डॉक्टरों ने दी बीमारी की गलत जानकारी....कैंसर को बताया कब्ज....मां ने गूगल की मदद से लगाया पता

पिछले साल अक्टूबर में, जब लुईस ने देखा कि ग्रेस का पेट सूज गया है, वह उसे फिर से अस्पताल ले गई. एक जांच के लिए उन्हें वॉर्केस्टरशायर रॉयल अस्पताल रेफर कर दिया गया. "मैंने ग्रेस के लक्षणों को गूगल किया और पाया  कि यह शायद कैंसर हो सकता है," लुईस ने कहा.

Grace ; Source: Mirror
gnttv.com
  • ब्रिटेन,
  • 05 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:56 AM IST
  • डॉक्टरों को कब्ज या अपेंडिसाइटिस का था संदेह 
  • अक्टूबर में सूज गया बच्ची का पेट
  • 14 सेमी लंबा है ट्यूमर

यूं तो डॉक्टरों के चमत्कारों की कहानी हम सुनते रहते हैं लेकिन हाल ही में ब्रिटेन के डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक दो साल की मासूम बच्ची की जान पर बन आई है. जब बच्ची की मां उसे अस्पताल लेकर गई तो उन्होंने उसे मामूली कब्ज बताकर घर भेज दिया. लेकिन बच्ची की मां इससे संतुष्ट नहीं हुई. उन्होंने गूगल का सहारा लिया और पता लगाया कि ये लक्षण कैंसर के हो सकते हैं और आखिरकार 5 महीने बाद इस कैंसर की पुष्टि हुई.

डॉक्टरों को कब्ज या अपेंडिसाइटिस का था संदेह 

इंकबेरो, वर्क्स की 34 वर्षीय लुईस मिलवर्ड की बेटी ग्रेस जब पिछले साल मई में बहुत जल्दी थकने लगीं और उन्हें  भूख नहीं लगने लगी तो उनकी मां उन्हें जीपी ले गई, जहां उन्हें वॉर्केस्टरशायर रॉयल अस्पताल में रेफर कर दिया गया. डॉक्टरों को संदेह था कि उसे कब्ज या अपेंडिसाइटिस है और उसे बर्मिंघम चिल्ड्रन हॉस्पिटल में इलाज के बाद घर भेज दिया गया. हालांकि, अगले पांच महीनों में, लुईस ने देखा कि ग्रेस अपना संतुलन खो रही है और उल्टी कर रही है. लुईस ने बताया, "ग्रेस की हालत उस समय वास्तव में खराब थी, हमने सोचा कि यह एक वायरस या कुछ और हो सकता है."

अक्टूबर में सूज गया बच्ची का पेट 

पिछले साल अक्टूबर में, जब लुईस ने देखा कि ग्रेस का पेट सूज गया है, वह उसे फिर से अस्पताल ले गई. एक जांच के लिए उन्हें वॉर्केस्टरशायर रॉयल अस्पताल रेफर कर दिया गया. "मैंने ग्रेस के लक्षणों को गूगल किया और पाया  कि यह शायद कैंसर हो सकता है," लुईस ने कहा. पिछले साल 2 नवंबर को पता चला कि दो वर्षीय ग्रेस, एक ख़ास तरह के कैंसर, हेपेटोब्लास्टोमा से ग्रसित है. यह एक दुर्लभ कैंसर है जो दस लाख बच्चों में से सिर्फ एक को होता  है. आगे के परीक्षणों के बाद पता चला कि ग्रेस के लीवर में भी सूजन थी. 

14 सेमी लंबा है ट्यूमर

“डॉक्टरों ने मुझे बताया था कि उसका लीवर बहुत बड़ा हो गया था और यही मैं उसकी छाती से बाहर निकलते हुए देख सकता था।" उसकी नसों पर उसके ट्यूमर का दबाव साफ-साफ दिख रहा था. लुईस ने कहा, "क्योंकि ग्रेस की बीमारी दुर्लभ है, इसलिए मैं कुछ हद तक गुस्से में हूं कि यह चूक गया." उन्होंने आगे कहा, "जब उसकी जांच की गई तो पता चला कि ट्यूमर की लंबाई 14 सेमी थी. 23 महीने के बच्चे के लीवर में 14 सेमी की लंबाई का ट्यूमर होना बहुत बड़ी बात है. यही कारण है कि यह उसके पेट से बाहर निकल रहा था. लुईस का कहना है कि अगर मई में इसकी  ठीक से जांच की गई होती तो शायद यह उतना बड़ा नहीं होता और इसे थोड़ा अलग तरीके से हल किया जा सकता था.

 

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