Trump ने रोकी यूक्रेन को सैन्य मदद... क्या होंगे इसके मायने, क्या रुक जाएगा रूस-यूक्रेन युद्ध, घुटने टेकेंगे ज़ेलेंस्की? जानिए अहम बातें

अमेरिका के रक्षा विभाग के डॉक्युमेंट्स के अनुसार, अमेरिकी सरकार ने अब तक यूक्रेन को 86 अरब डॉलर देने का वादा किया है. इस सैन्य मदद में यूक्रेन को क्या-क्या मिल रहा था, क्या-क्या अब नहीं मिलेगा, और यूक्रेन पर क्या असर पड़ेगा, समझिए.

Zelensky recounted the unexpected turn of events during their White House meeting, describing it as not proceeding as planned.
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 11:39 AM IST
  • ट्रम्प ने रोका यूक्रेन का मिलिट्री एड
  • तीन साल से जारी है रूस-यूक्रेन युद्ध
  • युद्ध रोकना नहीं चाहते ज़ेलेंस्की : ट्रम्प

रूस और यू्क्रेन के बीच 2022 में शुरू हुए युद्ध को तीन साल से ज्यादा का समय हो गया है. कुछ महीने पहले तक इस युद्ध के रुकने की कोई संभावनाएं नहीं दिख रही थीं लेकिन अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) के सत्ता में आते ही लग रहा है कि यह युद्ध रुकने की कगार पर है. हाल ही में ट्रम्प ने ओवल ऑफिस में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की के साथ एक बैठक की थी. 

इस बैठक में मीडिया भी मौजूद थी. अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वान्स भी मौजूद थे. ट्रम्प और ज़ेलेंस्की के बीच हुई बहस दुनिया ने देखी. ट्रम्प ने उस बैठक में साफ कर दिया था कि वह इस युद्ध में आगे यूक्रेन की मदद नहीं करेंगे और वह इसे रोकना चाहते हैं. बैठक के तीन दिन बाद उन्होंने यूक्रेन को मिलने वाली सैन्य सहायता भी रोक दी. 

यह सैन्य सहायता कौनसी है, इसके रुकने से यूक्रेन पर क्या असर पड़ेगा और क्या रूस-यूक्रेन युद्ध रुक जाएगा? आइए डालते हैं इन सभी सवालों के जवाबों पर सरसरी नज़र. 

ट्रम्प ने जो मदद रोकी, उसमें क्या था? 
अमेरिका के रक्षा विभाग के डॉक्युमेंट्स के अनुसार, अमेरिकी सरकार ने अब तक यूक्रेन को 86 अरब डॉलर देने का वादा किया है. इसमें से कितनी मदद यूक्रेन तक पहुंच चुकी है, इसकी जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं. यानी आसान शब्दों में कहा जा सकता है कि यूक्रेन तक जो भी मदद नहीं पहुंची थी, उसके ऊपर रोक लगा दी गई है. 

इस मदद के तहत अमेरिका यूक्रेन को सिर्फ धन नहीं दे रहा था, बल्कि ड्रोन, हेलिकॉप्टर, मिसाइल, टैंक और एयर डिफेंस सिस्टम सहित कई तरह के हथियार भी दे रहा था. यानी ट्रम्प के फैसले के बाद अब यूक्रेन को ना तो हथियार मिलेंगे और ना ही कोई रकम मिलेगी. 

क्या रुकेगा रूस-यूक्रेन युद्ध?
ट्रम्प के साथ हुई बैठक के बाद ज़ेलेंस्की नेटो (NATO) की बैठक में शामिल हुए. इसमें सभी यूरोपीय देश मौजूद थे. कनाडा मौजूद था. बस अमेरिका ही इस मीटिंग से नदारद रहा. हालांकि मदद रोकने के ट्रम्प के दांव ने यूक्रेन को सोच-विचार करने पर मजबूर कर दिया है. ट्रम्प का मानना है कि ज़ेलेंस्की "युद्ध रोकने के पक्ष में नहीं हैं." 

एक सच यह भी है कि अमेरिका की मदद के बिना रूस को टक्कर देना यूक्रेन के बूते की बात नहीं है. जहां तक बात है यूरोप की है तो वह भी बहुत देर तक यूक्रेन का साथ नहीं दे पाएगा. इस तरह ट्रंप ने ज़ेलेंस्की पर शिकंजा कस दिया है. उनके पास अब शांति समझौता करने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है. 

अब अगर ज़ेलेंस्की अन्य यूरोपीय देशों की मदद से जंग जारी रखते हैं तो तय है कि रूस की सेना यूक्रेन में तबाही मचा देगी. क्योंकि उसे रोकने के लिए अब ना तो यूक्रेन के पास मिसाइल होगी और ना ही कोई अन्य हथियार. ट्रंप के इस फैसले से यूक्रेन जंग की तस्वीर कैसे बदलने वाली है, यह वक्त ही बताएगा. फिलहाल ऐसा ही लगता है कि यह युद्ध अपने अंतिम दिनों में है. 

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