कभी सोवियत संघ का महत्वपूर्ण भाग रहे यूक्रेन (Ukraine)के लोगों को अब किसी भी वक्त रूसी सेना (Russian army)से लड़ना पड़ सकता है. हमले की आशंकाओं के बीच यूक्रेनी बच्चों को रूसी सैनिकों के खिलाफ राइफलों का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. यूक्रेन इन बच्चों को रूस से अपने देश की रक्षा करने के लिए तैयारी कर रहा है. यूक्रेन की राजधानी कीव में हर उम्र के लोगों को हथियारों से रूबरू कराया जा रहा है. ताकि वह हमले के वक्त तैयार रह सकें.
बच्चों को कलाश्निकोव राइफल्स की लकड़ी की डमी दी गईं और दिखाया गया कि कैसे अपने दुश्मनों को निशाना बनाना और गोली मारना है. सभी बच्चों को एक ऐसे कारखाने के मैदान में ट्रेनिंग दी जा रही हैं जो कारखाना बंद हो चुका है. यहां बच्चों को सैन्य रणनीति और फर्स्ट एड की क्लास भी दी गईं. कीव इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशियोलॉजी (KIIS) के एक सर्वे के अनुसार, आधे यूक्रेनियन (50.2 प्रतिशत) ने कहा कि अगर रूस ने उनके शहर, कस्बे या गांव पर आक्रमण किया तो वे इसका विरोध करेंगे.
रूसी सेना हमला के लिए तैनात
दरअसल, यूक्रेन की सीमा पर एक लाख 27 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात हैं, जो कभी भी यूक्रेन पर हमला बोलने को तैयार हैं. रूस चाहता है कि पूर्व सोवियत संघ के सदस्यों को 30 देशों के सैनिक संगठन नाटो से अलग रखा जाए लेकिन नाटो को कहना है कि जो भी नाटो में शामिल होना चाहे, वह इसमें शामिल हो सकते हैं, नाटो इस पर रोक नहीं लगा सकता.
क्या चाहता है यक्रेन
हालांकि, यूक्रेन की तरफ से कहा गया है कि अगर रूस युद्ध नहीं चाहता तो वह पश्चिमी देशों के साथ बातचीत जारी रखे और यक्रेन की सीमा से अपने सैनिकों को पीछे खींच ले. देश के विदेश मंत्री दमित्रो कुबेला (Foreign Minister Dmytro Kuleba) ने कहा कि अगर रूसी अधिकारी गंभीर हैं तो उन्हें राजनयिक जुड़ाव जारी रखना चाहिए और यूक्रेन की सीमाओं और यूक्रेन के अस्थायी रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों से सेना को हटा देना चाहिए.
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