ऑस्ट्रेलिया के एक शख्स ने एक शानदार रिकॉर्ड बनाया है. इस शख्स ने अपने देश की यात्रा की और 20 साल पुराने एक रिकॉर्ड को तोड़कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाया. जी हां, यह प्रेरक कहानी है 40 वर्षीय क्रिस टर्नबुल की, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के शहर पर्थ से लेकर सिडनी तक 39 दिन, 8 घंटे और 1 मिनट में 3800 किमी से ज्यादा की यात्रा की. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की यात्रा किसी गाड़ी, बाइक या ट्रेन में नहीं बल्कि अपने पैरों पर दौड़ते हुए की. इसके साथ क्रिस ने साल 2002 में बने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है, जिसे एक व्यक्ति ने 67 दिन, 2 घंटे और 57 मिनट में बनाया था.
हर दिन दौड़ते थे 100 किमी
क्रिस ने 3,864 किमी की पूरी दूरी तय करने के लिए हर दिन लगभग 100 किमी की दौड़ लगाई. क्रिस ने जब दौड़ शुरू किया तब वह 39 साल के थे. दो बच्चों के पिता क्रिस ने यह रिकॉर्ड बनाने का फैसला लिया क्योंकि उन्हें अपनी लाइफ में एडवेंचर करना बेहद पसंद है. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें लगा कि यह अपने देश को देखने का सबसे शानदार तरीका होगा.
क्रिस ने बताया कि उन्होंने इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए 3 महीने की ट्रेनिंग ली. ट्रेनिंग में हर दिन में काफी लंबा दौड़ते थे. उन्होंने आगे बताया कि उनकी ज्यादातर दौड़ ऑस्ट्रेलिया के दूर दराज के हिस्सों से होकर गुजरी इसलिए सपोर्ट टीम, सप्लाइज और इमरजेंसी प्लानिंग जरूरी थी. यात्रा के दौरान क्रिस के साथ दो से चार लोग और दो गाड़ियां लगातार रहीं. क्रिस अपने इस सफर के लिए अपनी मां पॉलीन मार्कवेल और दोस्त जैक बुलेन सहित उन सभी लोगों के आभारी है, जिन्होंने इस दौड़ में उनकी मदद की.
पहले भी कर चुके हैं एडवेंचर
क्रिस के लिए यह कोई पहली बड़ी चुनौती नहीं है. इससे पहले भी उन्होंने एडवेंचर किए हैं. वह इससे पहले सिडनी से मेलबर्न तक दौड़ चुके हैं. उन्होंने कई अल्ट्रामैराथन पूरे कर किए हैं और किंग आइलैंड के रास्ते तस्मानिया से विक्टोरिया तक नौकायन भी कर चुके हैं. अपनी रिकॉर्ड जर्नी को याद करते हुए, क्रिस ने मीडिया को बताया कि दौड़ से पहले उन्होंने सोचा था कि अगर सब कुछ ठीक रहा, तो वह आगे इससे भी ज्यादा तेजी से दौड़ेंगे.
क्रिस का यह सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था. अपनी यात्रा के चौथे दिन उन्हें पथरीली सड़कों पर चलना पड़ा था. दरअसल, स्थानीय परिषद ने रास्ता बंद कर रखा था. बारिश की वजह से सड़क पर काफी ज्यादा फिसलन हो गई थी. उनकी सपोर्ट टीम और गाड़ियों के लिए यह सड़क बहुत ज्यादा फिसलन वाली थी. तीन दिनों तक उन्हें और उनके टीम को इस सड़क पर चलते रहना पड़ा. पूरे तीन दिन वे बिना शॉवर के कैंपिंग करते रहे और खाने के नाम पर उनके पास सिर्फ और सिर्फ सैंडविच थे.
जब पार की फिनिश लाइन...
क्रिस ने कहा कि रास्ते में अक्सर लोग उन्हें रोक कर पूछा करते थे कि ‘वह क्या कर रहे हैं और ऐसी ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर क्यों दौड़ रहे है.' कई लोगों ने उन्हें अपने घर में ठहरने और आराम करने का ऑफ भी दिया. उनका कहना है कि यह उनके लिए लाइफटाइम एक्सरपीरियंस था. और जब उन्होंने फिनिश लाइन पार की तो उस अहसास को कोई शब्दों में बयां नहीं कर सकता है. लाइन के पार उनकी पत्नी और बच्चे उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.
क्रिस दौड़ पूरी करते-करते पूरी तरह थक चुके थे लेकिन जश्न भी मनाना चाहते थे. सप्ताहभर उन्हें थकान रही और कुछ चोटें तो लगभग तीन महीनों में ठीक हुईं लेकिन उन्होंने सब अच्छे से मैनेज किया. हालांकि, अब उनका किसी और रिकॉर्ड को तोड़ने का प्लान नहीं है क्योंकि इस यात्रा के दौरान भी दर्द सहना आसान नहीं था. हर रोज 100 किमी दौड़ने से उनके पैरों, हाथों और शरीर के हर अंग में दर्द होता था लेकिन फिर भी उन्होंने कोशिश की कि वह ज्यादा से ज्यादा समय सड़क पर ही हों ताकि अपने लक्ष्य को पा सकें. और यह रिकॉर्ड बनाकर उन्होंने सबको मिसाल दी है कि अगर आप ठान लें तो कुछ भी कर सकते हैं.