Donald Trump Shot: अमेरिका (America) के पूर्व राष्ट्रपति और आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान जानलेवा हमले में गोली लगने से घायल हो गए हैं. इस हमले के बाद ट्रंप की सुरक्षा में तैनात सीक्रेट सर्विस एजेंसी (Secret Service Agency) पर देश-दुनिया में सवाल उठने लगे हैं.
ट्रंप से सिर्फ 400 फीट दूर हमलावर था. इसके बावजूद कैसे सीक्रेट सर्विस उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रही. हालांकि हमले के तुरंत बाद सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर्स ने 20 साल के हमलावर को मौके पर ही ढेर कर दिया. गोली ट्रंप के कान से होते हुए निकल गई. निशाना थोड़ा भी इधर-उधर होता तो ट्रंप की जान भी जा सकती थी. आइए जानते हैं क्या है सीक्रेट सर्विस एजेंसी और यह कैसे काम करती है.
सीक्रेट सर्विस एजेंसी का कब हुआ था गठन
यूएस की सीक्रेट सर्विस का गठन 1865 में ट्रेजरी डिपार्टमेंट की शाखा के तौर पर किया गया था. इसका काम डॉलर की जालसाजी को रोकना था. उस समय फेक करेंसी जमकर बनाई जा रही थी. राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन किसी भी तरह से जाली करेंसी पर निजात पाना चाहते थे.
उन्होंने इस पर रोक लगाने के लिए सीक्रेट सर्विस नामक एजेंसी का गठन किया था. 6 सितंबर 1901 को तत्कालीन राष्ट्रपति विलियम मैकिनले की न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उससे पहले राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन और जेम्स गार्फील्ड की भी हत्या कर दी गई थी. इन सब घटनाओं के बाद वाइट हाउस ने एक बड़ा कदम उठाते हुए सीक्रेट सर्विस को फेक करेंसी पर लगाम लगाने के साथ राष्ट्रपति की सुरक्षा का भी जिम्मा सौंप दिया.
राष्ट्रपति के अलावा इनको भी देती है सुरक्षा
सीक्रेट सर्विस एजेंसी सिर्फ राष्ट्रपति ही नहीं उपराष्ट्रपति की सुरक्षा का जिम्मा भी संभालती है. यूएस में पचास के दशक में फॉर्मर प्रेसिडेंट एक्ट पास हुआ, जो पूर्व राष्ट्रपतियों और उनके पति या पत्नी को पूरी जिंदगी प्रोटेक्शन देता है. पूर्व राष्ट्रपतियों के 15 साल तक के बच्चों की सुरक्षा भी सीक्रेट सर्विस के जिम्मे होता है. हालांकि कई बार ये सुरक्षा लंबे समय तक भी मिलती है. सीक्रेट सर्विस एजेंसी राष्ट्रपति पद के प्रमुख उम्मीदवार, यूएस पहुंचने वाले दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष की सुरक्षा में भी तैनात होती है. राष्ट्रपति के उत्तराधिकारियों की भी हिफाजत सीक्रेट सर्विस करती है.
इतने दिन पहले सुरक्षा देना कर देती है शुरू
सीक्रेट सर्विस राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के सबसे मजबूत दावेदारों को चुनाव के 120 दिनों से पहले सुरक्षा देना शुरू कर देती है. यूनाइटेड स्टेट्स कोड के सेक्शन 3056 के तहत दावेदारों को सेफ्टी मुहैया कराई जाती है. राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल सारे लोग ही मेजर कैंडिडेट नहीं माने जाते, बल्कि सेक्रेटरी ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी देखता है कि पद पर जाने की किनकी सबसे ज्यादा संभावनाएं हो सकती हैं. छुटपुट पार्टियों के कैंडिडेट को सुरक्षा नहीं दी जाती. इनके बारे में माना जाता है कि वे वोट काटने के लिए ही चुनाव में खड़े होते हैं.
बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है एजेंसी
सीक्रेट सर्विस एजेंसी की मौजूदा समय में डायरेक्टर किंबरली ए चीटल हैं. सीक्रेट सर्विस एजेंट्स के पास वारंट इश्यू करने की पावर होती है, लेकिन ये एजेंट बिना वारंट के भी गिरफ्तारी कर सकते हैं. सीक्रेट सर्विस एजेंसी के पास फायरआर्म्स रखने वाले कुल 3 हजार 2 सौ स्पेशल एजेंट्स हैं. सीक्रेट सर्विस की यूनिट में 13 सौ डिवीजन ऑफिसर्स और 2 हजार से ज्यादा टेक्निकल और सपोर्ट पर्सनल हैं. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति या फिर उनका परिवार यदि चाहे तो भी वे सीक्रेट सर्विस एजेंट्स को खुद की ड्यूटी करने से रोक नहीं सकते.
सीक्रेट सर्विस एजेंसी कैसे करती है काम
1. सीक्रेट सर्विस यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की शाखा है. ये पैसों के अलावा हाई-प्रोफाइल मामलों की तहकीकात करती है.
2. सीक्रेट सर्विस एजेंसी जिसकी भी सुरक्षा में तैनात रहती है, उसे कभी अकेले नहीं छोड़ती. यहां तक की बाथरूम में भी अकेले नहीं जाने देती. यदि राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति जेल जाते तो भी उनके साथ सीक्रेट सर्विस एजेंसी के एजेंट रहते हैं.
3. राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के कोई गेम खेलने या हॉस्पिटल में इलाज के दौरान भी सीक्रेट सर्विस एजेंसी के एजेंट मुस्तैद रहते हैं.
4. यदि यूएस के राष्ट्रपति किसी दूसरे देश का दौरा करने जाते हैं तो उससे तीन महीने पहले ही सीक्रेट सर्विस के एजेंट वहां पहुंच जाते हैं. उस देश की लोकल पुलिस के साथ मिलकर सिक्योरिटी का जिम्मा संभाल लेते हैं.
5. जिस होटल में यूएस राष्ट्रपति ठहरते हैं. सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स वहां के तीन फ्लोर को अपने कब्जे में ले लेते हैं. राष्ट्रपति जिस कमरे में ठहरने वाले होते हैं, सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स उस कमरे के पूरे इलेक्टॉनिक डिवाइस को बदलते हैं.
6. अपने पास सीक्रेट सर्विस एजेंट्स हमेशा एक बैग रखते हैं. इसमें राष्ट्रपति के ब्लड ग्रुप का सैंपल रहता है. सीक्रेट सर्विस एजेंट्स इमरजेंसी की स्थिति में इलाज भी कर सकते हैं.
7. राष्ट्रपति जहां पर होते हैं, उनके आसपास के अस्पतालों में सीक्रेट एजेंसी के एजेंट मौजूद होते हैं ताकि किसी इमरजेंसी में वे को-ऑर्डिनेट कर सकें.
8. राष्ट्रपति के खाने में कोई जहर न मिला दे इसके लिए सीक्रेट एजेंसी के एजेंट्स व्हाइट हाउस के किचन में स्टाफ की हर गतिविधि पर नजर रखते हैं.
चश्मदीदों ने बताया ट्रंप पर हमले से पहले दिखा था बंदूकधारी
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी रैली में संबोधन के दौरान उनपर हुए हमले के दो चश्मदीदों ने इस बारदात को लेकर बताया कि जिस जगह डोनाल्ड ट्रंप पर हमला हुआ वहां उन्होंने शूटर को पहले ही देख लिया था. एक चश्मदीद ने कहा की एक हथियारबंद एक छत से दूसरी छत घूमता दिखाई दे रहा था.
इस बात से यह माना जा रहा है कि हमलावर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पर गोली चलाने के लिए एक सही जगह की तलाश कर रहा था. कुछ लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को भी दी थी. इसके बावजूद सीक्रेट सर्विस और पुलिस ने कुछ नहीं किया. पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर गोली के चलाने के दौरान हमलावर रैली स्थल से 400 फीट की दूरी तक आ गया था. इसके बावजूद उसे सीक्रेट सर्विस एजेंट्स गिरफ्तार नहीं कर सके. इस बात की भी जांच हो रही है कि कोई हमलावर पूर्व राष्ट्रपति के इतने नजदीक कैसे पहुंच गया. अमेरिकी एजेंसी एफबीआई ने बंदूकधारी हमलावर की पहचान पेंसिल्वेनिया के बेथेल पार्क के रहने वाले 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रुक्स के रूप में की है.