Turkey ने बदला नाम...पहले भी कई देश कर चुके हैं ऐसा काम, बेहद दिलचस्प हैं वजहें

तुर्की (Turkey) ने अपना नाम आधिकारिक रूप से बदलकर तुर्किये रख दिया है. तुर्की को यूनाइटेड नेशन ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से भी मंजूरी मिल गई है. दरअसल तुर्की के विदेश मंत्री मेवतुल कावुसिग्लू ने कुछ दिन पहले तुर्की का नाम बदलने का अनुरोध किया था.

तुर्की
शताक्षी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2022,
  • अपडेटेड 1:02 PM IST
  • द नीदरलैंड्स का भी बदला है नाम
  • श्रीलंका का नाम पहले सीलोन था

तुर्की (Turkey) को दुनिया में अब तुर्किये नाम से जाना जाएगा. बुधवार को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने तुर्की का नाम बदलने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. दरअसल यूनाइटेड नेशंस (UN) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (antonio guterres) ने कहा कि, "तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने चिट्ठी लिखकर बताया, अब उनके देश को तुर्की नहीं बल्कि तुर्किये के नाम से जाना जाएगा." दरअसल तुर्की के विदेश मंत्री मेवतुल कावुसिग्लू ने कुछ दिन पहले तुर्की का नाम बदलने का अनुरोध किया था.

क्यों बदला गया तुर्की का नाम?
तुर्की का नाम बदलने के पीछे लंबा इतिहास है. दरअसल तुर्की की स्थानीय भाषा में इसका मतलब नकारात्मक है. 1923 में तुर्की को आजादी मिलने के बाद से ही वहां से लोग आधिकारिक रूप से नाम बदलना चाहते हैं. यहां तक की वो अपने देश में तुर्की को तुर्किये (Türkiye) ही बोलते हैं. आधिकारिक तौर पर तुर्की को तुर्किये बनाने की कोशिश लंबे समय से चलती आ रही है. इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि तुर्की की सरकार अपने देश के नाम तुर्किये को दुनिया में ब्रांड के तौर पर स्थापित करना चाहती है इसलिए वो तुर्की नाम बदलने पर जोर दे रही थी जिसे अब मंजूर कर लिया गया है. 
बता दें कि तुर्की की सरकार ने पिछली सरकार से ही अपने देश का नाम तुर्की लिखना बंद कर दिया था. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान (Turkish President Recep Tayyip Erdogan) ने आदेश दिया था कि अब से तुर्की की जगह तुर्किये- लिखा जाए. इसके बाद से ही तुर्की से निर्यात होने वाले सामानों पर भी मेड इन तुर्किये लिखा जाने लगा था.

इन देशों ने भी बदले हैं अपने नाम

द नीदरलैंड्स (The Netherlands)
यूरोप के उत्तर-पश्चिम में समुद्र के किनारे बसे इस देश को पहले हॉलैंड (Holland) भी कहा जाता था. हॉलैंड नाम को हटाकर डच सरकार ने भी अपनी छवि में सुधार किया है. 2020 के बाद से व्यापारिक नेता, पर्यटन बोर्ड और केंद्र सरकार सभी देश को नीदरलैंड्स के नाम से पुकारते हैं. अब नीदरलैंड्स के 12 प्रांतों में से नॉर्थ हॉलैंड और साउथ हॉलैंड 2 प्रांत हैं. दरअसल हॉलैंड को ज्यादातर नशीली दवाओं और वेश्यावृत्ति से जोड़ा जाता था, जिस कारण लोग लोग वहां जाना नहीं पसंद करते थे. 

उत्तरी मेसिडोनिया (North Macedonia)
2019 में, रिपब्लिक ऑफ मेसिडोनिया (Republic of Macedonia) आधिकारिक तौर पर उत्तर मेसिडोनिया रिपब्लिक बन गया. हालांकि इसके पीछे राजनीतिक कारण था. दरअसल उत्तर मेसिडोनिया ने नाटो और यूरोपीय संघ में शामिल होने के लिए ग्रीस से अपने बेहतर रिश्ते बनाना चाहता था. दरअसल ग्रीस को मेसिडोनिया नाम से दिक्कत थी, क्योंकि ग्रीस में एक भौगोलिक क्षेत्र का नाम भी मेसिडोनिया है. मेसिडोनिया एक प्राचीन ग्रीक साम्राज्य है. उसके बाद ग्रीस ने इस देश के लिए "वरदार गणराज्य" या "रिपब्लिक ऑफ स्कोप्जे" नाम सुझाया था, पर आखिरकार इसका नाम उत्तर मेसिडोनिया पड़ा, और इसकी आधिकारिक भाषा और यहां के नागरिकों को मेसिडोनियन कहा जाने लगा.

इस्वातिनी (Eswatini)
अफ्रीका में स्थित इस देश का नाम 2018 में बदला गया, जब यहां के राजा मस्वाती तृतीय ( King Mswati III) ने देश के अतीत से मुक्त होने के लिए स्वाज़ीलैंड (Swaziland) का नाम बदलकर इस्वातिनी कर दिया. इसके अलावा नाम बदलने की एक और वजह ये भी थी कि कई लोग स्वाज़ीलैंड और स्विट्जरलैंड (Switzerland) में कंफ्यूज हो जाते थे, ये बात राजा मस्वाती तृतीय को पसंद नहीं थी. जिसके बाद देश की 50वीं वर्षगांठ पर स्वाज़ीलैंड का नाम बदलकर इस्वातिनी रख दिया गया. इस्वातिनी का अर्थ उनकी भाषा में "स्वाज़ियों की भूमि" है.

चेकिया (Czechia)
इस यूरोपीय देश का नाम पहले चेक रिपब्लिक था, जिसे 2016 में बदलकर चेकिया कर दिया गया. हालांकि वहां की सरकार ये भी चाहती थी, अंतरराष्ट्रीय संदर्भों में उसे केवल चेक बुलाया जाए. जिस तरह फ्रांस का आधिकारिक नाम फ्रेंच रिपब्लिक है, उसी तरह चेक रिपब्लिक (Czech Republic) चेकिया हो सकता है. हालांकि यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र और कुछ बड़ी कंपनियां इसे चेकिया के रूप में संदर्भित करती हैं, लेकिन यह नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी लोकप्रिय नहीं हुआ है. शायद एक कारण यह है कि चेकिया को काकेशस में एक रूसी रिपब्लिक चेचन्या (Chechnya) के साथ जोड़ा जाता है. 2020 में, चेक प्रधान मंत्री लेडी बाबिस ने द वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि उन्हें चेकिया नाम बिल्कुल पसंद नहीं आया.

श्रीलंका (Sri Lanka)
इस्वातिनी की तरह श्रीलंका ने कोलोनियल संघों से अलग होने के लिए अपना नाम बदल दिया था. दरअसल पहले श्रीलंका का नाम सीलोन था. वैसे तो आधिकारिक नाम परिवर्तन 1972 में किया गया था जब यह ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र हो गया था. लेकिन श्रीलंका ने आधिकारिक तौर पर पुराने कोलोनियल नाम सीलोन को सरकारी उपयोग से 2011 तक पूरी तरह से हटा दिया था. 

ईरान (Iran)
नाम बदलने की लिस्ट में ईरान का भी नाम आता है. 1935 में ईरान ने अपना नाम फारस से बदल लिया था. फारसी में ईरान का अर्थ पर्शियन है. दरअसल इसके नाम बदलने के पीछे ये कारण है कि उस समय ये माना गया कि स्थानीय रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले नाम से ही देश को पुकारा जाना जाहिए न की ऐसा नाम जो बाहर के लोग जानते हैं.
 

 

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