भारत के दौरे पर बोरिस जॉनसन, जानिए क्या है ब्रिटेन से हमारा कारोबार

बोरिस जॉनसन आज भारत की अपनी दो दिवसीय यात्रा के पहले पड़ाव में अहमदाबाद पहुंचे हैं। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करने के लिए खुद गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल मौजूद थे. कल बोरिस जॉनसन दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे

British Prime Minister Boris Johnson visits Sabarmati Ashram in Ahmedabad on April 21
नाज़िया नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 8:27 PM IST
  • आज से दो दिनों के भारत दौरे पर हैं बोरिस जॉनसन
  • कल राजधानी दिल्ली में पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात

ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने के बाद बोरिस जॉनसन अपने पहले भारतीय दौरे पर आए हुए हैं. दो दिनों की यात्रा पर आज बोरिस गुजरात के अहमाबाद में हैं. वहीं कल यानी शुक्रवार को बोरिस जॉनसन दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे. आज गुजरात के अहमदाबाद में ब्रिटिश पीएम के लिए एक मेगा रोड शो का आयोजन किया गया. बोरिस जॉनसन ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम पहुंच कर चरखा चलाया.   

बता दें कि जॉनसन ने गुजरात को अपने दौरे के लिए इसलिए चुना है क्योंकि ब्रिटेन में बड़ी संख्या में रहने वाले ब्रिटिश-भारतीय आबादी का पैतृक घर है, इसलिए ये भावनात्मक रूप से काफी खास है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने राज्य में एक विश्वविद्यालय और एक कारखाने का दौरा किया . इसके अलावा वे व्यापारिक समूह के नेताओं के साथ मुलाकात भी की.

बता दें कि ब्रेग्जिट (Brexit) के बाद ब्रिटेन ने भारत के साथ व्यापार समझौते को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल कर लिया है. इसका मकसद भारत-प्रशांत क्षेत्र के आसपास तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं की दिशा में अपनी नीति को आगे बढ़ाना है. बता दें कि साल 2035 ब्रिटेन का लक्ष्य अपने व्यापार को 36.5 अरब डॉलर बढ़ाना है . पहले  ब्रिटेन भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था लेकिन अब ब्रिटेन 17वें नंबर पर पहुंच चुका है. 

भारत से क्या-क्या जाता है ब्रिटेन?

बता दें कि 2017 -18 में भारत ब्रिटेन को 168 करोड़ रुपये की ताजी सब्जियों और 12.7 करोड़ रुपये के प्याज का निर्यात किया था. भारत से हर दिन 3-50 टन सब्जियां ब्रिटेन भेजी जाती हैं. गर्मियों के मौसम में इस निर्यात में 20 पर्सेंट की कमी आती है . वहीं भारत से आम का आयात करने में ब्रिटेन दूसरे नंबर पर है.  2017-18 में देश से आम का 382 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था और इसमें ब्रिटेन की हिस्सेदारी लगभग 48 करोड़ रुपये की थी. 

बता दें कि साल  2000-2021 के दौरान भारत में होने वाले कुल निवेश का 16 फीसद ब्रिटेन से आया है. वहीं 4500 ब्रिटेन की कंपनियां भारत में काम करती हैं.   ब्रिटानी कंपनियां 65 लाख लोगों को रोजगार दे रही है. वहीं पिछले एक दशक में दोनो देशों के बीच उत्पादों में द्विपक्षीय कारोबार 41 फीसद बढ़ा है जबकि सर्विस सेक्टर में यह बढ़ोत्तरी 76 फीसद की है.

वहीं दिल्ली में बोरिस जॉनसन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों और आपसी कारोबार और ज्यादा बढ़ाने पर होगी.म

रणनीतिक साझीदारी में कितना अहम है बोरिस का ये दौरा 

भारत के दौरे से पहले जॉनसन ने कहा, "भारत  दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के साथ एक प्रमुख आर्थिक ताकत है  इस अनिश्चित समय में वह ब्रिटेन का बेहद अहम रणनीतिक साझीदार भी है."मेरी भारत यात्रा भारत और ब्रिटेन दोनों देशों के लिए अहमियत रखने वाले विषयों से जुड़ी होगी. यह नौकरियां पैदा करने से लेकर आर्थिक तरक्की, ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा जैसे मामलों से जुड़ी होगी." 

पीएम मोदी और बोरिस जॉनसन ने पहले भी द्विपक्षीय हितों के मुद्दों पर भी चर्चा की है, और व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश, रक्षा और सुरक्षा, के साथ दोनों देशों के लोगों के संबंधों के अलावा अलग-अलग  क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने की क्षमता पर सहमति जताई थी. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल  बोरिस के साथ वर्चुअल समिट के दौरान अपनाए गए 'इंडिया-यूके रोडमैप 2030' को तेजी से लागू की भी सराहना की थी. 

 

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