कोरोना वायरस अभी भी हम सब के बीच है और इससे बचने के लिए सरकार लगातार वैक्सीनेशन पर ज़ोर दे रही है. लोगों के बीच भी वैक्सीन और कोरोना वायरस को लेकर जागरुकता बढ़ रही है. लेकिन एक सवाल जो अभी भी बना हुआ है वो ये है कि क्या कोरोना वायरस की शुरूआत सच में चीन के हुआनान सी-फूड बाजार से हुई थी या इसकी शुरूआत चीन के वुहान लैब से हुई थी. आपको बता दें कि दो नए रिसर्च ने चीन के वुहान लैब से कोरोना की उत्पत्ति को लेकर किए जा रहे सवाल को लेकर जवाब दे दिया है. ये दोनों ही रिसर्च ये साबित करते हैं कि कोरोनोवायरस महामारी की उत्पत्ति चीन के हुआनान सी-फूड बाजार से हुई थी जहाँ जिंदा जानवरों को बेचा जाता है.
साइंस जर्नल के ऑनलाइन प्रकाशन में छपे शोध से ये पता चलता है कि हुआनन सीफूड होलसेल मार्केट से ही कोरोना महामारी की शुरूआत हुई थी, बता दें कि इस कोरोना महामारी ने आज लगभग 6.4 मिलियन लोगों की जान ले ली है.
स्क्रिप्स रिसर्च में इम्यूनोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और इस रिसर्च के सह-लेखक क्रिस्टियन एंडरसन ने इस सिलसिले में कहा कि, " रिसर्च में सामने आए सारे सबूत इस बात की गवाही देते हैं कि कोरोना वायरस वुहान के मध्य में मौजूद जिंदा जानवरों के बाजार में ही पैदा हुआ था.
इस अध्ययन में, चीनी वैज्ञानिकों की तरफ से इकट्ठा किए गए डेटा को शामिल किया गया, एरिज़ोना विश्वविद्यालय के जीवविज्ञानी माइकल वोरोबे और उनके सहयोगियों ने दिसंबर 2019 में सबसे पहले रिपोर्ट किए गए कोविड -19 मामलों में से 150 से ज्यादा जगहों का अंदाजा लगाने के लिए मैपिंग टूल का इस्तेमाल किया. फिर 2020 में जनवरी और फरवरी महीने में सोशल मीडिया ऐप के डेटा का इस्तेमाल करते हुए कोविड -19 के शिकार लोगों का एक चैनल बनाया. सोशल मीडिया ऐप के डेटा ने इस बात की पुष्ठी की कि कोरोना की शुरूआती मामले हुआनान सी-फूड बाजार से ही आए थे. रिसर्च इस बात की तरफ भी इशारा करती है कि हुआनान सी-फूड बाजार के बाद कोरोना वायरस स्थानीय समुदाय में फैलना शुरू हो गया था.
रिसर्च में शामिल क्रिस्टियन एंडरसन ने कहा कि रिसर्च में उन्हें बाजार के अंदर भी केस क्लस्टर मिले, "और यह क्लस्टरिंग खास तौर से बाजार के कुछ हिस्सों में है". जहां अभी भी जंगली जानवरों की खरीद -फरोख्त होती है. बता दें कि चीन के इस बाज़ार में रेकून कुत्ते बेचे जाते हैं जो कोरोनोवायरस के संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं.
दूसरे अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने चीन के अंदर और बाहर वायरस की जीनोमिक विविधता का विश्लेषण किया है. इस विश्लेषण में ये बताया गया है कि कोरोना की दो वंश ए और बी महामारी की शुरूआत में काफी एक्टिव थे. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो के एक वायरल विकास विशेषज्ञ और इस रिसर्च के सह-लेखक जोएल वर्थाइम ने बताया कि वंश ए आनुवंशिक रूप से बैट कोरोनवायरस की तरह है, लेकिन कोरोना का वंश बी मनुष्यों में पहले फैलना शुरू हो गया था, और इसकी शुरूआत चीन के हुआनान बाजार से हुई थी.
कई वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस चमगादड़ों से सीधे या किसी दूसरे जानवर के जरिए इंसानों में पहुंचा. लेकिन जून में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बात की सख्त जांच की सिफारिश की कि क्या कोरोना वायरस की शुरूआत के लिए चीन के वुहान लैब को दोष दिया जा सकता है. इस सिलसिले में आलोचकों का कहना था कि WHO को लैब लीक थ्योरी को खारिज करने की बहुत जल्दी थी.
अब इस रिसर्च के बाद रिसर्चर का कहना है कि " कोरोना वायरस की उत्पत्ति और लैब लीक थ्योरी को हमने गलत नहीं ठहराया है. हो सकता है कि कोरोना की शुरूआत लैब से हुई हो. लेकिन इस बात के ज्यादा प्रमाण हैं कि कोरोना वायरस की शुरूआत सी -फूड - मार्केट से हुई हो.
वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि महामारी की उत्पत्ति अभी भी विवादास्पद बनी हुई है. लेकिन ये भी सच है कि ये दोनों अध्ययन वास्तव में कोरोना की उत्पत्ति के लिए कुछ ठोस गवाह पेश करते हैं .