Mahrang Baloch: 16 साल की उम्र में पिता का कत्ल, भाई को जेल, 1600 किलोमीटर का मार्च...30 साल की डॉक्टर महरंग बलोच से घबराया Pakistan

Baloch Movement in Islamabad: बलूचिस्तान में सेना के अत्याचारों के खिलाफ बलूच पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आंदोलन कर रहे हैं. इस आंदोलन में हजारों की संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं. 30 साल की महरंग बलोच इस आंदोलन का चेहरा बन गई हैं. साल 2009 में उनके पिता को अगवा किया गया था और बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी.

Mehrang Baloch in Baloch Movement
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पिछले एक हफ्ते से बलूचों का आंदोलन चल रहा है. बलूचिस्तान में सुरक्षाबलों की मनमानी के खिलाफ बलूचों का मार्च राजधानी तक पहुंच गया है. इस मार्च में हजारों महिला, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं.  एक बलूच डॉक्टर गैरकानूनी हत्याओं और फर्जी एनकाउंटर के खिलाफ आंदोलन का चेहरा बन गई है. 30 साल की इस महिला डॉक्टर का नाम महरंग बलोच है. महरंग बलूचिस्तान में काफी फेमस हैं. चलिए आपको इस युवा आंदोलनकारी के बारे में सबकुछ बताते हैं.

कौन हैं 30 साल की महरंग बलोच-
महरंग बलोच महज 30 साल की हैं. लेकिन उनकी फैन फॉलोइंग काफी ज्यादा है. महरंग बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के अत्याचार के खिलाफ बोलती रहती हैं. महरंग बलोच का जन्म साल 1993 में एक बलूच परिवार में हुआ था. उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई की है. महरंग बलोच के पिता एक मजदूर थे और परिवार के साथ क्वेटा में रहते थे.

पिता का कत्ल, भाई को जेल-
महरंग बलोच की मां की तबीयत खराब रहती थी. इसलिए उनके इलाज के लिए परिवार को क्वेटा से कराची शिफ्ट होना पड़ा. लेकिन ये फैसला उनके परिवार पर भारी पड़ा. 12 दिसंबर 2009 को जब महरंग के पिता अब्दुल गफ्फार अस्पताल जा रहे थे, तभी उनको अगवा कर लिया गया. 2 साल बाद जुलाई 2011 को अब्दुल गफ्फार की लाश मिली. जब शव का पोस्टमार्टम किया गया तो पता चला कि उनपर अत्याचार हुआ था.

लेकिन इस परिवार पर अत्याचार अभी खत्म नहीं होने वाला था. दिसंबर 2017 को महरंग के भाई को अगवा कर लिया गया और 3 महीने तक हिरासत में रखा गया.

विरोध का चेहरा बन गईं महरंग-
जब महरंग बलोच की उम्र 16 साल थी, तब उनके पिता को अगवा किया गया था. इस छोटी उम्र में महरंग पिता के लिए आंदोलन करने लगी. धीरे-धीरे महरंग बलूचिस्तान में विरोध का चेहरा बन गईं. बलूचिस्तान के ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए आरक्षण कम करने का मुद्दा भी गर्माया. जिसमें महरंग बलोच ने हिस्सा लिया था.

महरंग की अगुवाई में 1600 किलोमीटर तक मार्च-
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के अत्याचार के खिलाफ लोग सड़क पर उतर गए. लोगों ने आंदोलन छेड़ दिया. इस ज्यादती के खिलाफ बलूचिस्तान से इस्लामबाद तक मार्च निकाला गया. इस आंदोलन की अगुवाई महरंग बलोच के हाथों में है. राजधानी में डेरा डाले आंदोलनकारी पाकिस्तान सरकार के लिए मुसीबत बन गए हैं.

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