रक्षा मंत्रालय ने अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स से जिस मानवरहित एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन को खरीदने पर मुहर लगाई है वह दुनिया का सबसे उन्नत ड्रोन है. साल 2021 में इसकी कीमत करीब 3 करोड़ डॉलर आंकी गई थी. ये ड्रोन 50 हजार फीट की ऊंचाई तक दुर्गम हालात में भी उड़ान भरने में सक्षम है. इतना ही नहीं ये 1746 किलोग्राम का पेलोड लेकर उड़ सकता है. इसमें 1769 किलो ईधन एक बार में भरा जा सकता है और तो और ये 4763 किलो अधिकतम वजन के साथ भी उड़ान भर सकता है. एमक्यू-9बी सहित दुनिया के 5 सबसे खतरनाक ड्रोन के बारे में जानिए...
सिरियस
रूस में बना ये ड्रोन एक बार में 3 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है. ये 23 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है. रूस यूक्रेन के साथ हो रही जंग में इसी का इस्तेमाल कर रहा है. ये प्रोटोटाइप किलर ड्रोन है.
सीएच-5
चीन के इस ड्रोन को एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नॉलजी कॉरपोरेशन ने तैयार किया है. इसकी क्षमता Mq 9b के बराबर ही आंकी जाती है. चीन का सीएच-4 और सीएच-5 ड्रोन अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन की कॉपी हैये ड्रोन 1200 किलो पेलोड के साथ 60 घंटे तक उड़ान भर सकता है. यह ड्रोन काफी अधिक ऊंचाई पर उड़ने के कारण सामान्य रडार से बचने में भी सक्षम है.
बायरकतार-टीबी 2
तुर्की कंपनी ने बायरकतार को 2018 में बनाया था. ये ड्रोन 25 हजार फीट की ऊंचाई पर 27 घंटे तक उड़ान भर सकता है. ये मानवरहित ड्रोन बिना ग्राउंड सिस्टम के उड़ान भरने और लैंड करने में सक्षम है. इस ड्रोन का वजन 700 किलो है. यह ड्रोन एक एडवांस AESA रडार सिस्टम से लैस है. इसे 300 किमी दूर से ऑपरेट किया जा सकता है.
सुसाइड ड्रोन या शहीद 136
ईरान में बना सुसाइड ड्रोन पूरी ताकत के साथ टारगेट पर हमला करता है. इसे ईरान की एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने तैयार किया है. रूस ने कीव पर हमला करने के लिए शहीद-136 ड्रोन का ही इस्तेमाल करता है. इसका अगला हिस्सा विस्फोटक से लैस होता है. ये ड्रोन दुश्मन के इलाके में मंडराते रहते हैं और तभी हमला करते हैं जब कोई टारगेट नजर आता है. छोटे होने की वजह से रडार इन्हें डिटेक्ट नहीं कर पाता है.
लानियस क्वाडकॉप्टर
लानियस क्वाडकॉप्टर को अत्यधिक मनुवरेबल और वर्सेटाइल बताया गया है. इसका उपयोग घातक या गैर-घातक पेलोड ले जाने के लिए किया जा सकता है. ये ड्रोन ऑटोनोमस तरीके से अपने रास्ते को खोज सकता है.