Bangladesh Election: 5वीं बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री चुनी गईं Sheikh Hasina, आम चुनाव में अवामी लीग ने हासिल की जीत

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ पार्टी आवामी लीग के लगातार चौथी बार चुनाव जीत लिया है. अब उम्मीद जताई जा रही है कि शेख हसीना पांचवी बार बांग्लादेश की पीएम बनने वाली हैं.

Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:37 AM IST
  • शेख हसीना ने लगातार चौथी बार दर्ज की जीत
  • 5वीं बार बांग्लादेश की पीएम बनेंगी शेख हसीना

बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी की प्रमुख शेख हसीना (Sheikh Hasina) पांचवी बार देश की प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं. बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (Bangladesh Nationalist Party) द्वारा चुनावों का बहिष्कार किये जाने के बीच शेख हसीना ने रविवार को गोपालगंज-3 संसदीय सीट पर शानदार जीत दर्ज की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना को करीब ढाई लाख वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं बांग्लादेश सुप्रीम पार्टी के एम निजाम उद्दीन लश्कर को करीब 500 वोटों से ही संतुष्ट करना पड़ा.

बांग्लादेश में हिंसा और विपक्ष के बायकॉट के बीच आम चुनाव के लिए रविवार को मतदान हुआ. मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने चुनाव का बहिष्कार किया. इसके कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना के लगातार चौथी बार जीत दर्ज करने में कामयाब हुईं. आइए जानते हैं भारत और चीन क्यों चाहते हैं कायम रहे शेख हसीना सरकार?

हसीना ने की भारत की तारीफ
मतदान करने के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत की जमकर तारीफ की और कहा, 'आपका हार्दिक स्वागत है. हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमारा भारत जैसा भरोसेमंद दोस्त है. हमारे मुक्ति संग्राम के दौरान, उन्होंने हमारा समर्थन किया...1975 के बाद, जब हमने अपना पूरा परिवार खो दिया... उन्होंने हमें आश्रय दिया। इसलिए भारत के लोगों को हमारी शुभकामनाएं.'

1,500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में
बांग्लादेश चुनाव आयोग ने बताया कि देशभर के 300 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो रहा है. निर्वाचन आयोग के अनुसार, 42,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर हो रहे मतदान में कुल 11.96 करोड़ पंजीकृत मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1,500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं और उनके अलावा 436 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं. 

विदेशी पर्यवेक्षक कर रहे चुनाव की निगरानी 
भारत के तीन पर्यवेक्षकों समेत 100 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक 12वें आम चुनाव की निगरानी कर रहे हैं. वहीं, संयुक्‍त राष्‍ट्र की टीम भी चुनाव पर नजरे बनाए हुए है. बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने बताया कि हम चाहते हैं कि हमारे आम चुनावों को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखा जाए. बांग्लादेश संयुक्त राष्ट्र का सदस्य है और उसने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किए हैं.

खालिदा भ्रष्टाचार के आरोपों में घर में हैं नजरबंद
प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ आवामी लीग के लगातार चौथी बार चुनाव जीतने की उम्मीद है, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (78) की पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार किया है. खालिदा भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नजरबंद हैं.  बीएनपी ने शनिवार से 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. पार्टी का दावा है कि मौजूदा सरकार के रहते कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा.

10 जिलों में 17 मतदान केंद्र आग के हवाले
चुनाव से पहले यहां बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है. शनिवार तड़के से बांग्लादेश के 10 जिलों में कम से कम 17 मतदान केंद्रों को आग के हवाले कर दिया गया. पुलिस को सुनामगंज, हबीगंज, तंगेल, शरीयतपुर, चट्टोग्राम, गाज़ीपुर, मैमनसिंह, नेट्रोकोना, खुलना और बरगुना जिलों में मतदान केंद्रों पर आग लगने की सूचना मिली है.

भारत के साथ संबंधों को लेकर हसीना दृढ़ संकल्प
बीते कई सालों में शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश तरक्की की राह पर चल रहा है. साल 2022 के बाद से ही बांग्लादेश 7.1 प्रतिशत की ग्रोथ रेट के साथ दक्षिण एशिया के अन्य देशों के साथ कंधे से कंधा मिला रहा है. बांग्लादेश में होने वाले आम चुनाव से भारत और चीन दोनों को काफी उम्मीदें हैं. दोनों देशों की खास इच्छा है कि शेख हसीना एक बार फिर से बांग्लादेश की बागडोर थामे क्योंकि जब से शेख हसीना ने सत्ता संभाली है, वे दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को लेकर दृढ़ रही हैं. ऐसे वक्त में भारत और चीन को शेख हसीना यदि जीत कर आती हैं तो उनकी सरकार से काफी उम्मीद है.

बांग्लादेश के साथ भारत के आर्थिक लाभ के साथ क्षेत्रिय हित भी जुड़े हैं 
भारत और चीन के साथ बांग्लादेश के आर्थिक के साथ-साथ बहुत हद तक क्षेत्रिय हित भी जुड़े हुए हैं. भारत-चीन के बीच व्यापक टकराव के बाद भी बांग्लादेश दोनों देशों के बीच तालमेल बैठाने में कामयाब रहा है. खासतौर पर शेख हसीना सरकार दोनों देशों के साथ अपने हित को मजबूती से समझती हैं. साल 1971 की जंग के दौरान भारत बांग्लादेश को मुक्त कराने के
लिए उससे साथ डटा था, वहीं चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया था. 

इन ऐतिहासिक संबंधों के बावजूद मौजूदा वक्त में दोनों से देशों के साथ बांग्लादेश की कूटनीति व्यापारिक और आर्थिक हितों के साथ आकार ले रही हैं. एक तरफ जहां बांग्लादेश भारत के साथ 2021-22 में 15 अरब डॉलर से ज्यादा का द्विपक्षीय व्यापार हित साझा करता है, वहीं बांग्लादेश की चीन के साथ 25 अरब डॉलर की डील साइन है. क्षेत्रीय स्तर पर भारत बांग्लादेश को एक महत्वपूर्ण रूप से पूर्वी बफर स्टेट के रूप में मान्यता देता है. भारत बांग्लादेश के आर्थिक हितों में उसका साझेदार है. बांग्लादेश के राष्ट्रीय विकास में योगदान देते हुए भारत बांग्लादेश को आवश्यक बंदरगाहों के साथ-साथ पावर ग्रिड तक पहुंच प्रदान करता है. दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंध और भौगोलिक निकटताएं रिश्तों को और मजबूत करती हैं. इसलिए भारत और चीन दोनों चाहते हैं कि शेख हसीना की सरकार ही फिर बने.

 

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