उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में मिर्जापुर एक जिला है. इस शहर सांकृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए मशहूर है. यह शहर गंगा नदी के किनारे बसा है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता आपका मन मोह लेगी. यह शहर लखनिया वाटरफॉल के लिए फेमस है. इसके अलावा चुनान का किला, इफ्तिखार का मकबरा,विंध्यवासिनी धाम भी काफी मशहूर है. चलिए आपको इस टूरिस्ट प्लेस के बारे में सबकुछ बताते हैं.
दिल्ली से कैसा जा सकते हैं मिर्जापुर-
दिल्ली से मिर्जापुर की दूरी 794 किलोमीटर है. दिल्ली से वाराणसी या चंदौली ट्रेन से जा सकते हैं. मिर्जापुर से दिनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन सिर्फ 41 किलोमीटर दूर है. यहां से आसानी से टैक्सी मिल जाएगी. अगर आप दिल्ली से ट्रेन से वाराणसी जाते हैं तो वहां से मिर्जापुर की दूरी करीब 60 किलोमीटर है. वाराणसी से मिर्जापुर ट्रेन से भी जाया जा सकता है या टैक्सी लेकर जाया जा सकता है.
अगर दिल्ली से फ्लाइट से मिर्जापुर जाना चाहते हैं तो इसके लिए राजधानी से वाराणसी की फ्लाइट पकड़नी पड़ेगी. इसके बाद वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टैक्सी से मिर्जापुर जा सकते हैं. दिल्ली से मिर्जापुर के लिए डायरेक्ट बस सर्विस भी है. हालांकि इस दूसरी को तय करने में 20 घंटे का समय लगता है.
कितना लगेगा किराया-
दिल्ली से फ्लाइट से वाराणसी जाने के लिए कम से कम 3500 रुपए खर्च करने पड़ेंगे. इसके बाद वाराणसी से मिर्जापुर के लिए कैब बुक करनी होगी, जिसका किराया 1500 रुपए आएगा. इस तरह से दिल्ली से फ्लाइट से 5000 रुपए में मिर्जापुर पहुंच सकते हैं.
अगर दिल्ली से ट्रेन से मिर्जापुर जाना चाहते हैं तो इस रूट पर कई ट्रेनें चलती हैं. जिसमें स्लीपर सीट का 425 रुपए में मिलता है. अगर आप थर्ड एसी से जाना चाहते हैं तो 1110 रुपए टिकट मिलता है. इसके अलावा आप वाराणसी और दिन दयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन से भी मिर्जापुर जा सकते हैं.
अगर दिल्ली से डायरेक्ट बस से मिर्जापुर जाना है तो करीब 1100 रुपए किराया है.
मिर्जापुर में क्या घूम सकते हैं-
मिर्जापुर में घूमने की कई बेहतरीन जगहें हैं. यहां लखनिया वाटरफॉल पिकनिक स्पॉट है. यहां झरना 100 मीटर की ऊंचाई से गिरता है. इसके अलावा चुनाव का किला भी काफी फेमस है. यह किला गंगा नदी के किनारे है. इस जिले में मुगल बादशाह जहांगीर का पदाधिकारी इफ्तिखार खान का मकबरा है. इसका निर्माण 1613 में हुआ था. मां विंध्वासिनी का मंदिर भी मशहूर है. इसके साथ ही अष्टभुज मंदिर में भी काफी श्रद्धालु आते हैं.
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