दक्षिण कोरिया में नाइग्रीलिया फॉलेरी से संक्रमित होने और उससे मौत होने का पहला मामला सामने आया है. इसे आम तौर पर 'मस्तिष्क खाने वाले अमीबा' कहा जाता है. कोरिया रोग नियंत्रण और रोकथाम एजेंसी (केडीसीए) ने बताया कि शख्स थाईलैंड में 4 महीने बिताने के बाद 10 दिसंबर को दक्षिण कोरिया लौटा था और 21 दिसंबर को इस दुर्लभ संक्रमण से उसकी मौत हो गई.
नाक के जरिए दिमाग में जाता है
दक्षिण कोरिया में इस बीमारी से होने वाला पहला संक्रमण है. इसे पहली बार 1937 में संयुक्त राज्य अमेरिका में रिपोर्ट किया गया था. Naegleria fowleri एक अमीबा है जो आमतौर पर दुनिया भर में गर्म मीठे पानी की झीलों, नदियों, नहरों और तालाबों में पाया जाता है. अमीबा नाक के जरिए सांस लेता है और दिमाग में पहुंचकर ऊतकों को खत्म करता है. यह संक्रमण लगभग हमेशा जानलेवा होता है. इस अमीबा का रेप्लिकेशन तेज होता है यानी यह बहुत तेजी से अपना प्रतिरूप तैयार करता है.
केडीसीए ने जारी की चेतावनी
केडीसीए ने कहा कि Naegleria fowleri के मानव-से-मानव संक्रमण की संभावनाएं कम हैं, लेकिन स्थानीय निवासियों को उन क्षेत्रों में जाने से परहेज करने के लिए कहा गया है जहां बीमारी फैल गई है. अमेरिका, भारत और थाईलैंड सहित दुनिया में 2018 तक नेगलेरिया फाउलेरी के कुल 381 मामले दर्ज किए गए हैं. अमेरिका, भारत और थाईलैंड सहित दुनिया में 2018 तक Naegleria fowleri के कुल 381 मामले दर्ज किए गए हैं.
क्या हैं इसके लक्षण
जब एक व्यक्ति Naegleria fowleri से संक्रमित हो जाता है तो शुरुआत में सिरदर्द, बुखार, जी मिचलाना और उल्टी जैसे लक्षण आते हैं. बेशक यह दुर्लभ संक्रमण है, लेकिन इसकी मृत्यु दर लगभग 97 प्रतिशत है.