सात दशक पहले, दुनिया ने पहली बार परमाणु बमबारी देखी थी, जब अमेरिका ने जापान के शहर हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम विस्फोट किया था. बम विस्फोट में उस साल की आखिर तक 1.4 लाख लोग मारे गए थे. इतना ही नहीं इनमें से कुछ लोग ऐसे भी थे जो विस्फोट के बाद रेडिएशन के संपर्क में आने से मारे गए थे.उस विस्फोट का प्रभाव इतना भयानक था कि 80,000 लोग तुरंत मर गए थे. तीन दिन बाद, नागासाकी पर थोड़ा बड़ा प्लूटोनियम बम विस्फोट हुआ, जिससे साल के आखिर तक 74,000 लोग मारे गए.
6 अगस्त 1945 को अमेरिकी परमाणु बम हमले के बाद हिरोशिमा शहर को घेरने वाले पायरोक्यूम्यलस या आग के तूफान के बादल बन गए थे. विस्फोट के लगभग तीन घंटे बाद आग अपनी चरम तीव्रता पर पहुंच गई थी.
ये विज्ञान और उद्योग संग्रहालय का ध्वस्त ढांचा है जो विस्फोट के तुरंत बाद दिखाई दिया था. शहर के अधिकारियों ने कुछ साल पहले ही इस इस इमारत को एक स्मारक के रूप में संरक्षित करने का निर्णय लिया था.
सितंबर 1945 में जापान के हिरोशिमा में ली गई यह फाइल तस्वीर, भीड़ भरी ट्रेनों में छुट्टी दे दिए गए जापानी सैनिकों को दिखाती है.
1948 में ली गई तस्वीर, जो आबादी पर पहला परमाणु बम गिराए जाने के तीन साल बाद जापान के तबाह शहर हिरोशिमा का एक पहलू दिखाती है. 6 अगस्त, 1945 को 08:15 बजे, शहर में एक घंटे की तीव्र हलचल के दौरान, अमेरिका के B29 बॉम्बर ने शहर पर एक बम गिराया था.
ये अगस्त 1945 की तस्वीर जिसमें बी-29 "एनोला गे" प्लेन के अमेरिकी क्रू को दिखाया गया है. ये वो लोग हैं जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा पर इतिहास का पहला परमाणु बम गिराया था.
नागासाकी में उराकामी कैथोलिक कैथेड्रल, जिसे 13 सितंबर, 1945 को देखा गया था, इस शहर पर एक महीने पहले हुए परमाणु बम के विस्फोट के बाद बर्बाद हो गया है.
नागासाकी में उराकामी कैथोलिक कैथेड्रल चर्च की फोटो.
विशाल मित्सुबिशी स्टील एंड आर्मामेंट वर्क्स के धुएं के ढेर. यह प्लांट ग्राउंड जीरो से लगभग 2,500 फीट (760 मीटर) नीचे नदी में स्थित था.