Train Rules: अगर ट्रेन सफर में सामान चोरी हो जाए या आग लग जाए तो क्या रेलवे देता है मुआवजा? जानें क्या है नियम

Indian Railway Rules: ट्रेन में सफर के दौरान कई बार सामान चोरी हो जाता है. ऐसे में मुसाफिर को मुआवजा देने का नियम है. लेकिन ये मुआवजा सबको नहीं मिलता है. इसके साथ ही मुसाफिर को टिकट बुकिंग के दौरान इंश्योरेंस का ऑप्शन मिलता है. ट्रेन में किसी भी हादसे के समय इंश्योरेंस का पैसा मुसाफिर को मिलता है.

Indian Railways
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2024,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST

भारतीय रेलवे देश की लाइफलाइन है. हम सभी ने ट्रेनों में सफर किया है. लेकिन अक्सर सफर के दौरान हमारे मन में ये डर बना रहता है कि कहीं हमारा सामान ना चोरी हो जाए. वैसे तो सुरक्षा के लिहाज से रेलवे की तरफ से ट्रेनों में पुलिस के जवान तैनात किए जाते हैं. लेकिन इसके बावजूद भी कई बार मुसाफिरों को चोरी की वारदातों का सामना करना पड़ता है. हालांकि सफर में अगर मुसाफिर का कोई सामान चोरी होता है या कोई हादसा होता है तो रेलवे की तरफ से पीड़ित को मुआवजा दिया जाता है. चलिए आपको रेलवे के इस नियम के बारे में बताते हैं.

सामान चोरी होने पर मिलता है मुआवजा-
अगर ट्रेन में सफर के दौरान आपका कोई सामान चोरी हो जाता है तो सबसे पहले उसकी शिकायत दर्ज करानी चाहिए. उसके बाद रेलवे सामान खोजने की कोशिश करता है. अगर आपका सामान नहीं मिलता है तो भारतीय रेलवे मुसाफिर को मुआवजा देता है. 

मुआवजा पाने के लिए मुसाफिर को कुछ प्रोसेस फॉलो करना पड़ता है. सामान चोरी होने पर मुसाफिर को सबसे पहले ट्रेन में कोच अटेंडेंट, गार्ड या जीआरपी एस्कॉर्ट से संपर्क करना चाहिए, जो आपको एक फॉर्म देगा. मुसाफिर को इस फॉर्म को भरना होगा. इसके बाद इस फॉर्म को थाने में भेज दिया जाता है.

रेलवे के नियम के मुताबिक रेलवे सफर के दौरान चोरी हुए सामान की भरपाई करता है. रेलवे उस मुसाफिर को ही मुआवजा देता है, जिन्होंने लगेज की फीस देकर सामान की बुकिंग करवाई होती है. बुकिंग किए गए सामान को कोई नुकसान होता है तो रेलवे इसका मुआवजा देता है. रेलवे सामान की कीमत के मुताबिक मुआवजा देता है. अगर बुकिंग के दौरान सामान की कीमत नहीं लगाई गई है तो 100 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से रेलवे मुआवजा देता है.

कैसे मिलता है इंश्योरेंस का पैसा-
अगर सफर के दौरान ट्रेन में आग लगती है तो रेलवे मुसाफिरों की मदद क लिए इंश्योरेंस दिया जाता है. इंश्योरेंस का पैसा तभी मिलता है, जब आपने नियमों का पालन किया है. आपको बता दें कि टिकट बुकिंग के समय रेलवे की तरफ से इंश्योरेंस का ऑप्शन दिया जाता है. अगर मुसाफिर इंश्योरेंस का ऑप्शन लेता है तो उसे 35 पैसे का भुगतान करना पड़ता है. इस इंश्योरेंस का फायदा किसी भी हादसे में मिलता है.

इंश्योरेंस का फायदा उन मुसाफिरों को मिलता है, जिनका टिकट कंफर्म या आरएससी होता है. इंश्योरेंस के साथ टिकट बुकिंग करने पर एसएमएस और रजिस्टर्ड ईमेल के जरिए इसकी जानकारी दी जाती है.

इंश्योरेंस के तहत मुसाफिरों को क्लेम के आधार पर मुआवजा मिलता है. अगर हादसे में मुसाफिर की मौत होती है तो फैमिली को 10 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा. अगर परमानेंट टोटल डिसेबिलिटी होने पर भी 10 लाख रुपए के मुआवजे का प्रावधान है. अगर मुसाफिर को परमानेंट पार्शल डिसेबिलिटी पर 7.5 लाख रुपए और घायल होने पर 2 लाख रुपए का मुआवजा मिलता है.

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