पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों से तनाव बढ़ता ही जा रहा है. इसी बीच अफगान तालिबान के उप-प्रधानमंत्री अहमद यासिर ने एक ट्वीट कर पाकिस्तानी सेना का मजाक उड़ाया है. दरअसल उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारतीय सेना के सामने पाक सेना के आत्मसमर्पण वाली फोटो को शेयर किया है. इसके साथ ही लिखा है कि अगर पाकिस्तान, अफगानिस्तान हमला करता है तो 1971 की लड़ाई दोहराई जाएगी.
अफगान तालिबान के उप-प्रधानमंत्री पाकिस्तान को दी सीधी चेतावनी
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह द्वारा अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकाने के खिलाफ सैन्य कार्रवाई वाले बयान को लेकर तालिबान नाखुश है. अपनी इस नाराजगी को दर्शाते हुए अहमद यासिर ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के आत्मसमर्पण वाली फोटो को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा कि पाकिस्तान की सेना अफगानिस्तान के ऊपर हमला करने के बारे में ना सोचे नहीं तो भारत के सैन्य समझौते जैसा ही हाल होगा. पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा था कि इस्लामाबाद के पास अफगानिस्तान में "विद्रोहियों के ठिकानों" के खिलाफ कार्रवाई करने का कानूनी अधिकार है, अगर पाकिस्तान को इस तरह के समूहों से खतरा है.
दोनों देशों के बीच आतंकवादी हमले पहले से ज्यादा बढ़े
जबसे अफगानिस्तान पर तालिबान ने अधिग्रहण किया है तबसे पाकिस्तान में टीटीपी गतिविधियों को बल मिला है. इसके साथ ही तालिबान ने पहले से ज्यादा अपने पैर पसारे हैं. हालांकि तालिबान ने दिसंबर 2022 में पाकिस्तान के साथ अपने संघर्ष को विराम समझौते को वापस ले लिया है. इस युद्ध विराम समझौते को वापस लेने के बाद खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी हमले पहले से ज्यादा बढ़ गई है. इसके साथ ही अफगानिस्तान सीमा डूरंड रेखा पर भी पहले से ज्यादा झड़प बढ़ गई है. इतना ही नहीं दिसंबर 2022 में तालिबान लड़ाकों और पाकिस्तानी सेना के बीच स्पिन-बोल्डक-चमन सीमा जमकर गोलीबारी हुई थी.
भारत पाकिस्तान 1971 युद्ध की गाथा
इस युद्ध में भारत के सामने 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने अपने हथियार डाल दिए थे. इस युद्ध को पाकिस्तान की तरफ से शुरू किया गया था. इस युद्ध में बड़ी संख्या में भारतीय वायु सेना के ठिकानों पर हमला किया था. इसके बावजूद भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था. इस युद्ध के बाद ही बाग्लादेश की स्थापना हुई थी. जो पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी हार का हिस्सा माना जाता है.