चीन के इरादे किसी से छुपे नहीं हैं. चीन ने हमेशा विस्तारवादी नीति अपनाई है और इसके लिए वह अपने हथियारों के ज़खीरे में वृद्धि करता रहता है. पेंटागन की एक रिपोर्ट ने ऐसा ही खुलासा किया है. पेंटागन ने बुधवार को एक रिपोर्ट के जरिये कहा कि चीन तेजी से अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहा है और 2030 तक उसके पास 1,000 परमाणु हथियार हो सकते हैं. अपडेटेड अनुमान पिछले साल की चीन सैन्य शक्ति रिपोर्ट में रिपोर्ट किए गए अनुमान में तेजी से हुई वृद्धि दिखाता है. पिछले एक दशक के चीन के हथियारों में लगभग 400 हथियार और जोड़े गए हैं.
विस्तार के लिए आवश्यक ढांचे का कर रहा निर्माण
पेंटागन ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का जिक्र करते हुए इस रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए कहा,"अगले दशक में, पीआरसी का लक्ष्य अपने परमाणु बलों का आधुनिकीकरण, विविधता और विस्तार करना है." रिपोर्ट में कहा गया है, "पीआरसी अपनी भूमि, समुद्र और वायु-आधारित न्यूक्लिअर एक्सपैंशन प्लेटफार्मों की संख्या में निवेश और विस्तार कर रहा है और अपने परमाणु बलों के इस बड़े विस्तार का समर्थन करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण कर रहा है." हालांकि चीन का बढ़ता हुआ शस्त्रागार अभी भी संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस की तुलना में छोटा है.
ताइवान के प्रति बीजिंग के बढ़ते आक्रामक व्यवहार पर भी जताई चिंता
"यद्यपि पीआरसी सार्वजनिक रूप से ताइवान के साथ पीसफुल यूनिफिकेशन की वकालत करता है, लेकिन पीआरसी ने कभी भी सैन्य बल का उपयोग नहीं छोड़ा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के पास "ताइवान के खिलाफ सैन्य अभियानों के लिए विकल्पों की एक श्रृंखला" है, जिसमें संभावित हवाई और समुद्री अवरोध करके पूरी तरह इंवेज़न शामिल है. पिछले महीने, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि बीजिंग ताइवान के साथ शांतिपूर्ण "यूनिफिकेशन" की पहल करेगा. शी ने 8 अक्टूबर को अपने संबोधन में कहा था, "चीन के पूर्ण एकीकरण के ऐतिहासिक कार्य को पूरा किया जाना चाहिए और यह निश्चित रूप से पूरा किया जाएगा."