Bikini Day 2023: फैशन डिजाइनर नहीं इंजीनियर ने बनाई थी बिकिनी, पहनने को नहीं था कोई तैयार, जानिए इससे जुड़ी दिलचस्प कहानी

International Bikini Day:बिकिनी बनाने का ख्याल इंजीनियर लुईस लेअर्द को उन महिलाओं को देखकर आया, जो बीच पर सनटैन के लिए स्विमसूट को मोड़कर छोटा कर लेती थीं. शुरुआत में इसे पहनने के लिए कोई तैयार नहीं था. 

बिकिनी में उर्फी जावेद (फोटो सोशल मीडिया से)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 7:39 PM IST
  • 5 जुलाई 1946 को पहली बार बनाई गई थी बिकिनी 
  • बिकिनी मानी जाती है सबसे सेक्सी ड्रेस 

मॉडल्स से लेकर एक्ट्रेस तक को बिकनी पहने अक्सर देखा जाता है. बिकिनी आज के समय में यंग जनरेशन के लिए फैशन स्टेटमेंट बन गया है. समुद्र किनारे बीच पर बिकिनी पहने मौज-मस्ती करते युवा दिख सकते हैं. एक्ट्रेस बिकिनी पहनकर हॉट फोटोशूट कराती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया में बिकिनी डे भी मनाया जाता है. जी हां, पहली बार बिकिनी 5 जुलाई 1946 को बनाई गई थी. इस वजह से 5 जुलाई को हर साल बिकिनी डे के रूप में मनाया जाता है. 

ऐसे आया बिकिनी बनाने का ख्याल
कोई ड्रेस की डिजाइन वैसे तो फैशन डिजाइनर करता है, लेकिन बिकिनी को किसी फैशन डिजाइनर ने नहीं ब्लकि मूल रूप से फ्रांस के एक ऑटोमोबाइल इंजीनियर लुईस लेअर्द ने डिजाइन किया था. उनके मन में बिकिनी बनाने का ख्याल उन महिलाओं को देखकर आया जो समुंदर किनारे बीच पर सनटैन के लिए स्विमसूट को मोड़कर छोटा कर लेती थीं.

कैसे पड़ा नाम 
इसका नाम बिकिनी क्यों पड़ा तो इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है. पहली बार जिस जगह पर बिकिनी बनाई गई थी उस जगह का नाम बिकिनी अटोल था. यह जगह प्रशांत महासागर में स्थित है. उस समय वह जगह अमेरिका की न्यूक्लियर एटम और हथियारों का परीक्षण साईट हुआ करती थी. लुईस के इस आविष्कार को भी किसी बम से कम नहीं माना जाता था जिस वजह से इसका नाम बिकिनी रखा गया.

कोई भी मॉडल पहनना नहीं चाहती थीं
दुनिया भर में बिकिनी सबसे सेक्सी ड्रेस मानी जाती है. समुद्र के किनारे तो लड़कियां इसे पहनकर अपना फिगर फ्लॉन्ट करती दिखाई देती हैं, लेकिन इसके आविष्कार के बाद कोई भी मॉडल इसे पहनना नहीं चाहती थीं. इतना ही नहीं कोई विज्ञापन के लिए भी तैयार नहीं हो रही थीं. लेकिन कुछ समय के बाद 19 साल की एक डांसर मिशेलाइन इसका विज्ञापन करने के लिए तैयार हुईं. कहा जाता है जैसे ही वो इसे पहनकर एड किया वैसे ही छा गईं. उन्हें उनके फैंस के 50 हजार से ज्यादा खत मिले. 

लगा दिया था बैन
एक समय ऐसा भी आया था जब स्पेन और इटली में बिकिनी पर बैन लगा दिया गया था, लेकिन कुछ समय के बाद बैन हटा दिया गया. साल 1950 तक यहां के बाजारों में बिकिनी ने अपनी पकड़ मजबूत बना ली थी. जिसके बाद अमरीका में भी इसका चलन बढ़ने लगा. 1960 में अमेरिका ने जैसे ही बिकिनी से बैन हटाया तो वहां पर लोगों ने इसे बहुत पसंद किया.

इंडिया में सबसे पहले शर्मिला टैगोर ने पहनी थी बिकिनी
1946 में बिकिनी से इंट्रोड्यूस करवाने के बाद करीब नौ साल बाद 1957 में इसे न्यू स्टाइल के तौर पर एक्सेप्ट किया गया. जब फ्रेंच एक्ट्रेस ब्रिगिट बारडोट ने कांस फिल्म फेस्टिवल में टू पीस फ्लोरल बिकिनी में फोटोज खिंचवाई. इसके बाद पहली मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता एक स्विमसूट प्रतियोगिता थी. जिसे ब्रिटेन में आयोजित किया गया था. स्वीडन की विनर कीकी हाकानसन ने मिस वर्ल्ड के ताज को बिकिनी में पहना था. इंडिया में पहली बार एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर ने ऐन ईवनिंग इन पेरिस फिल्म में 1967 में बिकिनी पहनी थी. इसके साथ ही फिल्मफेयर मैगजीन के कवर पर पहली बार बिकिनी पहनकर नजर आई थीं.


 

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