भारत-अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते में इस साल हुई मजबूत वापसी: अमेरिकी महावाणिज्यदूत

महामारी ने व्यापार पर गहरा और विपरित असर डाला है. इसके बावजूद अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना रहा.रविन ने कहा, ‘‘2021 के आँकड़े भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते में एक मजबूत वापसी की तरफ इशारा कर रहे है.

अमेरिकी महावाणिज्यदूत जूडिथ रेविन
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST
  • 2021 के आंकड़े भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार में मजबूत वापसी के संकेत दे रहे हैं
  • दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में वृद्धि असाधारण रही है-रेविन

बेंगलुरु टेक समिट 2021 के भारत-अमेरिका टेक कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए अमेरिकी महावाणिज्यदूत जूडिथ रेविन ने कहा है कि साल 2021 के आंकड़े भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार में मजबूत वापसी का संकेत दे रहे हैं. रेविन ने कहा है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में असाधारण बढ़ोतरी दर्ज की गई है. रेविन के मुताबिक दोनों देशों के बीच 2001 में व्यापार लगभग 20 अरब डॉलर का था जो 2019 में बढ़कर 145 अरब डॉलर से ज्यादा का हो गया. 

महामारी के बावजूद भारत-अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते में आई मजबूती

रेविन ने आगे कहा कि महामारी ने व्यापार पर गहरा और विपरित असर डाला है.  इसके बावजूद अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना रहा.रेविन ने कहा, ‘‘2021 के आँकड़े भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते में एक मजबूत वापसी की तरफ इशारा कर रहे हैं,आने वाले समय में अगर यह बरकरार रहता है  तो हम 2019 की संख्या को पार कर सकते हैं.’’

22 नवंबर को कैथरीन ताई पीयूष गोयल से करेंगे मुलाकात

रेविन ने आगे कहा कि भारत में निरंतर विकास को बढ़ावा मिलने की वजह अमेरिकी कंपनियों का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है. आगे रविन ने बताया कि द्विपक्षीय व्यापार के संबंध में, संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई 22 नवंबर को अपने समकक्ष, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ मुलाकात करने के लिए नई दिल्ली की यात्रा करेंगे, चेन्नई में अमेरिकी महावाणिज्य दूत ने कहा कि "दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के विस्तार के अलग अलग आयामों पर व्यापक रूप से विचार करने के लिए सहमत हुए."

भारत के व्यापार में बेहतरी  के लिए अमेरिका सबसे मजबूत भागीदार- रेविन

रेविन ने कहा कि भारत के व्यापार में बेहतरी के लिए अमेरिका से मजबूत कोई भागीदार नहीं है. "हम सभी ये अच्छी तरह से जानते हैं कि भारत की आर्थिक ताकत न केवल भारत के हित में है, बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बाकी देशों के हित में भी है.

 

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