाती है. आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ ट्रिप प्लान कर सकते हैं. 

रामायण में भी है उल्लेख 
रामेश्वरम शहर और प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर का उल्लेख हिंदू महाकाव्य रामायण में मिलता है, जहां कहा जाता है कि भगवान राम ने रामेश्वरम में भगवान शिव की पूजा की थी. इसके अलावा, भगवान राम ने हनुमान और उनके वानर कबीले के साथ मिलकर लंका तक पहुंचने  समुद्र पर प्रसिद्ध राम सेतु का निर्माण किया. 

किंवदंती है कि इस मंदिर में जो शिवलिंग है उसे खुद मां सीता ने अपने हाथों से बनाया था. भगवान राम ने लंका के राजा रावण को युद्ध में मारने के पश्चात यहां पूजा की ताकि उन्हें एक ब्राह्मण की हत्या के पाप से मुक्ति मिल सके. ऐसा करने के लिए, भगवान राम ने अपने भक्त हनुमान से हिमालय से एक लिंग लाने के लिए कहा. लेकिन हनुमान जी को लिंगम लाने में देरी हुई, तब मां सीता ने शिवलिंग बनाया. कहा जाता है कि यह शिवलिंग मंदिर के गर्भगृह में मौजूद है. इस कारण प्राचीन काल से, रामेश्वरम हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए बहुत खास रहा है. रामेश्वरम में देखने लायक कई जगहों में समुद्र तट, मंदिर और पुल शामिल हैं.

शानदार है पंबन ब्रिज 
ज्योतिर्लिंग मंदिर के अलावा, रामेश्वरम में मुख्य आकर्षणों में से एक पम्बन ब्रिज है. इस मानव निर्मित पुल की यात्रा लोगों के लिए अनोखे अनुभव से कम नहीं है. यह पुल एक इंजीनियरिंग चमत्कार है. यह एक सदी से भी ज्यादा पुराना है. पम्बन ब्रिज एक रेलवे पुल है जो मुख्य भूमि भारत के मंडपम शहर को पम्बन द्वीप पर रामेश्वरम से जोड़ता है. यह पहली बार 24 फरवरी 1914 को खोला गया था. यह भारत का पहला समुद्री पुल था. साल 2010 में बांद्रा-वर्ली सी लिंक के खुलने तक यह भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल था. 

धनुषकोडी बीच है बहुत सुंदर 
रामेश्वरम के दक्षिणी सिरे पर स्थित, धनुषकोडी बीच भारत के प्राचीन पर्यटन स्थलों में से एक है. एक तरफ से मन्नार की खाड़ी और दूसरी तरफ से बंगाल की खाड़ी से घिरा, धनुषकोडी बीच वह स्थान है जो न केवल आसपास से बल्कि दूर-दूर से भी लोगों को आकर्षित करता है.  तमिलनाडु का यह आकर्षक समुद्र तट पर्यटकों को समुद्री सर्फिंग के रोमांच का अनुभव करने का मौका भी देता है. यहां आप सुबह की पहली किरण (सूर्योदय) और सूर्यास्त (सूर्यास्त) के दृश्यों का भी आनंद लें. इतना ही नहीं, सर्दियों के मौसम के दौरान, यह स्थान राजहंस और गल्स जैसे कई प्रवासी पक्षियों का घर बन जाता है. 

यहां देखें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का घर
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का घर रामेश्वरम में देखने लायक एक दिलचस्प जगह है. वह घर जहां पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक ने अपने प्रारंभिक वर्ष बिताए थे, अब एक संग्रहालय में बदल दिया गया है. संग्रहालय में कलाम की उपयोग की गई कई वस्तुओं के साथ-साथ अब्दुल कलाम की कई तस्वीरें भी प्रदर्शित हैं. 

पंचमुखी हनुमान मंदिर 
भगवान हनुमान को समर्पित, हनुमान मंदिर रामेश्वरम में एक प्रमुख हिंदू धार्मिक मंदिर है. माना जाता है कि यहां भगवान हनुमान ने अपना पंच या पांच मुख वाला अवतार प्रकट किया था. मंदिर के अंदर भक्त हनुमान की सिन्दूर लगी हुई मूर्ति देख सकते हैं. भगवान राम और उनकी पत्नी सीता की मूर्तियां भी मौजूद हैं जिन्हें 1964 के अंत में स्थापित किया गया था. इस मंदिर के अलावा यहां जटायु तीर्थम मंदिर भी है जो भगवान जटायु को समर्पित है. 

जरूर देखें आदम का पुल
आदम के पुल को ही राम सेतु के नाम से जाना जाता है. यह चूना पत्थर की एक श्रृंखला है जो भारत में पंबन द्वीप को श्रीलंका के मन्नार से जोड़ती है. भूवैज्ञानिक साक्ष्य बताते हैं कि यह पुल प्राचीन काल में भारत और श्रीलंका को जोड़ता था. इस पुल का पौराणिक महत्व भी है क्योंकि इसका उल्लेख लोकप्रिय हिंदू महाकाव्य रामायण में मिलता है. ऐसा कहा जाता है कि इस पुल का निर्माण भगवान राम ने सीता को लंका से वापस लाने के लिए वानर वंश की मदद से किया था. इसके अलावा आप अग्नितीर्थम में जाकर स्नान कर सकते हैं. यहां स्नान करना शुभ माना जाता है. 

 

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