Trip to Achaleshwar Mahadev Mandir: शिवलिंग नहीं यहां होती है शिवजी के अंगूठे की पूजा, माउंट आबू के पास बसा है यह मंदिर, ऐसे करें ट्रिप प्लान

राजस्थान के अचलेश्वर महादेव मंदिर की बहुत ज्यादा मान्यता है. इस मंदिर को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. अगर कर रहे हैं माउंट आबू की ट्रिप प्लान तो इस मंदिर के दर्शन जरूर करके आएं.

Achaleshwar Mahadev Temple (Photo: Flickr/Manfred Sommer)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 30 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST

माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है जहां कई धार्मिक और आध्यात्मिक स्थान हैं. बताया जाता है कि राजस्थान के इस लोकप्रिय हिल स्टेशन में और इसके आसपास महादेव (शिव के नाम से प्रसिद्ध) के 108 मंदिर स्थित हैं. इन्हीं 108 शिव मंदिरों में से एक मंदिर है अचलेश्वर महादेव मंदिर. यह मंदिर माउंट आबू से लगभग 11 किलोमीटर दूर अचलगढ़ गांव में अचलगढ़ किले के ठीक पास स्थित है. आप जब भी माउंट आबू की ट्रिप प्लान करें तो इस मंदिर को देखना तो बनता है. 

मंदिर का इतिहास
अचलेश्वर मंदिर का दिलचस्प इतिहास है. बताया जाता है कि साल 1979 में, सिरोही के युवराज ने चूने की परत के नीचे संगमरमर जैसा कुछ देखा और अच्छे पुरातत्वविदों और कलाकारों से इस मामले पर गौर करने को कहा. कलाकारों ने सावधानी से परत-दर-परत चूना हटाया गया और चूने से ढकी हुई भव्य वास्तुकला सामने आ गई. मंदिर के गर्भगृह के जीर्णोद्धार के दौरान पता चला कि इसका निर्माण ईंटों से नहीं बल्कि संगमरमर के एक विशाल खंड से किया गया था और अधिक खुदाई करने पर गर्भगृह के चारों ओर एक पथ मिला, जो हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार परिक्रमा के लिए था.

इस मंदिर ने सभी को अचंभित कर दिया. मंदिर के भीतर एक अर्धवृत्ताकार गड्ढा है जहां भक्त महादेव के दाहिने पैर के अंगूठे पर जल चढ़ाते हैं. आपको यहां कोई "शिवलिंग" नहीं मिलेगा है. यहां पर भक्तजन शिवजी के पैर के अंगूठे की पूजा करते हैं. यह एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां शिव लिंग के बजाय महादेव के पैर के अंगूठे की पूजा की जाती है, और यही कारण है कि यह भारत के सभी शिव मंदिरों में अद्वितीय है. मंदिर परिसर में कच्छप, मत्स्य, राम, वराह नरसिंघम, कलंगी अवतार नामक हिंदू धर्म के विभिन्न देवताओं के अन्य छोटे मंदिर शामिल हैं. 

घूम सकते हैं ये जगहें 
अचलेश्वर महादेव मंदिर के अलावा भी बहुत सी जगहें हैं यहां पर जहां आप घूम सकते हैं. आप यहां अचलगढ़ किला देख सकते हैं, जिसे परमार वंशजों ने बनवाया था. बाद में महाराणा कुंभा ने इसकी मरम्मत करवाई. इसी किले के परिसर में अचलेश्वर महादेव मंदिर और मंदाकिनी झील स्थित हैं. इसके अलावा, माउंट आबू में बहुत सी जगहें हैं घूमने के लिए: 

  • नक्की झील 
  • गुरु शिखर 
  • दिलवाड़ा जैन मंदिर 
  • माउंट आबू सेंचुरी 
  • लाल मंदिर 

माउंट आबू को घूमने के लिए आप दो से तीन दिन की ट्रिप प्लान कर सकते हैं. आप किस परिवहन के जरिए माउंट आबू आ रहे हैं और किस तरह की जगह पर स्टे करते हैं, इसके आधार पर आपका बजट निर्भर करता है. अगर आप ट्रेन रूट अपनाते हैं तो 10 हजार रुपए से कम में आपकी ट्रिप हो जाएगी. 

कैसे पहुंचें यहां पर 
फ्लाइट से- माउंट आबू का अपना कोई एयरपोर्ट नहीं है और निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर में महाराणा प्रताप हवाई अड्डा है, जो माउंट आबू से 176 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. उदयपुर से आपको ट्रेन, बस या कार से माउंट आबू आना होगा और यहां से जीप आदि के माध्यम से आप अचलेश्वर महादेव मंदिर जा सकते हैं. 

सड़क मार्ग से- यहां की मोटरेबल सड़कें माउंट आबू को अजमेर, बूंदी और दिल्ली के अन्य शहरों से जोड़ती हैं. लोग या तो खुद गाड़ी चला सकते हैं या राज्य परिवहन सेवा की बसों से यात्रा कर सकते हैं. माउंट आबू की ट्रिप प्लान करते समय आप प्राइवेट बस सेवाएं भी देख सकते हैं. 

रेल से- माउंट आबू का रेलवे स्टेशन शहर से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह रेलवे स्टेशन दिल्ली और मुंबई के बीच कनेक्टिंग रेल लाइन पर स्थित है. माउंट आबू अन्य प्रमुख शहरों जैसे जयपुर, पुणे, बैंगलोर, अहमदाबाद और चेन्नई से भी जुड़ा हुआ है. रेलवे स्टेशन से आप किसी पब्लिक वाहन जैसे टैक्सी, या बस से माउंट आबू पहुंच सकते हैं और फिर यहां से अचलेश्वर मंदिर जा सकते हैं. 

 

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