रूस ने भारत को S-400 Triumf मिसाइल सिस्टम सप्लाई करना शुरू कर दिया है. ये मिसाइल सतह से हवा में मार करने में सक्षम हैं. यह सप्लाई डिलीवरी योजना के अनुसार हो रही है. दुबई एयरशो से पहले फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री टेक्निकल कोऑपरेशन (FSMTC)के निदेशक दिमित्री शुगेव ने दुबई एयरशो से पहले स्पुतनिक को यह जानकारी दी.
अक्टूबर में हुई थी डील
शुगेव ने कहा, "भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति शुरू हो गई है और समय पर आगे बढ़ रही है." S-400 पहले ही चीन और तुर्की में इस्तेमाल की जा रही है. बता दें, कि भारत और रूस ने अक्टूबर 2018 में 5.43 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की पांच एस-400 रेजिमेंटों के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
अगस्त में रूस के हथियार निर्यातक रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के प्रमुख अलेक्जेंडर मिखेव ने स्पुतनिक को बताया था कि मध्य पूर्व, एशिया-प्रशांत क्षेत्र और अफ्रीका के सात देशों के साथ एस -400 वायु रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति पर बातचीत चल रही है.
S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली क्या है?
S-400 Triumph एक जटिल वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली है, जिसमें रडार, नियंत्रण प्रणाली और विभिन्न प्रकार की मिसाइलें शामिल हैं. इसे 1990 के दशक में रूस के अल्माज़ सेंट्रल डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों की S-300 श्रृंखला के अपग्रेड वर्जन के तौर पर विकसित किया गया था. यह 2007 से रूसी सशस्त्र बलों की सेवा में है.
S-400 वायु रक्षा प्रणाली टारगेटिंग सिस्टम, बहुक्रिया रडार, स्वायत्त पहचान, विमान भेदी मिसाइल प्रणाली, लांचर और एक कमांड और नियंत्रण केंद्र से लैस है. यह 30 किमी तक की ऊंचाई पर 400 किमी की सीमा के भीतर विमान, मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों सहित हवाई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है. यह स्तरित रक्षा (layered defence)बनाने के लिए तीन प्रकार की मिसाइलों को फायर कर सकता है. कहा जाता है कि यह प्रणाली एक साथ 36 लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है.
क्या है S-400 और S-300 में अंतर?
अगर हम S-400 से S-300 की तुलना करें, तो उन्नत और उन्नत संस्करण में कम दूरी (40 किमी) से लेकर बहुत लंबी दूरी (400 किमी) तक चार नई विभिन्न प्रकार की मिसाइलें हैं.
रडार कथित तौर पर 600 किमी की दूरी के भीतर विमान, रोटरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल, गाइडेड मिसाइल, ड्रोन और बैलिस्टिक रॉकेट का पता लगा सकता है और उन्हें ट्रैक भी कर सकता है. इस सिस्टम को विशेष रूप से F-16 और F-22 जैसे अत्यधिक उन्नत लड़ाकू जेट और टॉमहॉक जैसी मिसाइलों का पता लगाने और नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है.