नेपाल की संसद ने 13 जुलाई को देश का पहला नागरिकता संशोधन बिल पास किया. यह बिल पिछले दो साल से चर्चा में था लेकिन आपसी सहमति न बनने के कारण राजनीतिक दलों ने इस बिल को पास कराने में इतना समय लगा दिया. मतभेद का कारण नेपाली पुरुषों का विदेशी महिलाओं से शादी करना था. उनका मानना है कि नेपाली पुरुषों से शादी करने के बाद विदेशा महिला को नागरिकता शादी के 7 साल बाद देनी चाहिए.
गृह मंत्री बालकृष्ण खांड ने बुधवार को संसद के निचले सदन की बैठक में सांसदों के सामने नेपाल का पहला नागरिकता संशोधन विधेयक, 2022 पेश किया .उन्होंने कहा कि यह बिल Nepal Citizenship Act 2006 के बिल को संशोधित करेगा और नागरिकों के लिए संविधान के अनुसार नागरिकता मुहैया कराएगा.
गृह मंत्री ने संसद में की अपील
इस नागरिकता संशोधन बिल के बारे में गृह मंत्री ने बताया, 'ऐसे हजारों लोग हैं जिनके माता-पिता नेपाल के नागरिक हैं परंतु उनके बच्चों के पास नेपाल की नागरिकता का प्रमाण पत्र अभी तक नहीं है. गृह मंत्री ने कहा कि स्कूल, कॉलेज में बिना नागरिकता प्रमाण पत्र के छात्र शिक्षा और अन्य सुविधाओं से भी वंचित हो रहे हैं. मंत्री ने संसद में बैठे सांसदों से कहा, 'मैं नए विधेयक का समर्थन करने के लिए माहौल बनाने में मदद करने और नए कानून बनाकर इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने की अपील करता हूं."
बिल के खिलाफ हुआ काफी प्रदर्शन
नेपाल के गृह मंत्री 14 जुलाई को नेशनल असेंबली के सामने इस नागरिकता संशोधन बिल को पेश करेंगे. बता दें कि पिछले सप्ताह भी यह बिल पेश किया जाना था परंतु विपक्षी दल (CPN-UML)के सांसदों ने इस बिल के खिलाफ काफी प्रदर्शन किया, जिसके कारण सभा से इसे वापस ले लिया गया था. आपको बता दें कि केपी शर्मा ओली ने संसद सचिवालय में यह बिल 2018 में दर्ज कराया था.
क्या है नया अध्यादेश?
मंत्रिपरिषद की सिफारिश पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 2021 में नेपाल नागरिकता कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया था. हालांकि, इस अध्यादेश से नागरिक सहमत नहीं हैं. इस नागरिकता पात्रता में नागरिकों ने एक मां और एक पिता के बीच समानता की मांग की है.
1. नेपाल नागरिकता अधिनियम के संशोधन के लिए यह नया अध्यादेश है कि इसके तहत नेपाली माताओं के बच्चों को नेपाली नागरिकता प्राप्त करने की अनुमति देगा. परंतु अगर नेपाल में पैदा हुआ कोई बच्चा जिसकी मां नेपाली नागरिक है और पिता की पहचान नहीं है, तो बच्चा इस आधार पर नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम होगा. हालांकि,अगर पिता एक विदेशी नागरिक है, तो नागरिकता हासिल करना मुश्किल हो जाएगा.
2. जिन नागरिकों के बच्चे 20 सितंबर, 2015 से पहले जन्में हैं, वह अपनी नागरिकता वंश के आधार पर हासिल कर पाएंगे.
3. नेपाल के अंतरिम संविधान 2006 के तहत, जिन लोगों का जन्म नेपाल के बॉर्डर के अंदर हुआ है और अप्रैल 1990 के बीच वो नेपाल में बस गए थे, उन्हें नेपाल की नागरिकता देने की अनुमति दी जाएगी.
4.अगर एक विदेशी नागरिक से विवाहित नेपाली महिला का बच्चा होता है. बच्चा अगर स्थायी रूप से नेपाल में रह रहा है और उसने विदेशी नागरिकता प्राप्त नहीं की है, तो इस मामले में बच्चा संघीय कानून (federal law) के अनुसार निष्प्रभावी नागरिकता (neutralised citizenship) प्राप्त कर सकता है.