पाकिस्तान का पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के ऊपर आतंकवाद निरोधी कानून के तहत केस दर्ज किया गया है. इमरान खान पर अशांति और लोगों के बीच में दहशत फैलाने का आरोप लगाया गया है. अब सोमवार को पूर्व पीएम के सपोर्ट में इस्लामाबाद में उनके घर के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई है. वे सभी अपने लीडर के सपोर्ट में खड़े हुए हैं. उनका कहना है कि अगर इमरान खान को अरेस्ट कर लिया गया तो वे सभी इस्लामादाब पर कब्जा कर लेंगे.
बता दें, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री पर शनिवार को उनकी इस्लामाबाद रैली में उनकी टिप्पणियों के संबंध में आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शनिवार को इस्लामाबाद के मारगल्ला पुलिस स्टेशन में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. अली जावेद के रूप में पहचाने गए एक मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज इस एफआईआर में कहा गया है कि खान ने एफ-9 पार्क में एक रैली के दौरान टॉप पुलिस अधिकारियों और एक सम्मानित महिला एडिशनल जज को डराया और धमकाया है.
अपने शनिवार के संबोधन में, इमरान खान ने इस्लामाबाद के पुलिस इंस्पेक्टर जनरल और डिप्टी पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ केस दर्ज करने की धमकी दी थी और कहा था, “हम आपको नहीं बख्शेंगे."
इसके अलावा इमरान खान ने अपने करीबी सहयोगी शाहबाज गिल को गिरफ्तार किए जाने और फिर कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि आप भी इसके लिए तैयार हो जाइए, हम आपके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे. इसके लिए आप सभी को शर्म आनी चाहिए.
एफआईआर में कहा गया है कि इमरान का भाषण पुलिस अधिकारियों और न्यायपालिका को आतंकित करने के लिए था. इसमें इमरान खान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है और उचित सजा देने का लिए कहा गया है.
इमरान खान को हाई कोर्ट से राहत
हालांकि, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने मामले में गुरुवार यानी 25 अगस्त तक पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री को सुरक्षात्मक जमानत दे दी है. इमरान खान के वकीलों, बाबर अवान और फैसल चौधरी ने कोर्ट में तर्क दिया कि खान "सत्तारूढ़ पीडीएम (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट) के निशाने पर थे. इस लिए या एफआईआर दर्ज की गई है.
इतना ही नहीं बल्कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने एक बयान में कहा कि उनके खिलाफ ताजा आरोप बेबुनियाद हैं.
इमरान खान के लिए बढ़ रही हैं मुश्किलें
अपने पद से हटने के बाद से, इमरान खान पूरे पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर रैलियां कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक "विदेशी साजिश" का परिणाम था.
हालांकि इससे इमरान खान की मुसीबतें बढ़ती ही नजर आ रही हैं. पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (PEMRA) ने सभी टेलीविजन चैनलों को इमरान खान के किसी भी लाइव भाषण को नहीं दिखाने का आदेश दिया गया है.