फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) इस बार 26 जनवरी पर हमारे चीफ गेस्ट हैं. इमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने से पहले गुरुवार को आमेर किला, जंतर मंतर और हवा महल का दौरा करेंगे. फ्रांसीसी राष्ट्रपति 25 जनवरी को जयपुर पहुंचेंगे और अपने दिन की शुरुआत आमेर किले (Amer Fort) से करेंगे. वह किले तक पैदल जाएंगे जहां राष्ट्रपति मैक्रों के लिए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम की योजना है.
इसके बाद मैक्रों विश्व धरोहर स्थल जंतर-मंतर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे. इसके बाद मोदी और मैक्रों जंतर-मंतर से सांगानेरी गेट तक एक रोड शो में हिस्सा लेंगे और हवा महल में रुकेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैक्रों के लिए रामबाग पैलेस (Rambagh Palace) में एक प्राइवेट डिनर का भी आयोजन करेंगे. आपको बता दें कि जयपुर का आमेर किला इस शहर के भव्य इतिहास का प्रमाण है तो वहीं रामबाग पैलेस को 'जयपुर का गहना' कहा जाता है.
150 सालों में बना आमेर किला
हिंदू और मुगल वास्तुकला के संयोजन के लिए प्रसिद्ध, आमेर किला राजस्थान में जयपुर से लगभग 11 किमी दूर स्थित है. यह गढ़ कछवा राजपूतों का थी, जिन्होंने राजधानी को वर्तमान जयपुर में स्थानांतरित करने से पहले राजस्थान में आमेर पर शासन किया था. आमेर किले का निर्माण 1592 में राजा मान सिंह प्रथम ने पहले की मजबूत संरचना के अवशेषों पर शुरू किया था. यह किला लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है और दिलचस्प बात यह है कि लगभग 150 सालों तक अलग-अलग राजाओं ने इसका निर्माण जारी रखा.
मुगल शासन के दौरान, मान सिंह प्रथम के अधीन आमेर अपनी शक्ति और प्रभाव के चरम पर था. मान सिंह मुगल सेना के प्रमुख कमांडर और नवरत्नों (अकबर के दरबार के नौ रत्नों) में से एक थे. किले का अलंकरण राजपूत-मुगल शैलियों का मिश्रण है. किले की दीवारों और छतों पर जटिल नक्काशी, दर्पण और कीमती पत्थरों की कलाकृतियां देखी जा सकती हैं. किले के परिसर में कई स्थान हैं, जिन्हें मुगल वास्तुकला शैली के अनुसार बनाया गया है, जिसमें 'दिल-ए-आराम' उद्यान भी शामिल है, जो किले के प्रवेश बिंदु पर स्थित है.
रामबाग पैलेस- जयपुर का गहना
जयपुर का गहना कहे जाने वाला रामबाग पैलेस होटल किसी सपने से कम नहीं है. भारत की आजादी के बाद महाराजा सवाई मान सिंह ने इसका निर्माण कराया था और अब इसका संचालन और रखरखाव ताज होटल कर रहा है. यह होटल निश्चित रूप से सभी लक्जरी सुविधाओं के साथ किसी को भी राजा जैसा महसूस कराता है. यह महल कई पीढ़ियों के राजघरानों के लिए उनका घर रहा है.
बताया जाता है कि रामबाग पैलेस मूल रूप से 1835 में बनाया गया था, और यह रानी की पसंदीदा दासी का घर हुआ करता था, और फिर यहां एक शाही गेस्टहाउस और शिकार लॉज बन गया. 1925 में, रामबाग पैलेस जयपुर के महाराजा का स्थायी निवास बन गया. जो मेहमान यहां रूकने के लिए बुकिंग करते हैं, उन्हें राजपूत आतिथ्य की बेहतरीन परंपरा का पता चलता है.
यह पैलेस देश के सबसे महंगे होटलों में से एक है. पिछले कुछ सालों में, इस होटल ने लॉर्ड लुईस माउंटबेटन और प्रिंस चार्ल्स सहित कई प्रतिष्ठित अतिथियों की मेजबानी की है और अब यह फ्रेंच राष्ट्रपति मैक्रों की मेजबानी करने को तैयार है.